जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, लखनऊ।
वाद संख्या 616/2013
श्री कृष्णा जोशी,
पुत्र स्व0 जीवन चन्द जोशी,
निवासी- ए473, इंदिरा नगर,
लखनऊ-226016। ......... परिवादी
बनाम
1. यूनाइटेड टेलीलिंक्स बंगलुरू लि0,
एल 3, डायमंड डिस्ट्रिक्ट एयरपोर्ट रोड,
कोधीहालीए बंगलुरू-560008
2. मोबाइल डाट काम,
अधिकृत सर्विस सेंटर,
जी-2 श्रीराम टावर,
अशोक मार्ग, लखनऊ।
..........विपक्षीगण
उपस्थितिः-
श्री विजय वर्मा, अध्यक्ष।
श्रीमती अंजु अवस्थी, सदस्या।
श्री राजर्षि शुक्ला, सदस्य।
निर्णय
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से मोबाइल की कीमत रू.5,200.00, क्षतिपूर्ति के रूप में रू.25,000.00 व वाद व्यय के रूप में रू.10,500.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि उसने दिनांक 08.06.2013 को एक कार्बन मोबाइल गणपति मोबाइल से रू.5,200.00 में खरीदा था। उक्त मोबाइल क्रय करने के बाद से ही खराब है तथा उक्त मोबाइल में अनेक खराबियां है जैसे इनवैलिड
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सिम एवं आई एम आई प्राबलम, फोन का अचानक बंद होना, हैगिंग प्राब्लम, टच स्क्रीन का काम न करना आदि जिनकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी सं0 2 मोबाइल कं0 के अधिकृत सर्विस सेंटर से की। उपरोक्त मोबाइल मरम्मत हेतु दिनांक 24.06.2013 को विपक्षी सं0 2 को दिया गया। परिवादी को दिनांक 24.06.2013 को यह आश्वासन दिया गया कि वह एक दिन बाद आकर अपना मोबाइल फोन प्राप्त कर लें। परिवादी जब दिनांक 26.06.2013 को विपक्षी सं0 2 के यहां गया तो विपक्षी सं0 2 ने परिवादी को बताया कि उसके फोन के कुछ पार्ट उपलब्ध नहीं है जिसको कंपनी से मंगाया गया है और वह अपना मोबाइल एक दो दिन बाद आकर ले लें। परिवादी दिनांक 29.06.2013 को पुनः विपक्षी सं0 2 के यहां गया, परंतु उसे मोबाइल नहीं मिला। परिवादी और विपक्षी सं0 2 के बीच कई बार फोन द्वारा अपने मोबाइल के बारे मंे जानने की कोशिश की गयी तो विपक्षी सं0 2 के कर्मचारियों द्वारा कोई समुचित जवाब नहीं मिला। परिवादी पुनः दिनांक 08.07.2013 और 17.07.2013 को विपक्षी सं0 2 के यहां गया तो उसे बताया गया कि उसका मोबाइल अभी नहीं बना है और मोबाइल बनने में कितना समय लगेगा उसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। परिवादी ने विपक्षीगण से अनेक बार फोन व लिखित रूप से खराब मोबाइल के बदले दूसरा मोबाइल देने को कहा, परंतु विपक्षीगण द्वारा ऐसा नहीं किया गया। परिवादी को खराब मोबाइल देकर विपक्षीगण द्वारा अनुचित व्यापार प्रक्रिया एवं सेवा में कमी की गयी है। अतः परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से मोबाइल की कीमत रू.5,200.00, क्षतिपूर्ति के रूप में रू.25,000.00 व वाद व्यय के रूप में रू.10,500.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया है।
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विपक्षीगण को नोटिस भेजे जाने के बाद भी उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ, अतः उनके विरूद्ध आदेश दिनांक 15.07.2014 के अनुसार एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।
परिवादी द्वारा अपना शपथ पत्र तथा 2 संलग्नक परिवाद पत्र के साथ दाखिल किये गये।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
इस प्रकरण में परिवादी ने गणपति मोबाइल से एक मोबाइल हैण्डसेट दिनांक 08.06.2013 को खरीदा जिसमें खरीदने के बाद से ही लगातार खराबी आती रही और कई बार मोबाइल हैण्डसेट रिपेयर के लिए भी विपक्षी सं0 2 के सर्विस सेंटर पर दिया गया और सर्विस सेंटर उस सेट की खराबी को दूर करने में अक्षम सिद्ध हुआ है। परिवादी ने गणपति मोबाइल से हैण्डसेट खरीदने की रसीद दिनांक 08.06.2013 की फोटोप्रति परिवाद पत्र के संलग्नक सं.1 के रूप में दाखिल की है जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादी द्वारा एक हैण्डसेट रू.5,200.00 में खरीदा गया था। परिवादी की तरफ से हैण्डसेट की सर्विस जाॅब शीट की फोटोप्रति संलग्नक सं0 2 के रूप में दाखिल की गयी है जिससे स्पष्ट है कि दिनांक 24.06.2013 को सर्विस सेंटर में मोबाइल दिया गया था। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है जिसमें उसने परिवाद के सभी तथ्यों का समर्थन किया है। विपक्षीगण को नोटिस भेजा गया था, किंतु उनकी ओर से कोई भी जवाब देने के लिए उपस्थित नहीं हुआ, अतः दिनांक 15.07.2014 के आदेश द्वारा उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी। विपक्षीगण की तरफ से न तो कोई उत्तर दाखिल किया गया और न ही कोई शपथ पत्र दाखिल किया गया। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा शपथ पत्र पर किये गये कथनों
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और उसके द्वारा दाखिल की गयी फोटोप्रतियों पर विश्वास न करने का कोई कारण दृृष्टिगत नहीं होता है। परिवादी द्वारा जो साक्ष्य दिये गये हैं उनसे स्पष्ट होता है कि एक खराब मोबाइल हैण्डसेट परिवादी को विक्रय किया गया। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा परिवादी को खराब मोबाइल हैण्डसेट विक्रय करके न केवल अनुचित व्यापार प्रथा अपनायी गयी, बल्कि सेवा में कमी भी की गयी है। परिणामस्वरूप परिवादी पुराने सेट के बदले नया सेट प्राप्त करने का अधिकारी है। इसके अतिरिक्त उसे जो मानसिक व शारीरिक कष्ट हुआ, तदर्थ वह क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय भी प्राप्त करने का अधिकारी है।
आदेश
परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को पृृथक व संयुक्त रूप से आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को उसी मूल्य का नया मोबाइल हैण्डसेट प्रदान करें। यदि वे उसी मूल्य का हैण्डसेट परिवादी को देने में असमर्थ है तो रू.5,200.00.00 (रूपये पांच हजार दो सौ मात्र) का भुगतान 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित परिवाद दाखिल करने की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक परिवादी को अदा करें।
साथ ही विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मानसिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) एवं वाद व्यय के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) अदा करें।
विपक्षीगण उक्त आदेश का अनुपालन एक माह में करें।
(राजर्षि शुक्ला) (अंजु अवस्थी) (विजय वर्मा)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
दिनांकः जून, 2015