Uttar Pradesh

StateCommission

CC/266/2015

M/S Ujala Plastic & Case Co. - Complainant(s)

Versus

Universal Sompoo General Insurance Co. Ltd. - Opp.Party(s)

Vijay Kumar Yadav

27 Jun 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/266/2015
( Date of Filing : 11 Dec 2015 )
 
1. M/S Ujala Plastic & Case Co.
Ghaziabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Universal Sompoo General Insurance Co. Ltd.
Meerut
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 27 Jun 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

परिवाद सं0-२६६/२०१५

मै0 उजाला प्‍लास्टिक एण्‍ड केस कम्‍पनी द्वारा प्रौपराइटर श्री अजब सिंह, स्थित धर्मपुरी गली नं0-१, बेगमबाद मोदीनगर, जिला-गाजियाबाद, यू0पी0-२०१२०४.

                                                        ............. परिवादी।

बनाम

१. यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड, प्रथम तल, एम-८२, सुखशान्ति कॉप्‍लेक्‍स, मंगल पाण्‍डेय नगर, मेरठ-२५०००४ द्वारा ब्रान्‍च मैनेजर।

२. यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड, सी-२०/ फर्स्‍ट ए, सी-ब्‍लॉक, सैक्‍टर-६२, नोएडा-२०१३००३ द्वारा रीजनल मैनेजर।

३. यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड आफिस, यूनिट नं0-४०१, चतुर्थ तल, संगम कॉम्‍प्‍लेक्‍स, १२७ अंधेरी कुर्ला रोड, अंधेरी (ईस्‍ट) सुरक्षा, हम आपके साथ, मुम्‍बई-४०००५९ द्वारा जनरल मैनेजर।

४. श्री रचित पीसीआईएस क्रॉफोर्ड, पुरी क्रॉफोर्ड इंश्‍योरेंस सर्वेयर एण्‍ड लॉस असेसर्स इण्डिया (प्रा.)लि., ७१४, अशोक ऐस्‍टेट, बाराखाम्‍बा रोड, कनाट प्‍लेस, नई दिल्‍ली-११०००१.

५. ब्रान्‍च मैनेजर, इलाहाबाद बैंक, रेलवे रोड, मोदी नगर, गाजियाबाद, उत्‍तर प्रदेश।

                                                   ............     विपक्षीगण।

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

परिवादी की ओर से उपस्थित  : श्री विजय कुमार यादव विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं0-१ लगायत ३ की ओर से उपस्थित : श्री शोभित कान्‍त विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं0-४ की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।  

विपक्षी सं0-५ की ओर से उपस्थित :- श्री अभिषेक भटनागर विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- ०४-०७-२०१९.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्ध बीमा दावे के मय ब्‍याज भुगतान तथा  क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु योजित‍ किया गया है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी के कथनानुसार परिवादी फर्म का व्‍यापार धर्मपुरी, गली नं0-१, बेगमबाद मोदीनगर, गाजियाबाद में है। अपने व्‍यापार    हेतु परिवादी ने जिला उद्योग केन्‍द्र, गाजियाबाद से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के

 

