Uttar Pradesh

StateCommission

CC/113/2020

Indian Institute of Professional Studies - Complainant(s)

Versus

Universal Sompo General Insurance Co. Ltd - Opp.Party(s)

Mohd. Khalid

04 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/113/2020
( Date of Filing : 30 Jun 2020 )
 
1. Indian Institute of Professional Studies
U/C Sadhana /agrawak /deeo Vgavab Oikytechnic Ghauraha Indira nagar Lucknow 226016
...........Complainant(s)
Versus
1. Universal Sompo General Insurance Co. Ltd
Zonal Office Address 401 4th Floor Shalimar Logix 4, Rana Pratap Marg Lucknow226001 Through its Zonal Manager
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Aug 2022
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-113/2020

इण्डियन इंस्‍टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्‍टडीज, यू/सी साधना अग्रवाल, दीप भवन पालीटेक्निक चौराहा, इन्दिरा नगर लखनऊ 226016 ।

 परिवादी

                                               बनाम        

1. यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इन्‍श्‍योरेन्‍स कं0लि0, जोनल आफिस एड्रेस 401, 4th फ्लोर, शालीमार लॉजिक्‍स, 4, राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ 226001, द्वारा जोनल मैनेजर।

2. एमजीएस फोर्ड, बॉडी शॉप, अपोजिट बी.बी.डी. इंजीनियरिंग कॉलेज, फैजाबाद रोड, लखनऊ, रजिस्‍टर आफिस 11, महात्‍मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ।

                                                   विपक्षीगण

समक्ष:-                                                   

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से उपस्थित    : श्री अविनाश सिंह, विद्वान

                                               अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री दिनेश कुमार, विद्वान  

                                               अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं0-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनां:  22.08.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         यह  परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्ध अंकन 22,32,017/- रूपये के बीमा क्‍लेम तथा इस राशि पर 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज एवं अन्‍य अनुसांगिक अनुतोष प्राप्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत किया गया है।

2.         परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी एक साझेदारी फर्म है, उनके द्वारा वाहन संख्‍या-UP 32 EU 0909 का बीमा नियमित रूप से कराया जाता रहा। दिनांक 10.07.2016 को वाहन चालक श्री नवनीत कुमार ने वाहन को IIM रोड पर घैला पुल पर खड़ा करके पेशाब के लिए चला गया, उक्‍त खड़े वाहन को पीछे से तेज गति से आ रहे ट्रक ने टक्‍कर मार दी और 20 फिट तक वाहन को अपने साथ खींच लिया। लोगों द्वारा ट्रक का पीछा किया गया और 100 नम्‍बर पर परिवादी द्वारा सूचना दी गई। सुबह 7.00 बजे पुलिस मौके पर पहुँची। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई, जिसकी प्रति संलग्‍नक संख्‍या-2 है। अधिकृत गैराज पर वाहन को ले जाने के लिए फोन किया गया, परन्‍तु वर्कशाप से कोई मदद नहीं मिली। पुलिस की सहायता से वाहन खींचने वाली क्रेन मंगवाई गई। बीमा कम्‍पनी द्वारा सर्वेयर श्री आमिर रजा को नियुक्‍त किया गया, उनके सामने ही वाहन खींचने की समस्‍त प्रक्रिया सम्‍पादित हुई। गैराज द्वारा वाहन की मरम्‍मत का जो स्‍टीमेट का अनुमानित मूल्‍य बताया गया, उसकी सूचना बीमा कम्‍पनी को दी गई, जिसकी प्रति संलग्‍नक संख्‍या-3 है।

3.         बीमा कम्‍पनी को बीमा क्‍लेम के साथ-साथ समस्‍त दस्‍तावेज प्राप्‍त कराए गए, जो संलग्‍नक संख्‍या-4 हैं। बीमा कम्‍पनी द्वारा इस मध्‍य 03 सर्वेयर नियुक्‍त किए गए, इसके बावजूद बीमा कम्‍पनी द्वारा 06 प्रश्‍न पूछने का एक पत्र भेजा गया। बीमा कम्‍पनी को दिनांक 21.05.2018 को नोटिस दिया गया और दिनांक 09.07.2018 के पत्र द्वारा सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर दे दिए गए, परन्‍तु बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा क्‍लेम नकार दिया गया, इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

4.         परिवाद पत्र के साथ दस्‍तावेज संख्‍या-10 लगायत 33 प्रस्‍तुत किए गए तथा परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र भी प्रस्‍तुत किया गया।

