Final Order / Judgement | (मौखिक) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ अपील संख्या-382/2020 मैसर्स सत्या जी-4-5 सत्या रेमेन्ड शोरूम बनाम यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड व अन्य समक्ष:- 1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष। 2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य। उपस्थिति:- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री महेन्द्र कुमार मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता प्रत्यर्थी सं0 1 एवं 2 की ओर से उपस्थित: श्री दिनेश कुमार, विद्वान अधिवक्ता प्रत्यर्थी सं0 3 की ओर से उपस्थित:- श्री शरद कुमार, विद्धान अधिवक्ता दिनांक :18.12.2023 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - परिवाद सं0-31/2017, मै0 सत्या बनाम यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इं0कं0लि0 व अन्य में विद्धान जिला आयोग, हापुड़ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14.10.2020 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
- जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए बीमित व्यवसायिक परिसर में आग लगने के कारण कारित क्षति पर अंकन 1,44,766/-रू0 बीमा क्लेम अदा करने का आदेश पारित किया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार वादी फर्म द्वारा विपक्षी सं0 1 एवं 2 से बीमा कराया गया था, जो 20.06.2015 से 19.06.2016 की अवधि के लिए था तथा बीमे का मूल्य 50,59,000/-रू0 था। दिनांक 11/12-04.2016 की रात्रि में अपीलार्थी/परिवादी की दुकान में आग लग गयी, जिस कारण दुकान के ए0सी0, बिजली उपकरण, इन्वर्टर आदि जलकर रख हो गया तथा अग्नि का धुंआ दुकान के अंदर भर गया, जिसके कारण फर्नीचर व कपड़े खराब हो गये। इस अग्निकाण्ड की सूचना दिनांक 12.04.2016 इलाहाबाद बैंक एवं बीमा कम्पनी को दी गयी। बीमा कम्पनी द्वारा इसी तिथि को श्रीसुरेश मित्तल (सी.ए.) को सर्वेयर नियुक्त किया गया। परिवादी का कुल 7,76,500/-रू0 का नुकसान हुआ, परंतु केवल 1,44,766/-रू0 का बीमा क्लेम स्वीकार करने की सहमति परिवादी से मांगी गयी।
- बीमा कम्पनी का कथन है कि अपीलार्थी/परिवादी को अंकन 1,44,766/-रू0 के क्लेम का प्रस्ताव दिया गया तथा इसके लिए एक चेक जारी किया गया था, परंतु फर्म द्वारा यह राशि प्राप्त नहीं की गयी। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर अंकन 1,44,766/-रू0 के भुगतान का आदेश पारित किया है।
- इस निर्णय एवं आदेश को स्वयं अपीलार्थी/परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ोत्तरी के लिए चुनौती दी गयी है तथा यह उल्लेख किया गया है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा मांगी गयी क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान करायी जाए।
- पक्षकारों के विद्धान अधिवक्ता को सुना तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया। बीमित परिसर का बीमा होना, उस परिसर में अग्निकाण्ड की घटना होना, इस घटना के पश्चात सर्वेयर को नियुक्त किया जाना सभी पक्षकारों को स्वीकार है। अत: इन बिन्दुओं पर अतिरिक्त विश्लेषण की आवश्यकता नहीं है। प्रस्तुत अपील के निस्तारण के लिए एकमात्र विनिश्चायक बिन्दु यह उत्पन्न होता है कि परिवादी क्षतिपूर्ति की किस राशि को प्राप्त करने के लिए अधिकृत है?
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि स्वयं सर्वेयर द्वारा अंकन 7,29,639/-रू0 की क्षति का आंकलन किया है, परंतु यह तर्क विधिसम्मत नही है। सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में अपीलार्थी/परिवादी द्वारा क्षति के संबंध मे जो सूचना उपलब्ध करायी गयी है। उस राशि का उल्लेख पृष्ठ सं0 72 पर किया है।
- सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में पाया गया कि अग्निकाण्ड के कारण जिन संसाधनों का जलना बताया गया है, वह अत्यधिक पुराना हो चुका है, इसलिए पुराने सामानों पर कटौती की गयी है। व्यापार पिछले अनेक वर्षों से संचालित है, इसलिए ए0सी0, बिजली उपकरण, इन्वर्टर आदि का प्रयोग लम्बी अवधि तक होने के कारण इनके मूल्य मे ह्यास हो चुका है। अत: इस संबंध में की गयी कटौती विधिसम्मत है, परंतु सॉल्वेज के मद में 1,54,338/-रू0 की कटौती उचित नहीं कही जा सकती क्योंकि कपड़ा जलने के कारण कपड़े का कोई भी भाग किसी भी प्रकार के प्रयोग में नहीं आता, इसलिए स्टॉक में अंकन 1,38,338/-रू0 की कटौती अनुचित है। यद्यपि इक्विपमेंट तथा FFF के मद में क्रमश: 15,000/-रू0 एवं 1,000/-रू0 के सॉल्वेज के मद में कटौती उचित है। अत: परिवादी अंकन 1,38,338/-रू0 की राशि भी प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। तदनुसार अपील इस सीमा तक स्वीकार होने योग्य है कि परिवादी अंकन 1,44,766/-रू0 के अलावा स्टॉक सॉल्वेज के मद में काटी गयी राशि 1,38,338/-रू0 भी प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
आदेश अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि अपीलार्थी/परिवादी कुल 2,83,104/-रू0 की राशि बतौर क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए अधिकृत है, जिस पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी देय होगा तथा पूर्व में जो राशि अदा की जा चुकी है, वह समायोजित की जायेगी। उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे। प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए। आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे। (न्यायमूर्ति अशोक कुमार)(सुशील कुमार) अध्यक्ष सदस्य संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 1 | |