-२-

अन्‍तर्गत धन प्राप्‍त किया तथा परिवादी फर्म ने १४,१०,०००/- रू० की इलाहाबाद बैंक विपक्षी सं0-५ से कैश क्रैडिट सुविधा भी प्राप्‍त की। परिवादी ने चश्‍मे के कवर उत्‍पादन का कार्य प्रारम्‍भ किया किन्‍तु दुर्भाग्‍य से दिनांक २०-०१-२०१५ को जब फैक्‍ट्री बन्‍द थी तब लगभग ०३ बजे प्रात: फैक्‍ट्री में आग लग गई। आस-पास के लोगों ने परिवादी फर्म के मालिक श्री अजब सिंह को दूरभाष के माध्‍यम से सूचित किया तब अजब सिंह फैक्‍ट्री में आये तथा अग्नि शमन विभाग तथा पुलिस को तत्‍काल घटना की सूचना दी। घटनास्‍थल पर पहुँच कर फायर ब्रिगेड ने लगभग ०२ घण्‍टे में आग बुझाई। परिवादी फर्म का सामान तथा मशीन एवं फर्नीचर आदि विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी से दुर्घटना के समय बीमित था। दुर्घटना की सूचना बीमा कम्‍पनी को भी तत्‍काल प्रेषित की गई। तदोपरान्‍त बीमा कम्‍पनी द्वारा श्री रचित गुप्‍ता को सर्वेयर नियुक्‍त किया गया जो घटनास्‍थल पर उसी दिन पहुँचे तथा परिवादी से कुछ अभिलेखों की मांग की जो परिवादी द्वारा उन्‍हें प्राप्‍त कराए गये। इसके अतिरिक्‍त सर्वेयर द्वारा समय-समय पर अन्‍य अभिलेखों की भी मांग अपने विभिन्‍न पत्रों द्वारा की गई जिनके अनुपालन में परिवादी द्वारा सर्वेयर को अभिलेख प्राप्‍त कराए गये किन्‍तु सर्वेयर द्वारा आख्‍या प्रस्‍तुत नहीं की गई। ई-मेल के माध्‍यम से बहुत कम धनराशि की क्षति आंकलन की सूचना प्राप्‍त कराई गई। परिवादी फर्म ने जिला मैजिस्‍ट्रेट, गाजियाबाद से भी वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराने हेतु प्रार्थना की जिससे परिवादी अपना व्‍यापार चला सके। इलाके के पटवारी/लेखपाल ने परिवादी फर्म की कथित घटना में हुई क्षति का आंकलन ३३,०८,५८४/- रू० किया। परिवादी द्वारा लगातार प्रयास करने के बाबजूद बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा दावे का भुगतान नहीं किया गया। अत: परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से नोटिस दिनांक ०५-०८-२०१५ को भिजवायी। इस नोटिस की तामील के बाबजूद विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा कोई उत्‍तर नहीं दिया गया। अत: परिवादी फर्म में अग्नि की इस दुर्घटना में हुए नुकसान के सन्‍दर्भ २३,१७,१२८/- रू० १८ प्रतिशत सहित ब्‍याज दिलाए जाने तथा ५,५०,०००/- रू० क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाए जाने एवं ८५,०००/- रू० परिवाद व्‍यय के रूप में दिलाए जाने के अनुतोष के साथ प्रस्‍तुत परिवाद योजित किया गया।  

 

-३-

विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया। विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ के कथनुसार परिवादी फर्म से आग की कथित घटना की सूचना प्राप्‍त होने पर पुरी क्रॉफोर्ड इंश्‍योरेंस सर्वेयर्स एण्‍ड लॉस असेसर्स इण्डिया (प्रा.)लि. को क्षति आंकलन हेतु सर्वेयर नियुक्‍त किया गया। सर्वेयर ने जांच के उपरान्‍त अपनी अन्तिम आख्‍या २२-०९-२०१५ को प्रेषित की तथा क्षति का आंकलन २,७५,२६९/- रू० किया। विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ के कथनानुसार परिवादी ने बीमा दावा अत्‍यधिक बढ़ाकर प्रेषित किया तथा इस बीमा दावे के सन्‍दर्भ में वांछित अभिलेख सर्वेयर को प्राप्‍त नहीं कराये।

विपक्षी सं0-४ की ओर से नोटिस की तामील के बाबजूद कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया।

विपक्षी सं0-५ बैंक की ओर से प्रस्‍तुत प्रतिवाद पत्र में विपक्षी सं0-५ ने परिवादी फर्म को १४,१०,०००/- रू० की कैश क्रैडिट सुविधा प्राप्‍त कराया जाना स्‍वीकार किया।

परिवादी फर्म की ओर से परिवादी फर्म के मालिक श्री अजब सिंह द्वारा परिवाद के कथनों के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया। इसके अतिरिक्‍त परिवादी द्वारा अभिलेखीय साक्ष्‍य के रूप में ०८ संलग्‍नक पृष्‍ठ सं0-१५ लगायत १०० के रूप में दाखिल किए गये। इसके अतिरिक्‍त परिवादी की ओर से शपथ पत्र दिनांकित ३१-०३-२०१७ भी दाखिल किया गया है तथा इस शपथ पत्र के साथ संलग्‍नक के रूप में परिवादी फर्म के मालिक श्री अजब सिंह के चिकित्‍सा प्रमाण पत्र की फोटोप्रति संलग्‍नक-१ तथा बीमित सम्‍पत्ति के सन्‍दर्भ में कथित आग लगने की घटना से सम्‍बन्धित घटनास्‍थल की फोटो संलग्‍नक-२ के रूप में दाखिल की गई है।

विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी की ओर से श्री पियूष शंकर असिस्‍टेण्‍ट जनरल मैनेजर, लीगल का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। शपथ पत्र द्वारा प्रतिवाद पत्र के अभिकथनों की पुष्टि की गई है तथा साक्ष्‍य में प्रश्‍नगत बीमा पालिसी एवं सर्वे आख्‍या संलग्‍नक आर-१ तथा आर-२ दाखिल की गई है। इसके अतिरिक्‍त श्री पियूष शंकर असिस्‍टेण्‍ट जनरल मैनेजर, लीगल का शपथ पत्र दिनांकित २५-११-२०१६ भी दाखिल किया

 

-४-

गया है।

हमने परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री विजय कुमार यादव, विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री शोभित कान्‍त एवं विपक्षी सं0-०५ बैंक की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अभिषेक भटनागर के तर्क सुने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-४ की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादी फर्म विपक्षी बीमा कम्‍पनी से दिनांक २४-०१-२०१४ से दिनांक २३-०१-२०१५ तक की अवधि के लिए बीमित थी। इस बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत परिवादी फर्म के प्‍लाण्‍ट, मशीनरी एवं फर्नीचर ०५.०० लाख रू० के लिए तथा परिवादी फर्म का स्‍टॉक ३५.०० लाख रू० के लिए बीमित था। दुर्भाग्‍य से इलैक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट के कारण दिनांक २१-०१-२०१५ को लगभग ०३ बजे प्रात: परिवादी की फैक्‍ट्री में आग लग गई जिसकी सूचना तत्‍काल सम्‍बन्धित थाना, मोदी नगर में दी गई एवं विपक्षी बीमा कम्‍पनी को भी सूचित किया गया। विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा सर्वेयर श्री रचित गुप्‍ता की नियुक्ति की गई। सर्वेयर द्वारा घटनास्‍थल का निरीक्षण किया गया तथा सर्वेयर द्वारा समस्‍त वांछित अभिलेख परिवादी द्वारा सर्वेयर को प्राप्‍त कराए गये। इसके बाबजूद लम्‍बी अविध तक परिवादी के बीमा दावे का निस्‍तारण नहीं किया गया। सर्वेक्षण आख्‍या भी परिवादी को प्राप्‍त नहीं करायी गई। ई-मेल के माध्‍यम से अत्‍यधिक कम क्षति निर्धारित किए जाने की सूचना परिवादी को प्रेषित की गई। अत: परिवादी ने विधिक नोटिस भी विपक्षी बीमा कम्‍पनी को बीमा दावे के भुगतान हेतु प्रेषित की जिसका कोई उत्‍तर विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने प्रेषित नहीं किया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया कि परिवादी ने अपने खाते का चार्टर्ड एकाउण्‍टेण्‍ट द्वारा सत्‍यापित विवरण प्रस्‍तुत किया जिसमें दिनांक २०-०१-२०१५ को क्‍लोजिंग स्‍टॉक २२,१८,५४३/- रू० प्रमाणित किया गया है। मशीन की क्षति के सन्‍दर्भ में परिवादी द्वारा ४४,४२२/- रू० की क्षति तथा     फर्नीचर की क्षति के सन्‍दर्भ में परिवादी द्वारा ३३,१६३/- रू० की क्षति बताई गई है तथा

 

-५-

सम्‍बन्धित अभिलेख भी परिवादी द्वारा दाखिल किए गये हैं किन्‍तु परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गई साक्ष्‍य की अनदेखी करते हुए सर्वेयर द्वारा मात्र २,७५,२६९/- रू० की क्षति का ही आंकलन किया गया है। इस सन्‍दर्भ में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कं0लि0 बनाम प्रदीप कुमार, IV (2009) CPJ 46 (SC) के मामले में मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिए गये निर्णय पर विश्‍वास व्‍यक्‍त किया। इस निर्णय में मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा यह निर्णीत किया गया है कि क्षति निर्धारण हेतु सर्वेयर आख्‍या ही अन्तिम प्रामाणिक अभिलेख नहीं माना जा सकता।

परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रस्‍तुत प्रकरण में सम्‍बन्धित लेखपाल द्वारा भी क्षति आंकलन किया गया है। लेखपाल द्वारा क्षति आंकलन ३३,०८,५८४/- रू० का किया गया है।

      विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रस्‍तुत प्रकरण में परिवादी फर्म की फैक्‍ट्री में आग लगने की सूचना प्राप्‍त होते हुए तत्‍काल पुरी क्रॉफोर्ड इंश्‍योरेंस सर्वेयर्स एण्‍ड लॉस असेसर्स इण्डिया (प्रा.)लि. को क्षति आंकलन हेतु सर्वेयर नियुक्‍त किया गया। सर्वे के मध्‍य सर्वेयर द्वारा परिवादी फर्म से आवश्‍यक अभिलेख प्राप्‍त करने हेतु अनेक पत्र प्रेषित किए गये। स्‍वयं परिवादी द्वारा सम्‍बन्धित अभिलेख उपलब्‍ध कराने में अत्‍यधिक विलम्‍ब किया गया। अन्‍तत: सर्वेयर द्वारा दिनांक २२-०९-२०१५ को आख्‍या प्रेषित की गई तथा सर्वेयर द्वारा क्षति आंकलन २,७५,२६९/- रू० का किया गया। इस सन्‍दर्भ में विपक्षी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रस्‍तुत प्रकरण में सर्वेक्षण का कार्य आई0आर0डी0ए0 द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त सर्वेयर द्वारा कराया गया। सर्वेयर द्वारा प्रेषित की गई आख्‍या के विरूद्ध कोई आपत्ति परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं की गई। ऐसी परिस्थिति में सर्वेयर द्वारा प्रस्‍तुत की गई आख्‍या बिना किसी तर्कसंगत आधार के अस्‍वीकार नहीं की जा सकती।

      विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह   तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादी ने बीमा दावा अत्‍यधिक बढ़ा-चढ़ा कर अनुचित लाभ

 

-६-

प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से प्रस्‍तुत किया है। विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि सर्वेयर ने अपनी आख्‍या में यह मत व्‍यक्‍त किया है कि परिवादी फर्म ने कथित दुर्घटना से पूर्व दिनांक ०१-०४-२०१४ से २५-०१-२०१४ तक कोई सामान निर्विवाद रूप से क्रय नहीं किया। दिनांक २६-१२-२०१४ से दिनांक १७-०१-२०१५ तक २५ दिन के मध्‍य आग लगने की घटना से पूर्व २३,१३,५८४/- रू० का माल क्रय किया जाना बताया गया है तथा सर्वे आख्‍या के अनुसार परिवादी द्वारा सर्वेयर को कथित दुर्घटना से पूर्व इतना अधिक सामान क्रय करने का कोई उपयुक्‍त स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत नहीं किया गया। विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि सर्वे आख्‍या के अनुसार कथित घटना से पूर्व समाप्‍त होने वाले ०३ वर्षों क्रमश: दिनांक ३१-०३-२०१२, ३१-०३-२०१३ एवं ३१-०३-२०१४ के सन्‍दर्भ में प्रस्‍तुत की गई बेलेंस सीट, हानि-लाभ खाते के अवलोकन से यह विदित होता है कि दिनांक ३१-०३-२०१२ को ४७,३२२/- रू० (३१%), दिनांक ३१-०३-२०१३ तक ६४,५४२/- रू० (२१%) एवं दिनांक ३१-०३-२०१४ तक १,१८,३२४/- रू० (३१%) की हानि परिवादी फर्म को हुई एवं दिनांक ०१-०४-२०१४ से दिनांक २०-०१-२०१५ तक कुल २,१७,४२८/- रू० (११२%) की हानि परिवादी फर्म को हुई। सर्वेयर द्वारा यह मत व्‍यक्‍त किया गया कि निरन्‍तर परिवादी फर्म में घाटा होने के बाबजूद कथित घटना से पूर्व इतनी अधिक मात्रा में माल क्रय किये जाने का कोई औचित्‍य परिवादी सर्वेयर को स्‍पष्‍ट नहीं कर सक। सर्वेयर द्वारा आख्‍या में यह भी उल्लिखित किया गया है कि जिस मात्रा में परिवादी फर्म ने घटनास्‍थल पर माल होना बताया है उस मात्रा में मलवा निरीक्षण के समय नहीं पाया गया। ऐसी परिस्थिति में परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत किए गये खातों के विवरण को स्‍वीकर न करते हुए सर्वेयर ने स्‍वयं दिनांक ०१-०४-२०१४ से कथित घटना की तिथि तक का ट्रेडिंग एकाउण्‍ट एवरेज ग्रॉस प्रोफिट परसेन्‍टेज के आधार पर तैयार किया तथा क्षति आंकलन २,७५,२६९/- रू० का किया।