5.         विपक्षी संख्‍या-1, बीमा कम्‍पनी की ओर से प्रस्‍तुत लिखित कथन में बीमा किया जाना स्‍वीकार किया गया, परन्‍तु यह कथन किया गया कि इस आयोग को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है तथा यह भी कथन किया गया कि परिवादी द्वारा एक झूठी कहानी तैयार की गई है। वाद कारण का कोई उल्‍लेख नहीं किया गया तथा परिवाद विधि अनुसार पुष्‍ट नहीं किया गया। तथ्‍य एवं विधि के प्रश्‍न समाहित हैं, इसलिए इस आयोग को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है। परिवादी द्वारा दिनांक 09.07.2018 के पत्र का 11 माह तक भी उत्‍तर नहीं दिया गया। दिनांक 09.07.2018 का जो उत्‍तर दिया गया, वह विचार विमर्शित है, जिस तरीके से दुर्घटना होना बताया है, उस तरीके से वाहन को कोई क्षति नहीं पहुँची और इस बिन्‍दु पर पूछे गए प्रश्‍न का कोई उत्‍तर नहीं दिया गया, इसलिए बीमा क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया गया। मूल्‍यांकन 16 लाख रूपये दर्शाया गया है, जबकि 70 लाख रूपये के प्रतिकर की मांग की गई है। वाहन में टोटल लॉस कारित नहीं हुई है, इसलिए टोटल लॉस के संबंध में मांगा गया अनुतोष देय नहीं है।

6.         विपक्षी संख्‍या-1, बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत लिखित कथन के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया।

7.         विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। विपक्षी संख्‍या-2 पर नोटिस की तामील आदेश दिनांक 24.09.2020 द्वारा पर्याप्‍त मानी जा चुकी है।

8.         परिवादी एवं विपक्षी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

9.         वाहन का बीमा होना, बीमा अवधि के दौरान वाहन को क्षति कारित होना, इन दो तथ्‍यों पर कोई विवाद नहीं है, इसलिए इन बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत निष्‍कर्ष की आवश्‍यकता नहीं है।

10.        विपक्षी संख्‍या-1, बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा क्षेत्राधिकार के बिन्‍दु पर दो आपत्‍ति‍यां की गई हैं, प्रथम कि प्रकरण में तथ्‍य एवं विधि के प्रश्‍न समाहित हैं, इसलिए संक्षिप्‍त में वाद का निस्‍तारण नहीं किया जाना चाहिए और द्वितीय कि मूल्‍यांकन केवल 16 लाख रूपये किया गया है, इसलिए इस आयोग को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है।

11.        उपरोक्‍त दोनों आपत्तियों का उत्‍तर यह है कि इस आयोग द्वारा तथ्‍य एवं विधि के प्रश्‍न को निस्‍तारित किया जा सकता है। प्रस्‍तुत केस में बीमा होना स्‍वीकार है, दुर्घटना के तरीके को परिवादी द्वारा साबित करना है, जो इस आयोग के समक्ष सुगमता से साबित किया जा सकता है। इसी प्रकार मूल्‍यांकन 16 लाख रूपये नहीं माना जा सकता, क्‍योंकि सम्‍पूर्ण क्‍लेम 70 लाख रूपये के आस-पास है, इसलिए इस आयोग को दोनों दृष्टि से इस परिवाद के निस्‍तारण के लिए क्षेत्राधिकार प्राप्‍त है।

12.        परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि वाहन को सम्‍पूर्ण रूप से क्षति कारित हुई है, इसलिए सम्‍पूर्ण बीमा धन अन्‍य अनुतोषों के साथ प्रदान किया जाना चाहिए।

13.        संलग्‍नक संख्‍या-1 MGS सेल्‍स प्राइवेट लिमिटेड, अधिकृत गैराज के द्वारा जारी अनुमानित लागत पत्र है, जिसकी राशि 22,32,017/- रूपये दर्शायी गई है।

14.        संलग्‍नक संख्‍या-1 के साथ दस्‍तावेज संख्‍या-11 व 12 पर बीमा कम्‍पनी द्वारा जारी की गई बीमा पालिसी है, इस पालिसी के अनुसार बीमित वाहन की कुल वैल्‍यू 16 लाख रूपये है।

15.        संलग्‍नक संख्‍या-2 दुर्घटना के पश्‍चात प्रथम सूचना रिपोर्ट चिक एफआईआर की प्रति है, इस रिपोर्ट के अवलोकन से ज्ञात होता है कि दिनांक 10.07.2016 सुबह 2:30 बजे वाहन को IIM रोड घैला पुल के पास छोड़ा गया, उस समय ट्रक द्वारा वाहन में टक्‍कर मारी गई और वाहन उछल कर गहरी खाई में चला गया। इस रिपोर्ट के विवरण दर्शित करते हैं कि स्‍वंय वाहन चालक द्वारा अपने वाहन को सड़क के किनारे लापरवाही के साथ छोड़ा गया, इस रिपोर्ट में यह उल्‍लेख नहीं किया गया है कि जब वाहन सड़क पर छोड़ा गया तब उसके इंडीकेटर चालू रखे गए कि नहीं रखे गए। परिवाद पत्र एवं शपथ पत्र में भी इस तथ्‍य का कोई उल्‍लेख नहीं है। अत: सम्‍पूर्ण परिस्थितियां यह जाहिर करती हैं कि वाहन चालक द्वारा वाहन को सड़क पर असुरक्षित रूप से खड़ा किया गया, इसलिए वाहन चालक भी योगदायी उपेक्षा के लिए उत्‍तरदायी है। प्रस्‍तुत केस में योगदायी उपेक्षा कुल बीमित राशि का 25 प्रतिशत की सीमा तक स्‍थापित है।

