Chandrika filed a consumer case on 09 Jun 2017 against Unitek in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/364/2016 and the judgment uploaded on 29 Jun 2017.
1.मेसर्स यूनिटेक लि0 6 कम्न्यूनिटी सेंटर साकेत, नई दिल्ली तामीला द्वारा प्रबन्ध निदेषक।
2.मेसर्स एस0एम0सी0 ग्लोबल लि0 जी-21, सिटी सेंटर, दि माल, नियर हीर पैलेस सिनेमा, कानपुर नगर-208001 तामीली द्वारा प्रबन्धक।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 21.06.2016
निर्णय तिथिः 14.06.2017
श्रीमती सुधा यादव, सदस्या द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. प्रस्तुत परिवाद उपभोकता संरक्षण अधिनियम की धारा-12 के अंतर्गत इस आषय की प्रार्थना के साथ योजित किया गया है कि फिक्सड मियादी सं0-1196331 फोलियो नं0-18598 जमा धनराषि रू0 40,000.00 विपक्षी सं0-1 परिवादीगण को 24 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से अदा करे, व परिवाद व्यय रू0 10000.00 विपक्षीगण अदा करे, अनैतिक व्यवहार व सेवा में कमी के मद में रू0 15000.00 का भुगतान विपक्षीगण करे, अवसर के लाभ से वंचित होने के मद में रू0 10000.00 विपक्षीगण संयुक्त रूप से परिवादीगण को अदा करें।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादीगण का कथन यह है कि विपक्षी सं0-2, विपक्षी सं0-1 का कलेक्षन एजेंट सेवा प्रदानकर्ता है तथा विपक्षी सं0-1 की ओर से मेच्योरिटी के समय एफ.डी. की रसीदे निवेषको से प्राप्त कर विपक्षी सं0-1 के पास भेजता है तथा विपक्षी सं0-1 इन सभी सेवाओं के लिए अधिकृत है। नवम्बर 2012 के फिक्सड् डिपॉजिट
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स्कीम 36 माह के लिए आम जनता के लिए विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रारम्भ की, जिसकी मेच्योरिटी नवम्बर, 2015 में थी तथा जमा धनराषि पर प्रत्येक तीन माह के ब्याज का भुगतान किया जाना था। परिवादीगण द्वारा संयुक्त रूप से रू0 40,000.00 की एफ.डी. मियादी सं0-1196331 दिनांक 11.11.12 को विपक्षी सं0-2 के माध्यम से विपक्षी सं0-1 द्वारा जारी की गई स्कीम में निवेष किया गया, जिसकी परिपक्वता अवधि दिनांक 11.11.15 थी। उपरोक्त एफ0डी0 परिपक्व हो जाने पर नियमानुसार परिवादीगण द्वारा मूल एफ0डी0आर0 की रसीदे भुगतान हेतु विपक्षी सं0-2 के पास जमा कराई, ताकि निर्धारित तिथि 11.11.15 को भुगतान प्राप्त हो सके। लेकिन परिवादीगण को निर्धारित तिथि 11.11.15 को मेच्योरिटी धनराषि प्राप्त नहीं हुई। परिवादीगण इंतजार करते रहे, परन्तु परिवादीगण को उनके द्वारा जमा की गयी मियादी जमा का भुगतान नहीं प्राप्त हुआ। इस सम्बन्ध में परिवादीगण द्वारा विपक्षीगण से फोन पर संपर्क किया गया, परन्तु कोई संतोशजनक उत्तर नहीं दिया गया। इस प्रकार विपक्षीगण का यह कार्य सेवा में बरती गई कमी की परिभाशा के अंतर्गत आता है। ऐसा प्रतीत होता है कि एक सोची समझी साजिस के तहत परिवादीगण की मेहनत की कमाई हड़पने का प्रयास विपक्षीगण द्वारा किया जा रहा है। विपक्षी सं0-1 का यह कार्य सेवा में कमी की कोटि में आता है। बावजूद विधिक नोटिस विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादीगण को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 01.09.16 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादीगण ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 21.06.16 एवं 08.03.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची
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कागज सं0-4/1 के साथ संलग्नक कागज सं0-4/2 लगायत् 4/5 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.फोरम द्वारा परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
6.परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा प्रस्तुत लिखित बहस व पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादीगण द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः परिवादपत्र का पूर्णरूप से अवलोकन करने के पष्चात व परिवादीगण द्वारा दाखिल एकपक्षीय लिखित बहस का परिषीलन करने के पष्चात फोरम के मतानुसार परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से परिवादीगण की फिक्सड् मियादी सं0-1196331 फोलियो नं0-18598 जमा धनराषि रू0 40,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, उपरोक्त एफ.डी.आर. लेने की तिथि 11.11.12 से तायूम वसूली हेतु तथा रू0 5,000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादीगण की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादीगण द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादीगण द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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ःःःआदेषःःः
7. परिवादीगण का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादीगण को, प्रष्नगत एफ0डी0आर0 की धनराषि रू0 40,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, उपरोक्त एफ.डी.आर. लेने की तिथि 11.11.12 से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5,000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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