राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-42/2015
(जिला उपभोक्ता फोरम, द्वितीय मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्या 23/2014 में पारित निर्णय दिनांक 08.12.2014 के विरूद्ध)
नेमपाल सिंह पुत्र श्री नौबत सिंह निवासी मिलक अमावती जिला
मुरादाबाद हाल निवासी शाहपुर तिगरी, तहसील व जिला मुरादाबाद।
.........अपीलार्थी/परिवादी
बनाम्
1.पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा अपने मुख्य अभियंता
कार्यालय, दिल्ली रोड, मझौला, तहसील व जिला मुरादाबाद।
2.अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खण्ड द्वितीय सिविल
लाइन, मुरादाबाद।
3.तृतीय पक्ष पुष्पावती पत्नी दाताराम निवासी खुशहालपुर, तहसील
व जिला मुरादाबाद निकट मट्ठी लाल स्कूल के पीछे मुरादाबाद।
......प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
2. मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर.डी. क्रान्ति, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0 3 की ओर से उपस्थित :श्री अमित कुमार, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 25.09.2018
मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम द्वितीय मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्या 23/2014 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दि. 08.12.14 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है। जिला मंच ने परिवाद को फोरम के समक्ष पोषणीय न होने के कारण अपने उपरोक्त आदेश से खारिज कर दिया है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी के अनुसार परिवादी के पास ग्राम शाहपुर तिगरी गौतमबुद्ध पार्क के सामने उसके पास सर्विस विद्युत कनेक्शन है और वह दि. 14.08.12 से इसका उपभोक्ता है। परिवादी के
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अनुसार यह विद्युत कनेक्शन उसके स्वामित्व वाली संपत्ति में लगा है, किंतु विद्युत विभाग ने मना करने के बावजूद उसकी संपत्ति पर अन्य व्यक्ति के नाम का मीटर फर्जी तरीके से लगा दिया। जिला मंच के समक्ष प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत होने से पूर्व श्रीमती पुष्पा देवी नाम की महिला ने प्रार्थना पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया जिस जगह परिवादी नेमपाल सिंह अपने नाम का मीटर लगवाना चाहते हैं वह दि. 14.07.05 से बजरिए बैनामा उसकी स्वामिनी है और इस जमीन पर उसका विद्युत मीटर लगा हुआ है। जिला मंच के समक्ष परिवादी ने अपनी आपत्ति में यह कहा है कि प्रश्नगत संपत्ति गाटा संख्या 475 ग का भाग नहीं है, बल्कि संपत्ति गाटा संख्या 475 है और उसका वह स्वामी है।
पीठ ने अपीलार्थी तथा प्रत्यर्थी संख्या 3 के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनी एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों एवं साक्ष्यों का भलीभांति परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी ने अपने अपील आधार में यह अभिकथन किया है कि जिला मंच का निर्णय त्रुटिपूर्ण है और इसे पुन: सुनवाई के लिए जिला मंच को प्रतिप्रेषित किया जाए। अपीलार्थी के अनुसार यह प्रकरण अपीलार्थी/परिवादी व प्रत्यर्थी संख्या 1 व 2 विद्युत विभाग के मध्य था तथा श्रीमती पुष्पा देवी को इस प्रकरण में पक्षकार बनाए जाने का प्रार्थना पत्र देने का कोई अधिकार नहीं था। जिला मंच ने परिवादी को साक्ष्य देने का अवसर प्रदान नहीं किया। जिला मंच ने जिस सिविल मुकदमे का विवरण अपने आदेश में किया है वह संपत्ति के मिलकियत के संबंध में है न कि विद्युत कनेक्शन के संबंध में।
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जिला मंच ने अपने समक्ष प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि इस प्रकरण में परिवादी जिस जगह पर अन्य का मीटर हटवाकर अपना मीटर लगवाना चाहते हैं उसके स्वामित्व का विवाद पूर्व से ही दीवानी न्यायालय में लंबित है, अत: यह परिवाद फोरम के समक्ष पोषणीय नहीं है। हम जिला मंच के निष्कर्ष से सहमत हैं कि संपत्ति के विवाद के निस्तारण का क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्ता न्यायालयों को नहीं है। इस प्रकरण में परिवादी जिस भूमि पर अपना मीटर विद्युत विभाग से लगवाना चाहता है उस संपत्ति के संबंध में विवाद है, अत: हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि जिला मंच का निर्णय विधिसम्मत है उसमें कोई त्रुटि नहीं है। जिला मंच का आदेश पुष्टि किए जाने योग्य है। तदनुसार अपील निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है। जिला मंच द्वारा पारित निर्णय दि. 08.12.14 की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
निर्णय की प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध कराई जाए।
(उदय शंकर अवस्थी) (राज कमल गुप्ता) पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2