Uttar Pradesh

Faizabad

CC/99/2012

Durvijay Singh - Complainant(s)

Versus

uppcl - Opp.Party(s)

08 Oct 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/99/2012
 
1. Durvijay Singh
Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. uppcl
Faizabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद । 

 

 

़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़                    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
                            (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या                            (3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य


                परिवाद सं0-99/12


    दुर्विजय सिंह पुत्र श्री जयबक्श सिंह निवासी ग्राम सरियाॅंवा, परगना मंगलसी उपकेन्द्र रानी बाजार जनपद फैजाबाद                        ....................परिवादी        

                    बनाम

1-    अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय फैजाबाद।
2-    सहायक अभियन्ता द्वितीय विद्युत वितरण खण्ड फैजाबाद।
3-    श्री राजेन्द्र प्रसाद अवर अभियन्ता उपकेन्द्र रानीबाजार जनपद फैजाबाद।                                                     ................... विपक्षीगण

 

निर्णय दिनाॅंक 08.10.2015
                
                           निर्णय 

उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध कृषि के सम्बन्ध में विद्युत लाइन खराब होने के कारण सिंचाई न हो पाने से क्षतिपूर्ति के सम्बन्ध में योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है, कि परिवादी विद्युत विभाग का उपभोक्ता है, जिसका विद्युत कनेक्शन संख्या 2202/273920 है जो निजी नलकूप हेतु स्वीकृत है।  परिवादी का विद्युत बिल दि0 17.03.12 को जमा है। परिवादी का नलकूप 

                    (  2  )

फरवरी 2012 के अंतिम सप्ताह से विद्युत आपूर्ति होने से बन्द है, जिसके कारण परिवादी की सिंचाई बाधित हुई। इस बीच परिवादी ने स्वयं व्यक्तिगत रूप से तथा लिखित रूप से भी सम्बन्धित अधिकारियों व जूनियर इन्जीनियर से मिलते रह,े परन्तु अभी तक ट्रांसफार्मर ठीक नहीं कराया गया। 
विपक्षीगण ने अपने जवाब में कहा कि परिवादी का यह कथन कि उसका नलकूप फरवरी 2012 के अन्तिम सप्ताह से विद्युत आपूर्ति न होने से बन्द है, बिल्कुल गलत है। बल्कि परिवादी के ट्यूबवेल को जिस ट्रांसफार्मर से विद्युत कनेक्शन दिया गया था उक्त ट्रांसफार्मर मार्च 2012 के अन्तिम सप्ताह में खराब हो जाने के कारण उससे विद्युत आपूर्ति बन्द हुई थी और ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना मिलते ही उक्त खराब ट्रांसफार्मर को वहाॅं से उठाकर उसे ठीक करवाने हेतु भेज दिया गया। दि0 15.04.2012 को विद्युत भण्डार केन्द्र फैजाबाद में दूसरा ट्रांसफार्मर उपलब्ध होते ही परिवादी के ट्यूबवेल के पास लगे ट्रांसफार्मर के स्थान पर दूसरा ट्रांसफार्मर बिना अनावश्यक विलम्ब के लगा दिया गया और उक्त ट्रांसफार्मर से लगे समस्त विद्युत कनेक्शन चालू हो गये हैं। अत्यधिक गर्मी के कारण ट्रांसफार्मर जल जाते हैं परन्तु उनकी मरम्मत में समय लगता है और यदि दूसरा ट्रांसफार्मर विद्युत भण्डार केन्द्र में उपलब्ध रहता ह,ै तो तुरन्त ट्रांसफार्मर दूसरा लगा दिया जाता है।
मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य तथा परिवादी के साक्ष्य का अवलोकन किया। विपक्षी ने अपने जवाब में परिवादी के कथन से मना किया है और कहा है कि मार्च 2012 के अन्तिम सप्ताह में ट्रांसफार्मर खराब हो जाने के कारण उसकी विद्युत आपूर्ति बन्द हुई थी। खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कराने हेतु भेज दिया गया। दि0 15.04.2012 को दूसरा ट्रांसफार्मर उपलब्ध होते ही परिवादी के ट्यूबवेल के पास लगे ट्रांसफार्मर के स्थान पर दूसरा ट्रांसफार्मर बिना अनावश्यक विलम्ब के लगा दिया गया। परिवादी का यह कथन कि अपने निजी पम्पिंग सेट से सिंचाई किया है, विपक्षी ने इस कथन से इन्कार किया है। परिवादी ने खसरा फसली 1420 गाटा सं0-431, 506 का दाखिल किया है, जिसमें परिवादी का नाम अंकित है। दोनों पर नलकूप से सिंचाई दिखायी गयी है और गन्ना बोया हुआ है तथा गेहूॅं बोया हुआ है। इस प्रकार परिवादी ने यह कथन कि निजी पम्पिंग सेट से सिंचाई किया है, इस तथ्य की पुष्टि परिवादी के साक्ष्य से नहीं होती है। परिवादी के परिवाद में मैं बल नहीं पाता हूॅं। इस प्रकार परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।

                (  3  )    
    आदेश
    
        परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। 
    
( विष्णु उपाध्याय )        ( माया देवी शाक्य )         (  चन्द्र पाल  )
             सदस्य                 सदस्या                 अध्यक्ष

                
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 08.10.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया। 


           (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              ( चन्द्र पाल )
                सदस्य                 सदस्या                      अध्यक्ष

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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