राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या-179/2015
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, बागपत द्वारा इजरा वाद संख्या 03/2013 में पारित आदेश दिनांक 28.10.2015 के विरूद्ध)
Smt. Munni Devi, W/o Sri Ramesh Chand, R/o Patti, Chaudhran, Kasba Baraut, District-Bagpat.
...................पुनरीक्षणकर्ता/डिक्रीदार
बनाम
Executive Engineer, Electricity Distribution Division-II, Baraut, Bagpat. ................विपक्षी/निर्णीत ऋणी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
3. माननीय श्री विजय वर्मा, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 22-11-2016
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
वर्तमान पुनरीक्षण याचिका धारा-17 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बागपत द्वारा इजरा वाद संख्या-03/2013 श्रीमती मुन्नी बनाम अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड में पारित आदेश दिनांक 28.10.2015 के विरूद्ध उपरोक्त इजरा वाद की डिक्रीदार श्रीमती मुन्नी देवी की ओर से आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त इजरा वाद में यह आदेश पारित किया है कि डिक्रीदार/परिवादिनी ने पैसा ड्राफ्ट
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से जमा न कर चेक से जमा किया है, जबकि पैसा चेक से जमा नहीं करना चाहिए था। ऐसी स्थिति में विपक्षी/निर्णीत ऋणी के विरूद्ध कोई कार्यवाही इस स्तर पर न्यायोचित नहीं है। उपरोक्त उल्लेख के अनुसार ही जिला फोरम ने आक्षेपित आदेश के द्वारा पुनरीक्षणकर्ता का प्रार्थना पत्र 3ग निस्तारित किया है।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 मिश्रा एवं विपक्षी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन उपस्थित आए हैं।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि पुनरीक्षणकर्ता ने उपरोक्त इजरा वाद संख्या-03/2013 में जिला फोरम द्वारा पारित पूर्व आदेश के अनुपालन में 4823/-रू0 का चेक विपक्षी को इजरा वाद में पारित आदेश के अनुपालन में दिया है, जिसमें यह कहा गया है कि परिवादिनी उपरोक्त धनराशि 4823/-रू0 विपक्षी के कार्यालय में एक माह के अन्दर जमा करके रसीद दाखिल कर देवे। अगर विपक्षी कार्यालय में न प्राप्त करे तो इस फोरम में बजरिया ड्राफ्ट जमा करे।
जिला फोरम ने आक्षेपित आदेश दिनांक 28.10.2015 उक्त इजरा वाद में पूर्व पारित आदेश के अनुक्रम में पारित किया है। अत: पुनरीक्षणकर्ता पूर्व पारित आदेश के अनुसार उपरोक्त वांछित
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धनराशि का ड्राफ्ट जिला फोरम में जमा कर पुन: विधि के अनुसार जिला फोरम के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकता है। अत: वर्तमान पुनरीक्षण याचिका पुनरीक्षणकर्ता को इस छूट के साथ निस्तारित की जाती है कि वह वांछित धनराशि का ड्राफ्ट जिला फोरम में एक मास के अन्दर जमा करके प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करे। यदि पुनरीक्षणकर्ता द्वारा जिला फोरम के समक्ष ऐसा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाता है तो जिला फोरम परिवाद में पारित मूल आदेश एवं उपरोक्त इजरा वाद में पारित पूर्व आदेश को दृष्टिगत रखते हुए विधि के अनुसार प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की तिथि से एक माह के अन्दर अवश्य आदेश पारित करेगा।
उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 22.12.2016 को उपस्थित हों।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी) (विजय वर्मा)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1