MUNESH CHNDRA filed a consumer case on 27 Apr 2016 against UP SIDG in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/492/13 and the judgment uploaded on 01 Apr 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-492/2013
मुनेष चन्द्र अवस्थी एडवोकेट पुत्र श्री कुंज बिहारी अवस्थी निवासी-54, ब्लाक-ओ.एम.जी. कालोनी, बारादेवी किदवई नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
उ0प्र0 राज्य औद्योगिक विकास कारपोरेषन निगम, ए-1/4, लखनपुर, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 27.09.2013
निर्णय की तिथिः 24.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी को आदेषित किया जाये कि वह परिवादी के हक में भूखण्ड सं0-ए-53 सेक्टर-4 जैनपुर, कानपुर देहात का बैनामा अविलम्ब करें, दिनांक 26.03.12 के बाद से रजिस्ट्री षुल्क में हुई बढ़ोत्तरी, विपक्षी से मय ब्याज दिलाया जाये तथा षारीरिक व मानसिक प्रताड़ना हेतु रू0 50,000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी से औद्योगिक क्षेत्र जैनपुर कानपुर देहात में एक भूखण्ड आवंटन हेतु आवेदन किया था। जिस पर दिनांक 03.01.06 को विपक्षी के पत्रांक सं0-10683/एस.आई.डी.सी./जैनपुर आवासीय प्लाट सं0-ए-53 सेक्टर-4 द्वारा प्रदेषन पत्र जारी किया गया। परिवादी द्वारा, विपक्षी द्वारा निर्धारित संपूर्ण किष्तों की अदायगी निर्धारित अवधि के अंतर्गत जमा कर दी गयी। दिनांक 26.03.12 को रू0 36,600.00 व रू0 1000.00 अंतिम फीस विपक्षी कार्यालय में जमा कर रसीद प्राप्त किया। परिवादी ने, विपक्षी
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कार्यालय के लिपिक द्वारा मौखिक रूप से बतलाये जाने पर रू0 19100$100.00 के स्टाम्प पेपर अपने नाम से खरीदकर आवंटित भूखण्ड की रजिस्ट्री कराने हेतु विपक्षी कार्यालय के सम्मुख दिनांक 26.03.12 को सुपुर्द कर दिये थे। उक्त तिथि के पष्चात विपक्षी द्वारा परिवादी को किसी प्रकार की कोई सूचना व वास्ते प्लाट का पंजीकृत बैनामा करने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी ने विपक्षी कार्यालय द्वारा पंजीकृत बैनामा कराने हेतु कोई उत्तर न मिलने पर स्वयं दिनांक 05.06.12 एवं 13.03.13 को विपक्षी के प्रबंध निदेषक से मिलकर उनको स्थिति से अवगत कराया एवं रजिस्ट्री हेतु प्रार्थनापत्र दिया। किन्तु इस पर विपक्षी कार्यालय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इस बीच परिवादी ने दिनांक 19.06.12 व 26.08.13 को स्मरण पत्र भेजे, किन्तु विपक्षी द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया और न ही आज तक परिवादी के हक में आवंटित भूखण्ड का बैनामा किया गया। परिवादी पेषे से अधिवक्ता है एवं दिनांक 19.07.13 को न्यायालय कानपुर देहात का क्षेत्राधिकार कानपुर नगर से स्थानांतरित होकर माती कानपुर देहात चला गया है। जिस कारण परिवादी को अपने जैनपुर भूखण्ड की अत्यधिक आवष्यकता है, जिससे परिवादी वहां अपने भूखण्ड पर निर्माण कार्य कर अपना विधि व्यवसाय कानपुर देहात न्यायालय परिसर में षुरू कर सके। विपक्षी द्वारा उपरोक्त प्लाट का बैनामा न किये जाने की स्थिति में परिवादी को अपूर्णनीय क्षति कारित हो रही है। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 22.04.15 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 20.09.13 एवं 22.10.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची
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के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/19 व सूची कागज सं0-2 के साथ संलग्न कागज सं0-2/1 लगायत् 2/4 व कागज सं0-1 लगायत् 17 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि विपक्षी, परिवादी के हक में भूखण्ड सं0-ए-53 सेक्टर-4 जैनपुर, कानपुर देहात का बैनामा दिनांक 26.03.12 की प्रचलित दर के आधार पर करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के रूप में अदा करे। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी के हक में भूखण्ड सं0-ए-53 सेक्टर-4 जैनपुर, कानपुर देहात का बैनामा, दिनांक 26.03.12 की प्रचलित दर के आधार पर करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-492/2013
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