विपक्षी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता ने सर्वेयर द्वारा निर्धारित      क्षति आंकलन के अनुसार धनराशि बीमा दावे के निस्‍तारण में परिवादी को विपक्षी बीमा

 

-७-

कम्‍पनी से दिलाया जाना प्रस्‍तावित किया।

      पत्रावली के अवलोकन से यह अवश्‍य विदित होता है कि दिनांक ०१-०४-२०१४ से दिनांक २५-१२-२०१४ के मध्‍य परिवादी फर्म द्वारा कोई खरीद नहीं की गई। दिनांक २६-१२-२०१४ से दिनांक १७-०१-२०१५ के मध्‍य २३,१३,५८४/- रू० का माल क्रय किया गया। यह भी विदित होता है कि आग लगने की कथित घटना के पूर्व ०३ वित्‍तीय वर्षों में निरन्‍तर परिवादी फर्म घाटे पर चल रही थी। ऐसी स्थिति में इतनी अधिक मात्रा में माल क्रय किया जाना असामान्‍य अवश्‍य प्रतीत हाता है कि किन्‍तु यह असम्‍भव नहीं है। परिवादी फर्म के मालिक श्री अजब सिंह ने अपने शपथ पत्र दिनांकित ३१-०३-२०१७ में यह अभिकथन किया है कि दिनांक ०७-०७-२०१४ से दिनांक २२-१०-२०१४ तक वह अस्‍वस्‍थ था। इस सन्‍दर्भ में इस शपथ पत्र के साथ संलग्‍नक-१ के रूप में चिकित्‍सीय प्रमाण पत्र की फोटोप्रति परिवादी द्वारा दाखिल की गई है। पत्रावली पर उपलब्‍ध पृष्‍ठ सं0-४० परिवादी फर्म द्वारा सर्वेयर सी0ए0 श्री रचित गुप्‍ता को प्रेषित पत्र दिनांकित  ०९-०५-२०१५ की फोटोप्रति है। इस पत्र द्वारा परिवादी ने सर्वेयर को यह सूचित किया है कि परिवादी फर्म के मालिक द्वारा चाँदनी चौक दिल्‍ली स्थित विभिन्‍न माल आपूर्तिकर्ताओं से सम्‍पर्क किया गया जिससे माल परिवादी फर्म को उधार प्राप्‍त हो सके। मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स, दिल्‍ली परिवादी फर्म के प्रस्‍ताव पर सहमत हो गया, अत: परिवादी फर्म द्वारा मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स से माल क्रय किया गया। परिवादी फर्म ने इस प्रकार कायापलट का प्रयास किया किन्‍तु दुर्भाग्‍य से परिवादी फर्म में आग लग जाने के कारण उसका यह प्रयास व्‍यर्थ हो गया। ऐसी परिस्थिति में सर्वेयर द्वारा सर्वे आख्‍या में उल्लिखित यह तथ्‍य विश्‍वसनीय नहीं माना जा सकता कि परिवादी फर्म का कथित दुर्घटना से २५ दिन पूर्व से ०३ दिन पूर्व तक अर्थात् दिनांक २६-१२-२०१४ से दिनांक १७-०१-२०१५ तक इतनी अधिक मात्रा में फर्म के घाटे पर चलने के बाबजूद माल क्‍यों क्रय किया।

      पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि परिवादी फर्म ने दिनांक     २६-१२-२०१४ से १७-०१-२०१५ के मध्‍य मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स से क्रय किए गये माल से

 

-८-

सम्‍बन्धित बिलों की फोटोप्रतियॉं पृष्‍ठ सं0-२६ लगायत ८८ के रूप में दाखिल की हैं। इसके अतिरिक्‍त क्रय किए गये सामानों से सम्‍बन्धित वर्ष २०११ के भी कुल बिल दाखिल किए गये हैं। रू० ६५,०००/- बैंक के माध्‍यम से मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स को भुगतान किए जाने से सम्‍बन्धित अभिलेख पृष्‍ठ सं0-७६ लगायत ७८ दाखिल किए गये है। मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स द्वारा परिवादी फर्म को बेचे गये माल के सम्‍बन्‍ध में मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स, दिल्‍ली के सम्‍बन्धित खाते की फोटोप्रति पृष्‍ठ सं0-९० के रूप में दाखिल की गई है। परिवादी फर्म को मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स द्वारा बेचे गये माल के सम्‍बन्‍ध में टैक्‍स की अदायगी से सम्‍बन्धित अभिलेखों की फोटोप्रति भी परिवादी द्वारा दाखिल की गई है। मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स द्वारा परिवादी फर्म को माल ट्रक द्वारा भेजे जाने से सम्‍बन्धित अभिलेख भी परिवादी द्वारा दाखिल किया गया है, जिसमें ट्रक का नम्‍बर, ड्राइवर का नाम एवं लाइसेंस नम्‍बर आदि अंकित हैं। सर्वे आख्‍या की जो फोटोप्रति विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा दाखिल की गई है, उसके अवलोकन से यह विदित होता है कि सर्वेयर ने परिवादी द्वारा दाखिल किए गये उपरोक्‍त अभिलेखों को फर्जी होना नहीं बताया है। सर्वेयर स्‍वयं इन अभिलेखों का सत्‍यापन मै0 भारत ऑप्‍टीकल्‍स से कराये जाने के लिए स्‍वतन्‍त्र थे। सर्वेयर ने आग लगने की कथित घटना शॉर्ट सर्किट से घटित होना अस्‍वीकार नहीं किया है। सर्वे आख्‍या में कथित घटना में परिवादी फर्म के मालिक अथवा उसके किसी सहयोगी की प्रत्‍यक्ष अथवा अप्रत्‍यक्ष कोई भूमिका नहीं बताई गई है। अग्निशमन विभाग द्वारा पुलिस विवेचना में भी ऐसा कोई मत व्‍यक्‍त नहीं किया गया है। इसके बाबजूद सर्वेयर ने परिवादी द्वारा दाखिल किए गये इन अभिलेखों की बिना किसी तर्कसंगत आधार के अनदेखी करते हुए सर्वे आख्‍या प्रस्‍तुत की। सर्वेयर ने परिवादी फर्म के सम्‍बन्‍ध में जो स्‍वयं वर्ष २०१४ का ट्रेडिंग एकाउण्‍ट तैयार किया है उसका आधार तर्कसंगत एवं स्‍पष्‍ट प्रतीत नहीं होता। इस सन्‍दर्भ में विपक्षी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता भी स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं कर सके। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गई साक्ष्‍य के आलोक में कथित दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में परिवादी फर्म      की फैक्‍ट्री में परिवादी के कथनानुसार उपलब्‍ध माल अविश्‍वसनीय नहीं माना जा सकता।

 

-९-

परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत किए गये खाते एवं विवरण के अनुसार दिनांक ०१-०४-२०१४ को परिवादी फर्म का ओपनिंग स्‍टॉक ९९,५०२/- रू० का था तथा २३,१३,५८४/- रू० की खरीद की गई एवं १,९४,५८३/- रू० की बिक्री की गई। इस प्रकार दिनांक २०-०१-२०१५ को क्‍लोजिंग स्‍टॉक २२,१८,५४३/- रू० का था।

