Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/502/2015

Rajanul Jabbar - Complainant(s)

Versus

United INdia - Opp.Party(s)

20 Feb 2018

ORDER

 
 
                                                                जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
 
                                                              अध्यासीनः  डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
                                                                                 श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
 
 
उपभोक्ता वाद संख्या-502/2015
एजाजुल जब्बार पुत्र मोहम्मद हुसैन निवासी मकान नं0-92/240 हीरामन का पुरवा थाना बेकनगंज, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
 
प्रबन्धक, यूनाइटेड इण्डिया इंष्योरेन्स कंपनी लि0 षाखा 119/536 त्रिपाठी मार्केट संत नगर, क्रासिंग गुमटी नं0-5, कानपुर नगर-208012
                             ...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 23.09.2015
निर्णय तिथिः 20.02.2018
डा0 आर0एन0 सिंह, अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.  परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से रू0 93,862.00 वाद दाखिल करने की तिथि से ब्याज सहित क्षतिपूर्ति के रूप में दिलायी जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी मोटर साइकिल नं0-यू0पी0-78 डी.एच.-3181 टी.वी.एस. अपाचे का पंजीकृत स्वामी है। आगे निर्णय में उपरोक्त वाहन को प्रष्नगत वाहन के रूप में उल्लिखित किया जायेगा। परिवादी का प्रष्नगत वाहन विपक्षी बीमा कंपनी से पाॅलिसी सं0-0825013113पी107304317 के द्वारा दिनांक 02.02.14 से 01.02.15 तक बीमित था, जिसकी बीमित धनराषि रू0 67,882.00 है। दिनांक 02.05.14 को परिवादी प्रष्नगत वाहन से अपनी पतनी के साथ मोतीझील कारगिल पार्क गया था तथा प्रष्नगत वाहन गेट के बाहर खड़ी की थी। परिवादी जब वापस आया तो प्रष्नगत वाहन गायब था। परिवादी ने उसी समय 6ः28 पर 100 नम्बर डायल कर सूचना दी। पुलिस कर्मी आये, परिवादी को पुलिस थाने जाने को कहा। परिवादी              ने थाना स्वरूप नगर कानपुर जाकर मौखिक  सूचना दी कि  परिवादी का 
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प्रष्नगत वाहन चोरी हो गयी है। दिनांक 08.05.14 को समय 13ः10 पी.एम. पर उपरोक्त थाने में मुकद्मा अपराध सं0-89/14 धारा-379 भा0द0वि0 दर्ज कराया गया। परिवादी ने दिनांक 12.05.14 को विपक्षी सं0-2 को गाड़ी चोरी होने की सूचना और दिनांक 08.05.14 को आर.टी.ओ. कार्यालय कानपुर नगर को गाड़ी चोरी होने के बावत प्रार्थनापत्र दिया। दौरान विवेचना विवेचक को न तो मोटर साइकिल मिली और न ही चोर का पता चला। विवेचक द्वारा दिनांक 27.06.14 को मुकद्मे में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी। दिनांक 28.06.15 को न्यायालय द्वारा प्रकीर्ण वाद सं0-119/15 धारा-379 भा0द0वि0 वादी एजाजुल जब्बार थाना स्वरूप नगर कानपुर नगर में न्यायालय ए0सी0एम0एम0 तृतीय कानपुर नगर द्वारा प्रेशित अंतिम रिपोर्ट स्वीकार कर ली गयी। परिवादी द्वारा विपक्षी को समस्त प्रपत्र लगाकर प्रार्थनापत्र दिया और बीमित धनराषि रू0 67882.00 क्षतिपूर्ति भुगतान करने हेतु प्रार्थना की। विपक्षी द्वारा दिनांक 28.07.15 को पत्र सं0-082501/एम.ओ.डी./93/2012-13 के माध्यम से सूचित किया गया कि उनके कार्यालय में सूचना दिनांक 12.05.14 को दी गयी। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 08.02.14 को लिखायी गयी, जबकि गाड़ी दिनांक 02.05.14 को चोरी हुई, सूचना देने में विलम्ब कहते हुए बीमित धनराषि देने से मना कर दिया गया और फाइल बन्द कर दी गयी। विपक्षी द्वारा प्रष्नगत वाहन की बीमित धनराषि अदा न करके सेवा षर्तों का उल्लंघन किया गया है और सूचना देने में विलम्ब होने की बात कहकर जानबूझ कर अपने दायित्वों से बचने का प्रयास किया गया है। जबकि परिवादी ने सारी औपचारिकतायें समय से पूर्ण की हैं। विपक्षी द्वारा जानबूझकर बेईमानी की नियत से परिवादी को हैरान व परेषान किया जा रहा है और बीमा की धनराषि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा वाहन सं0- यू0पी0 
