ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने अनुतोष मांगा है मौहल्ला जुम्मेरात का बाजार, पाकबड़ा जिला मुरादाबाद स्थित उसकी दुकान तथा मकान में आग लग जाने के कारण हुई क्षति के फलस्वरूप 16,36,252/- रूपया की धनराशि विपक्षीगण से उसे दिलायी जाऐ। मानसिक और शारीरिक क्षति की मद में 1,00,000/- रूपया और अधिवक्ता शुल्क की मद में 20,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि मौहल्ला जुम्मेरात का बाजार, पाकबड़ा जिला मुरादाबाद में परिवादी का मकान है उसके प्रथम तल पर उसका घरेलू कीमती सामान है, द्वतीय तल पर उसकी रिहाईश तथा भूतल पर मैसर्स गुलजार शाह ज्वैलर्स के नाम से उसकी दुकान है। दुकान तथा रिहाईशी सामान की उसने पृथक-पृथक दो बीमा पालिसियां विपक्षी सं0-2 से ले रखीं हैं। इन पालिसियों की बीमा अवधि 22-09-2012 से 21-09-2013 तक है। दिनांक 09-12-2012 को अचानक उसकी दुकान और मकान में आग लगयी जिससे दुकान और प्रथम तल पर रखा उसका सामान पूरी तरह जल गया। भूतल और प्रथम तल के छतों के लिन्टर भी फट गये। दुकान में 7,01,615/- रूपये का और प्रथम व द्वतीय तल पर रखे सामान का करीब 9,34,577/- रूपया का नुकसान हुआ परिवादी ने विपक्षी सं;-2 को सूचित किया। विपक्षी सं0-2 ने वसन्त प्रताप गर्ग सर्वेयर को सर्वे के लिए भेजा। 11 दिसम्बर, 2012 को वे सर्वे करके चले गये। विपक्षीगण ने परिवादी को क्लेम राशि का भुगतान नहीं किया उन्होंने अवैध रूप से 5,00,000/- रूपये की मांग की, न देने पर परिवादी का क्लेम दिनांक 12/06/2013 को निरस्त कर दिया गया। परिवादी ने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भी भिजवाया। विपक्षीगण के सर्वेयर ने दुकान में हुई क्षति का आंकलन रू0 9,49,500/- तथा रिहाईशी मकान और सामान की क्षति का आंकलन रू0 3,99,500/- किया। क्लेम न देकर और दावा अस्वीकृत कर विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना है।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज 9/1 लगायत 9/5 दाखिल हुआ। प्रतिवाद पत्र में यह तो स्वीकार किया गया है कि परिवादी के मकान का 5,00,000/- रूपये और दुकान का 3,50,000/- रूपये का आग लगने से होने वाले नुकसान के लिए विपक्षीगण द्वारा दिनांक 22/09/2012 से 21/09/2013 तक की अवधि हेतु बीमा किया गया था, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया है कि आग की सूचना मिलते ही विपक्षीगण ने आई0आर0डी0ए0 से मान्यता प्राप्त सर्वेयर श्री जे0सी0 गुप्ता एण्ड कम्पनी प्रा0 लि0 को क्षति के आंकलन हेतु नियुक्त किया उन्होंने निष्पक्ष जॉंच कर दुकान की क्षति 1,48,141/- रूपया तथा मकान की क्षति 56,560/- रूपया आंकलित की। नियमानुसार कटौती के उपरान्त दुकान एवं मकान की पालिसी के सापेक्ष विपक्षीगण ने क्रमश: 1,47,507/- रूपया और 56,344/- रूपया का क्लेम स्वीकार किया। मकान के नुकसान की मद में 56,344/- रूपया का चैक परिवादी ने फुल एण्ड फाइनल सेटिलमेन्ट के रूप में स्वीकार कर लिया तथा दुकान के नुकसान की मद में 1,47,507/- रूपया का चैक पूर्ण एवं अन्तिम भुगतान के रूप में वजरिये चैक परिवादी को भेजा जा चुका है जो परिवादी को मिल गया है, इस प्रकार अब परिवादी को कोई अधिकार परिवाद चलाने का नहीं है। परिवादी ने सर्वेयर एवं विपक्षीगण पर जो आरोप लगाये हैं वे नि:तान्त फर्जी और मिथ्या हैं। विपक्षीगण ने परिवादी को सेवा देने में कोई त्रुटि या कमी नहीं की है। परिवाद चलने योग्य नहीं है। उक्त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गयी।
