(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-390/2008
नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी
बनाम
उपेन्द्र सिंह यादव
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: सुश्री रेहाना खान, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :12.02.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या– 483/2006, उपेन्द्र सिंह यादव बनाम नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड में जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.10.2012 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता सुश्री रेहाना खान उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा धनराशि अंकन 75,000.00 रू0 10 प्रतिशत डिप्रीसियेशन वैल्यू काटते हुये 09 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने टैम्पों पंजीकृत संख्या यू0 पी0 80 ए.एफ. 9757 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फाइनेन्स लिमिटेड आगरा से वित्तीय सहायता प्राप्त कर खरीदा था तथा वाहन का बीमा नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी से कराया था। दिनांक 20.12.2005 को राष्ट्रीय राज्य मार्ग नं0-02 पर अजली कालेज ऑफ लॉ एत्मादपुर पर अज्ञात छात्रों द्धारा टैम्पों गिराकर आग लगा दी गई। प्रथम सूचना रिपोर्ट 378/2005 एत्मादपुर में दर्ज की गई। पुलिस रिपोर्ट में टैम्पो पूरा जला पाया गया। परिवादी ने क्लेम हेतु दावा प्रस्तुत किया। बीमा कम्पनी ने दावा भुगतान करने से इंकार कर दिया गया। इस लिये विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा बीमित राशि अंकन 75,000.00 में से 10 प्रतिशत डिप्रीशियेशन वैल्यू काटते हुये प्रदान करने का आदेश दिया है। इस आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है, परन्तु ब्याज दर उच्च श्रेणी से अधिरोपित की गई है। अत: ब्याजदर 09 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत किया जाना उचित है। तद्नुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.10.2007 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को देय बीमित राशि अंकन 75,000.00 रूपये में से 10 प्रतिशत डिप्रीयेशन वैल्यू काटते हुये अवशेष धनराशि पर ब्याज 09 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देय होगा। शेष निर्णय एवं आदेश पुष्ट किया जाता है।
पक्षकार अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
रंजीत, पी0 ए0,
कोर्ट नं0 3