      जहॉं तक विपक्षी बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर के इस कथन का प्रश्‍न है कि परिवादी द्वारा बताये गये कुल सामान की मात्रा के अनुपात में मलवा घटनास्‍थल पर नहीं पाया गया। उल्‍लेखनीय है कि निर्विवाद रूप से परिवादी फर्म का व्‍यवसाय चश्‍मे के केस के निर्माण का था। परिवादी फर्म की फैक्‍ट्री में लगी आग के सम्‍बन्‍ध में अग्निशमन अधिकारियों द्वारा प्रस्‍तुत की गई आख्‍या के अवलोकन से यह विदित होता है कि यह आग भीषण आग थी। परिवादी का व्‍यवसाय मुख्‍य रूप से प्‍लास्टिक से निर्मित वस्‍तुओं का था। ऐसी परिस्थिति में भीषण आग में प्‍लास्टिक की वस्‍तुओं का पूर्णत: नष्‍ट हो जाना अस्‍वाभाविक नहीं माना जा सकता। सर्वे आख्‍या में सर्वेयर द्वारा यह स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है कि परिवादी द्वारा बतायी गयी मात्रा के माल के नष्‍ट हो जाने की स्थिति में सामान्‍य रूप से कितना मालवा शेष रहता तथा यह भी स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है कि वस्‍तुत: कितना मलवा सर्वेयर द्वारा निरीक्षण के समय परिवादी फैक्‍ट्री में पाया गया। अत: इस सन्‍दर्भ में सर्वेयर द्वारा व्‍यक्‍त किया गया मत मात्र अनुमान एवं कल्‍पना के आधार पर ही आधारित माना जा सकता है।

      परिवादी द्वारा सर्वेयर को प्रेषित पत्र दिनांकित ०९-०५-२०१५ की फोटोप्रति पत्रावली पर उपलब्‍ध पृष्‍ठ सं0-४० के अवलोकन से यह विदित होता है कि कुल १९७ दर्जन माल बचाया जा सका। परिवादी फर्म ने वर्ष २०१४ तक क्रय किए माल के विवरण की फोटोप्रति पृष्‍ठ सं0-७२ लगायत ७४ के रूप में दाखिल की है जिसमें प्‍लास्टिक के केसों का विवरण एवं मूल्‍य दर्शित है जिसके अवलोकन से यह विदित होता है कि अधिकतम मूल्‍य का केस ३३०/- रू० प्रति दर्जन का था। यदि यह मान लिया जाय कि बचाये गये माल के सभी प्‍लास्टिक के केस अधिकतम मूल्‍य के ही थे तब बचाये गये केसों का मूल्‍य ६५,०५०/- रू० होगा। इस प्रकार कथित दुर्घटना में परिवादी फर्म के माल

 

-१०-

में हुई क्षति २१,५३,५३३/- रू० की मानी जा सकती है। सर्वे आख्‍या के अवलोकन से यह विदित होता है कि सर्वेयर ने फर्नीचर की क्षति का आंकलन ३,६७१/- रू० तथा प्‍लाण्‍ट एवं मशीनरी का क्षति आंकलन २७,५९८/- रू० किया है। इस प्रकार कुल क्षति २१,८४,८०२/- रू० मानी जा सकती है। हमारे विचार से इस क्षति का भुगतान परिवादी फर्म को न करके विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा सेवा में त्रुटि की गई है। तद्नुसार परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।  

आदेश

      परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ को निर्देशित किया जाता है कि वे निर्णय की प्रति प्राप्‍त होने की तिथि से ४५ दिन के अन्‍दर परिवादी को २१,८४,८०२/- रू० का भुगतान करें। इस धनराशि पर परिवाद योजित किए जाने की तिथि से सम्‍पूर्ण धनराशि की अदायगी तक विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ परिवादी को ०८ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज का भी भुगतान करने के लिए उत्‍तरदायी होंगे। इसके अतिरिक्‍त विपक्षी सं0-०१ लगायत ०३ को यह भी निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को १०,०००/- रू० वाद व्‍यय के रूप में निर्धारित अवधि में भुगतान करें।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

                                    

                                                (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                  पीठासीन सदस्‍य

 

 

 

                                                  (गोवर्द्धन यादव)

                                                      सदस्‍य

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-२.  

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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