- परिवाद के साथ परिवादी ने मकान तथा दुकान की बीमा पालिसियों, वसन्त प्रताप गर्ग सर्वेयर द्वारा भूतल स्थित परिवादी की दुकान तथा प्रथम एवं द्वतीय तल पर परिवादी के रिहाईशी सामान के नुकसान की रिपोर्ट, विपक्षीगण को परिवादी की ओर से भेजे गऐ कानूनी नोटिस तथा नोटिस भेजने के डाकखाने की रसीदों की फोटो प्रतियों को दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/19 हैं। परिवादी ने शपथ पत्र कागज सं0-10/3 के माध्यम से विपक्षीसं0-1 को भेजे गये पत्र दिनांकित 06/01/2014, अपनी पासबुक की फोटो प्रति, फर्म मैसर्स गुलजार शाह ज्वैलर्स के व्यापार कर पंजीकरण के सार्टिफिकेट, विपक्षीगण से प्राप्त 1,47,507/- रूपये के चैक, विपक्षीगण को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 13/06/2013 एवं विपक्षी सं0-2 को भेजे गये पत्र दिनांकित 15/11/2013 की फोटो प्रमाणित प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-10/4 लगायत 10/5 हैं।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/2 दाखिल किया।
- विपक्षीगण की और से बीमा कम्पनी के मैनेजर श्री पीयूष शंकर का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-24/1 लगायत 24/5 दाखिल हुआ। शपथ पत्र के साथ विपक्षीगण द्वारा नियुक्त सर्वेयर श्री जे0सी0 गुप्ता एण्ड कम्पनी की दुकान एवं रिहाईश में हुई क्षति की सर्वे रिपोर्टस दिनांकित 09/09/2013 को संलग्नक-1 व 2 के रूप में दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-24/6 लगायत 24/21 हैं।
- दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर विवाद नहीं है कि विपक्षीगण ने परिवादी के रिहाईश तथा भूतल स्थित दुकान की दो अलग-अलग बीमा पालिसी की थीं, जो दिनांक 22/09/2012 से 21/09/2013 की अवधि के लिए बैध थीं। दिनांक 09/12/2012 को परिवादी की दुकान और मकान में आग लगने से नुकसान हो जाने के बिन्दु पर भी विपक्षीगण ने कोई विवाद नहीं किया है।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार आग लगने पर विपक्षीगण को सूचित किया गया। विपक्षी के निर्देश पर वसन्त प्रताप गर्ग सर्वेयर आये और उन्होंने नुकसान का सर्वे किया। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने वसन्त प्रताप गर्ग को सर्वेयर नियुक्त करने से स्पष्ट इन्कार किया और कहा कि विपक्षीगण ने आई0आर0डी0ए0 से मान्यता प्राप्त सर्वेयर जे0सी0 गुप्ता एण्ड कम्पनी प्रा0 लि0 को क्षति के आंकलन हेतु नियुक्त किया था। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने घरेलू सामान की बीमा पालिसी के सापेक्ष जे0सी0 गुप्ता एण्ड कम्पनी प्रा0 लि0 द्वारा दी गयी सर्वे रिपोर्ट कागज सं0-24/6 लगायत 24/13 एवं दुकान की बीमा पालिसी के सापेक्ष सर्वेयर द्वारा तैयार की गयी सर्वे रिपोर्ट कागज सं0-24/14 लगायत 24/20 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और कहा कि जे0सी0 गुप्ता एण्ड कम्पनी प्रा0 लि0 द्वारा सर्वे रिपोर्ट में घरेलू सामान का 56,560/- रूपया और दुकान का 1,48,141/- रूपया नुकसान होना आंकलित किया जिसमें नियमानुसार कटौती करने के उपरान्त घरेलू नुकसान की देयता 56,344/- रूपया तथा दुकान में हुऐ नुकसान की देयता 1,47,507/- रूपया निर्धारित की गयी और इन दोनों के चैक परिवादी को भेजे जा चुके हैं। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने बहस के दौरान यह स्वीकार किया कि घरेलू सामान के नुकसान की मद में 56,344/- रूपया का चैक परिवादी ने अन्डरप्रोटेस्ट लिया था और दुकान के नुकसान का 1,47,507/- रूपये का चैक परिवादी ने नहीं लिया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि वसन्त प्रताप गर्ग सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट कागज सं0-3/13 - 3/14 तथा रिपोर्ट 3/15 - 3/16 में परिवादी की दुकान के नुकसान एवं मकान में हुऐ नुकसान का आंकलन क्रमश: 9,49,500/- रूपया एवं 3,99,500/- रूपया किया था इसके बावजूद विपक्षीगण गलत तरीके से नुकसान को न्यूनीकृत करके परिवादी को भुगतान करने का प्रयास कर रहे हैं जिसके लिए परिवादी तैयार नहीं है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार विपक्षीगण के कृत्य सेवा में कमी के धोतक हैं।
- विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र में वसन्त प्रताप गर्ग सर्वेयर को सर्वेयर नियुक्त किये जाने से इन्कार किया है और विपक्षीगण के साक्षी श्री पीयूष शंकर ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-24/1 लगायत 24/5 में क्षति के आंकलन हेतु आई0आर0डी0ए0 से अनुमोदित सर्वेयर जे0सी0 गुप्ता एण्ड कम्पनी प्रा0 लि0 को सर्वेयर नियुक्त किया जाना बताया है। उल्लेखनीय है कि जे0सी0 गुप्ता एण्ड कम्पनी प्रा0लि0 की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार ही परिवादी को क्लेम के चैक विपक्षीगण ने भेजे हैं। परिवादी ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका जिससे प्रकट हो कि विपक्षीगण ने क्षति के आंकलन हेतु वसन्त प्रताप गर्ग सर्वेयर को नियुक्त किया था। वसन्त प्रताप गर्ग को विपक्षीगण द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया जाना चॅूंकि प्रमाणित नहीं है, अत: वसन्त प्रताप गर्ग सर्वेयर द्वारा दी गयी क्षति के आंकलन की रिपोर्ट कागज सं0-3/13 - 3/14 और 3/15 -3/16 परिवादी की कोई सहायता नहीं करतीं।
- घरेलू नुकसान के क्लेम के सापेक्ष 56,344/- रूपया का चैक परिवादी द्वारा प्राप्त कर लिया जाना अपनी लिखित बहस के पैरा सं0-18 में स्वीकार किया हैं, किन्तु उसने यह कहा कि यह चैक उसने अन्डरप्रोटेस्ट प्राप्त किया था। परिवादी ऐसा कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया जिससे प्रकट हो कि 56,344/- रूपया का उसने यह चैक अन्डरप्रोटेस्ट प्राप्त किया। ऐसी दशा में यह माने जाने का कारण है कि घरेलू नुकसान की मद में 56,344/- रूपया का क्लेम स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के प्राप्त कर लिया है।
- दुकान के नुकसान की मद में विपक्षीगण द्वारा भेजे गये, 1,47,507/-रूपये के चैक के सन्दर्भ में परिवादी ने अपनी लिखित बहस के पैरा सं0-18 में यह कहा कि यह चैक उसने विपक्षी से नहीं लिया है। परिवादी का यह कथन मिथ्या है। परिवादी द्वारा दाखिल पत्र कागज सं0-10/4 के अवलोकन से प्रकट है कि 1,47,507/- रूपये का यह चैक परिवादी ने प्राप्त कर लिया था चैक चॅूंकि गुलजार शाह ज्वैलर्स के नाम से था और परिवादी का खाता ’’ हाजी मौहम्मद युसुफ ’’ के नाम से है अत: परिवादी ने इस चैक को विपक्षी सं0-1 के पास पंजीकृत डाक से इस अनुरोध के साथ भेजा कि चैक में नाम सही करके परिवादी को भेजा जाये। इस प्रकार परिवादी के पत्र कागज सं0-10/4 से एकदम स्पष्ट है कि 1,47,507/- रूपये का चैक भी उसने स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के स्वीकारकर लिया था व मात्र यह चाहता था कि चैक में पाने वाले का नाम पत्र कागज सं0-10/4 में किये गये अनुरोधानुसार विपक्षी संशोधित कर दे। उपरोक्त से प्रकट है कि घरेलू नुकसान की मद में परिवादी 56,344/- रूपया स्वेच्छा से स्वीकार कर चुका है और दुकान के नुकसान की मद में वह 1,47,507/- रूपये का चैक भी स्वेच्छा से स्वीकार कर चुका है ऐसी दशा में 2013(2) सी0पी0आर0 पृष्ठ-235, मैसर्स श्री बालाजी वूलन मिल्स बनम ओरियन्टल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 के मामले में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा दी गयी व्यवस्थानुसार स्वीकार की जा चुकी क्लेम राशि को री-एजीटेट करने से परिवादी बिबन्धित है।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
31.07.2015 31.07.2015 31.07.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 31.07.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
31.07.2015 31.07.2015 31.07.2015 | |