16.        दुर्घटना के पश्‍चात प्रथम सूचना रिपोर्ट त्‍वरित रूप से दर्ज कराई गई, बीमा क्‍लेम भी त्‍वरित रूप से प्रस्‍तुत किया गया और सर्वेयर द्वारा मांगी गई समस्‍त सूचनाएं देरी से सही परन्‍तु उपलब्‍ध कराई गई, इसलिए बीमा क्‍लेम अदा करने का बीमा कम्‍पनी का उत्‍तरदायित्‍व स्‍थापित होता है।

17.        अब इस बिन्‍दु पर विचार करना है कि परिवादी को देय बीमा क्‍लेम की राशि कितनी बनती है।

18.        परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि 22,48,400/- रूपये का ऋण वाहन को क्रय करते समय प्राप्‍त किया गया। टोटल लॉस होने के कारण अधिकृत गैराज द्वारा 22,32,017/- रूपये का अनुमान लगाया गया है, परन्‍तु चूंकि ऋण दिनांक 25.03.2013 को हुआ है। अत: स्‍पष्‍ट है कि वाहन वर्ष 2013 में क्रय किया गया और वर्ष 2016 में दुर्घटना घटित हुई है। वर्ष 2016 में जिस मूल्‍यांकन के लिए बीमा किया गया, वह राशि केवल 16 लाख रूपये है, जैसा कि बीमा पालिसी संलग्‍नक संख्‍या-1 पृष्‍ठ संख्‍या-11 व 12 के अवलोकन से जाहिर होता है। अत: परिवादी इस टोटल वैल्‍यू से अधिक बीमा क्‍लेम प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत नहीं है और जैसा कि ऊपर उल्‍लेख किया गया है कि वाहन को अनुचित तरीके से सड़क पर खड़ा किया गया और सड़क पर खड़ा करने के बाद इं‍डीकेटर चालू रखने का कोई सबूत प्रस्‍तुत नहीं किया गया, इसलिए योगदायी उपेक्षा के कारण इस राशि में से 25 प्रतिशत की कटौती किए जाने का निष्‍कर्ष उपरोक्‍त पैरा संख्‍या-15 में दिया गया है। अत: परिवादी बीमित राशि 16 लाख रूपये में से 25 प्रतिशत यानि 04 लाख रूपये घटाने पर शेष राशि 12 लाख रूपये प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है।

19.        परिवादी द्वारा इस राशि पर 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज की मांग की गई है। 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज अदा करने का आदेश दिए जाने का कोई वैधानिक औचित्‍य नहीं है। परिवादी इस राशि पर केवल परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्‍याज प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है।

20.        परिवादी द्वारा मानसिक प्रताड़ना की मद में 20 लाख रूपये की मांग की गई है। 20 लाख रूपये मानसिक प्रताड़ना की मद में अदा करने का कोई औचित्‍य नहीं है। परिवादी के पक्ष में जो क्‍लेम बनता है, उस पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया जा रहा है। अत: इस मद में किसी प्रकार का कोई प्रतिकर देय नहीं बनता।

21.        परिवादी द्वारा परिवाद खर्च के रूप में 02 लाख रूपये की मांग की गई है, यह राशि भी अत्‍यधिक है। परिवाद व्‍यय के रूप में 5,000/- रूपये अदा करने का आदेश देना विधिसम्‍मत है।

22.        परिवादी द्वारा वाहन के पार्किंग चार्ज के रूप में 10 लाख रूपये की मांग की गई है, जो गैराज द्वारा परिवादी से मांगे गए हैं, इस राशि का कोई विवरण परिवाद पत्र में वर्णित नहीं किया गया है, इसलिए अनुमान के आधार पर 100/- रूपये प्रतिदिन की दर से वाहन पार्किंग का शुल्‍क अदा करने का आदेश देना विधिसम्‍मत है। परिवाद तदनुसार आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

23.        प्रस्‍तुत परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि विपक्षी संख्‍या-1, बीमा कम्‍पनी परिवादी को बीमा क्‍लेम के रूप में 12 लाख रूपये तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्‍याज अदा करें।

           विपक्षी संख्‍या-1, बीमा कम्‍पनी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को परिवाद व्‍यय के रूप में 5,000/- रूपये की राशि भी अदा करें, इस राशि पर कोई ब्‍याज देय नहीं होगा।

          विपक्षी संख्‍या-1, बीमा कम्‍पनी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि वह प्रश्‍नगत वाहन को पार्किंग में खड़ा करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 100/- रूपये प्रतिदिन की दर से पार्किंग शुल्‍क भी परिवादी को अदा करें, इस राशि पर भी कोई ब्‍याज देय नहीं होगा।  

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

                     

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                         (सुशील कुमार)

         अध्‍यक्ष                                    सदस्‍य

 

 

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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