Uttar Pradesh

Faizabad

CC/99/2006

Babu Ram Yadav - Complainant(s)

Versus

Uppcl - Opp.Party(s)

04 Nov 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/99/2006
 
1. Babu Ram Yadav
Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Uppcl
FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

              परिवाद सं0-99/2006

               
बाबू राम यादव (मृतक) पुत्र राम कल्प 
 
1/1.    राज कुमार    )
            ) पुत्रगण बाबूराम यादव निवासीगण भिटौरा परगना अमसिन  
1/2.    राजेष कुमार    ) तहसील व जिला फैजाबाद। 
                                                         .............. परिवादीगण
बनाम
1.    अधिषाशी अभियन्ता सिंचाई खण्ड फैजाबाद।
2.    सरकार उ0 प्र0 द्वारा कलेक्टर महोदय फैजाबाद।  
3.    जिलेदार प्रथम पौसरा राज वाहा ग्राम भिटौरा फैजाबाद।      ..........  विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 04.11.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।
                        निर्णय
    परिवादीगण के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादीगण अपनी आवष्यतानुसार पौसारा राजवाहा की नाली से अपने खेत की सिंचाई करता है और समयानुसार सिंचाई का भुगतान बराबर करता रहा है। दिनंाक 02.07.2005 को तहसीलदार द्वारा एक नोटिस जारी की गयी कि परिवादी के जिम्मे नहर सिंचाई का रुपया 8,607/- बकाया है। जिसका भुगतान अतिषीध्र कर दिया जाय। परिवादी ने उपजिलाधिकारी महोदय सदर फैजाबाद, जिलाधिकारी फैजाबाद, अधिषाशी अभियन्ता नहर आदि को इस आषय का प्रार्थना पत्र दिया कि परिवादी के जिम्मे सिंचाई का कोई पैसा बकाया नहीं है, इसलिए कागजात की जांच कर गलत दर्षित बकाया समाप्त किया जाय। परिवादी के प्रार्थना पत्र पर किसी अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी ने स्वयं नहर विभाग के कार्यालय जाकर अभिलेखों के बारे में जानकारी चाही और यह देखना चाहा कि यह बकाया कब से कब तक है, लेकिन कई बार आने जाने के बावजूद भी विभाग द्वारा परिवादी को जानकारी नहीं करायी गयी और तहसील अमीन द्वारा वसूली हेतु बराबर परिवादी पर दवाव बनाया जाता रहा। नीलामी व कुर्की की कार्यवाही करने की धमकी दी जा रही है, इसलिए मजबूर होकर परिवादी ने यह परिवाद दाखिल किया है। परिवादी के पास कुल सिंचाई योग जमीन ही उतनी नहीं है, जितनी कि बकाया सिंचाई दिखायी गयी है। दिनांक 02.09.2003 को परिवादी से रुपये 128.80 पैसे बकाया सिंचाई की वसूली की गयी है और दिनांक 02.09.2003 तक का सम्पूर्ण बकाया जमा हो गया था तब दिनंाक 02.09.2003 से 02.07.2005 के बीच कहंा से रूपये 8,607/- बकाया आ गया जो दिखाया जा रहा है। विपक्षी संख्या 1 परिवादी से रूपये 8,607/- की वसूली न करें तथा परिवादी को विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति रुपये 10,000/- दिलाया जाय। 
    विपक्षी संख्या 1 व 3 ने जवाबदावा दाखिल किया है। विपक्षीगण ने परिवादी का कृशक होना स्वीकार किया है। परिवादी पौसरा राजवाहा से सिंचाई करता है और सिंचाई अदा करता है। उत्तरदातागण के कार्यालय के अभिलेख के अनुसार परिवादी 1402 फसली से 1413 फसली तक कर सिंचाई रूपये 696/- होती है। चूंकि सिंचाई विभाग स्वतः सिंचाई की वसूली नहीं करता है, इसलिए वह प्रत्येक सिंचाई करने वाले कृशक से सम्बंधित सिंचाई के सम्बन्ध में लेखा बनाकर सम्बंधित तहसील भेज देता है। वसूली तहसील के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा की जाती है। बकाया सिंचाई की राषि को लगान की तरह वसूल किया जा सकता है। परिवादीगण तथा विपक्षीगण में उपभोक्ता का सम्बन्ध नहीं है। परिवादीगण के मध्य कोई उपभोक्ता विवाद नहीं है। इसलिए परिवाद चलने योग्य नहीं है। परिवाद सव्यय निरस्त होने योग्य है।  
    पत्रावली का भली भंाति परिषीलन किया। परिवादीगण एवं विपक्षीगण द्वारा दाखिल साक्ष्यों व प्रपत्रों का अवलोकन किया। परिवादीगण ने अपने पक्ष के समर्थन में सिंचाई के विरुद्ध जमा की गयी धनराषि की रसीदों की छाया प्रतियां, किसान बही की छाया प्रति, खसरे की नकल की छाया प्रति, षपथ पत्र व किसान बही मूल रुप में दाखिल की है जो षामिल पत्रावली है। विपक्षीगण ने अपना लिखित कथन तथा षपथ पत्र दाखिल किया है जो षामिल पत्रावली है। विपक्षीगण ने कहा है कि परिवादीगण उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते हैं, इसलिये परिवादीगण का परिवाद उपभोक्ता फोरम में नहीं चल सकता है। मंच ने ‘‘कुंवर सुधाकर सिंह एण्ड ब्रदर्स बनाम चीफ इंजीनियर ईरीगेषन डिपार्टमेण्ट, हुसैनगंज आदि’’ (2001 उ0सं0के0 324) का अवलोकन किया जिसमें अवधारित किया गया है कि सिंचाई विभाग द्वारा प्रदत्त सिंचाई की सुविधा, प्रतिफल के बदले सिंचाई की सुविधा लाभार्थी की श्रेणी में आती है। इस प्रकार परिवादी लाभार्थी है वह उपभोक्ता नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद उपभोक्ता की श्रेणी में न आने के आधार पर खारिज किये जाने योग्य है। 
आदेश
    परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।  
          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)              
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष      
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 04.11.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)           
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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