Uttar Pradesh

StateCommission

RP/156/2015

Pancham Maurya - Complainant(s)

Versus

Uppcl - Opp.Party(s)

Ambarish Kaushal

16 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/156/2015
( Date of Filing : 16 Oct 2015 )
(Arisen out of Order Dated 02/09/2015 in Case No. ex/04/2015 of District Jaunpur)
 
1. Pancham Maurya
Jaunpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Uppcl
Jaunpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Aug 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

पुनरीक्षण सं0-१५६/२०१५

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, जौनपुर द्वारा इजराय सं0-०४/२०१५ में पारित आदेश दिनांक ०२-०९-२०१५ के विरूद्ध)

 

पंचम मौर्या पुत्र श्री देवनन्‍दन मौर्या, निवासी मौजा बेहड़ा, परगना व तहसील केराकत, जिला जौनपुर।                               

                                               ...........पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी।

बनाम

अधिशासी अभियन्‍ता विद्युत वितरण खण्‍ड-प्रथम, यू0पी0 पावर कारपोरेशन लिमिटेड, जौनपुर।                                            

                                                     ............प्रत्‍यर्थी/विपक्षी।

 

समक्ष:-

१-  मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

२-  मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री अम्‍बरीश कौशल श्रीवास्‍तव विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री दीपक मेहरोत्रा विद्वान अधिवक्‍ता के सहयोगी

                            अधिवक्‍ता श्री मनोज कुमार।

दिनांक :- २२-०८-२०२२.     

 

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह पुनरीक्षण, जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, जौनपुर द्वारा इजराय सं0-०४/२०१५ में पारित आदेश दिनांक ०२-०९-२०१५ के विरूद्ध योजित किया गया है।

संक्षेप में पुनरीक्षणकर्ता का कथन है कि प्रश्‍नगत आदेश विधि विरूद्ध, मनमाना और बिना तथ्‍यों का आंकलन किए पारित किया गया है तथा परिस्थितियों के विपरीत है। विद्वान जिला फोरम इसका आंकलन नहीं कर सका कि पुनरीक्षणकर्ता, निर्णयधारक परिवाद सं0-४५७/२००४ का है। दिनांक ११-१०-२००७ को परिवाद में निर्णय होने के पश्‍चात् निर्णय ऋणी विद्युत विभाग अपील में गया जो माननीय राज्‍य आयोग द्वारा दिनांक ३१-०१-२०१४ को निरस्‍त कर दी गयी। इसके पश्‍चात् केवल निष्‍पादन वाद पर कार्यवाही होनी थी जो विद्वान जिला फोरम नहीं कर सका। इसलिए जिला फोरम का प्रश्‍नगत

 

 

-२-

आदेश दिनांक ०२-०९-२०१५ अपास्‍त होने योग्‍य है। जब डिक्री के विरूद्ध चुनौती निरस्‍त हो गई तब प्रश्‍नगत आदेश भी निरस्‍त होने योग्‍य है। अत: माननीय राज्‍य आयोग से निवेदन है कि प्रस्‍तुत पुनरीक्षण स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत आदेश अपास्‍त किया जाए।

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।

हमने प्रश्‍नगत आदेश दिनांक ०२-०९-२०१५ का अवलोकन किया, जिसके अन्‍तर्गत परिवादी पंचम मौर्या का निष्‍पादन वाद संख्‍या-४/२०१५ विपक्षी के विरूद्ध निरर्थक होने के कारण खारिज किया गया।

विद्वान जिला फोरम के निर्णय दिनांक ११-१०-२००७ का भी हमने अवलोकन किया जिसमें विपक्षीगण को निर्देशित किया गया कि परिवादी द्वारा प्रोसेसिंग (इस्‍टीमेट) की धनराशि मु0 ८९३२/- रू० जमा करने के दो माह के अन्‍दर परिवादी को तीन हार्सपावर का विद्युत कनेक्‍शन निर्णय पारित होने के दो माह के अन्‍दर निर्गत करें। मा0 राज्‍य आयोग ने अपने निर्णय दिनांक २१-०१-२०१४ द्वारा इसकी अपील निरस्‍त कर दी और विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित आदेश की पुष्टि कर दी। प्रश्‍नगत आदेश दिनांक ०२-०९-२०१५ में यह लिखा है कि ०५ हार्सपावर बोरिंग का प्रमाण पत्र संलग्‍न है जिस पर वांछित फीस १०,०५५/- रू० परिवादी ने जमा कर दी है। इसके पश्‍चात् निष्‍पादन कार्यवाही निरर्थक हो गई है और अब परिवादी को ८,९३२/- रू० जमा करने की आवश्‍यकता नहीं है। जब वह १०,०५५/- रू० जमा कर चुका है और ०५ हार्सपावर का कनेक्‍शन देने के लिए प्रमाण पत्र तथा जमा धनराशि की रसीद निर्गत हो चुकी है तब ८,९३२/- रू० जमा करने की आवश्‍यकता नहीं रह गई है। जब ०५ हार्सपावर के कनेक्‍शन की कार्यवाही पूरी हो चुकी है तब निष्‍पादन वाद निरर्थक हो चुका है। ऐसी स्थिति में हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि वर्तमान पुनरीक्षण बलहीन है और खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान पुनरीक्षण खारिज किया जाता है।

इस पुनरीक्षण का व्‍यय उभय पक्ष पर।

 

 

-३-

उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                   (विकास सक्‍सेना)                (राजेन्‍द्र सिंह)

                       सदस्‍य                          सदस्‍य                    

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

                   (विकास सक्‍सेना)                (राजेन्‍द्र सिंह)

                       सदस्‍य                          सदस्‍य                    

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-२.     

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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