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76 डीएच 3181 से सम्बन्धित कोई दावा बीमा कंपनी से नहीं किया गया है। परन्तु वाहन सं0-यू0पी0-78 डीएच 3181 के सम्बन्ध में एक दावा अवष्य प्रस्तुत किया गया, जिस घटना की सूचना अति विलम्ब से प्रेशित की गयी थी, जिस कारण अविष्वसनीय तथा बीमा षर्तों के विपरीत होने के कारण दिनांक 28.07.15 को दावा निरस्तीकरण अवष्य किया गया है। क्योंकि किसी वाहन के चोरी के सम्बन्ध में तत्काल सूचना सम्बन्धित बीमा कंपनी को दिया जाना अति आवष्यक है। सूचना के अभाव में किसी प्रकार का दावा स्वीकार किया जाना बीमा कंपनी द्वारा संभव नहीं है। विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार से षर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया है और न ही कोई बदनियती व बेईमानी बीमा कंपनी द्वारा की गयी है। आगे अतिरिक्त कथन में विपक्षी द्वारा यह कथन किया गया है कि विपक्षी की जिम्मेदारी पाॅलिसी षर्तों तक ही सीमित है। इसलिए दावे के तथ्य अस्वीकार किये जाते हैं। परिवाद पत्र की धारा-2 वाहन सं0- यू0पी0-76 डीएच 3181 वाहन टी0वी0एस0 अपाचे से सम्बन्धित प्रपत्र बीमा आदि तथा दुर्घटना को सिद्ध करने का भार परिवादी पर है। विपक्षी द्वारा वाहन सं0- यू0पी0-76 डीएच 3181 टी.वी.एस. अपाचे से सम्बन्धित कोई पत्राचार विपक्षी बीमा कंपनी से नहीं किया गया है और न ही चोरी आदि की सूचना बीमा कंपनी को दी गयी। इस प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद आधारहीन, गलत तथ्यों पर आधारित मनगढ़ंत कहानी पर आधारित है, जिस कारण सव्यय खारिज किये जाने योग्य है। बीमा कंपनी द्वारा परिवादी के प्रति कोई लापरवाही व बीमा षर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया है। अतः परिवाद विपक्षी के विरूद्ध सव्यय खारिज किया जाये।
4. परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके, विपक्षी की ओर से प्रस्तुत जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और स्वयं के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है।
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परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 23.09.15 व 03.12.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्नक कागज सं0-4/2 लगायत् 4/12 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में न तो कोई षपथपत्र दाखिल किया है और न ही कोई अभिलेखीय साक्ष्य दाखिल किया है।
निष्कर्श
7. बहस के समय विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। अतः फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
8. परिवादी की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-5 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
9. उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित हेाता है कि परिवादी का यह कथन है कि दिनांक 02.05.14 को प्रष्नगत वाहन मोतीझील कारगिल पार्क से चोरी चला गया था, जिसकी सूचना परिवादी द्वारा मौखिक रूप से उसी दिन थाना हाजा को दी गयी और दिनांक 08.05.14 को सायं 1ः10 बजे पर मुकद्मा अपराध सं0- 89/14 धारा-379 भारतीय दण्ड संहिता में दर्ज कराया गया। परिवादी ने दिनांक 12.05.14 को विपक्षी को गाड़ी चोरी होने की सूचना व दिनांक 08.05.14 को आर0टी0ओ0 कार्यालय कानपुर को गाड़ी चोरी होने की सूचना दी गयी। विपक्षी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा बीमा षर्तों के अनुसार प्रष्नगत वाहन की चोरी की प्राथमिकी भी समय से दर्ज नहीं करायी गयी और विपक्षी बीमा कंपनी को समय से कोई सूचना नहीं दी गयी और इसी आधार पर विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा परिवादी का क्लेम खारिज किया गया। परिवादी द्वारा की गयी उपरोक्त स्वीकारोक्ति से  स्पश्ट होता है कि
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स्वयं परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन की चोरी की सूचना विपक्षी बीमा कंपनी को समय से नहीं दी गयी। परिवादी की स्वीकारोक्ति के अनुसार परिवादी द्वारा दिनांक 12.05.14 को विपक्षी बीमा कंपनी को सूचना दिये जाने की बात अपने परिवाद पत्र में कही गयी है और तत्सम्बन्धी पत्र कागज सं0-6 भी दाखिल किया गया है। जिससे स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी को सूचना समय से नहीं दी गयी है। जबकि बीमा का कार्य पक्षकारों के मध्य विष्वास और भरोसे की संविदा होती है। परिवादी द्वारा विपक्षी को समय से सूचना न देने से विपक्षी बीमा कंपनी अपने स्वतंत्र ढंग से अभिकथित चोरी की जांच करवाने की कार्यवाही से वंचित हो गया है। अतः विपक्षी द्वारा परिवादी का क्लेम नियम विरूद्ध नहीं खारिज किया गया है। परिवादी यह साबित करने में असफल रहा है कि विपक्षी द्वारा परिवादी का क्लेम विधि विरूद्ध तरीके से खारिज किया गया है। इसके विपरीत समस्त उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों से स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा बीमा षर्तों के अनुसार प्रष्नगत वाहन की चोरी की सूचना समय से विपक्षी बीमा कंपनी को नहीं दी गयी है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
10. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
 
       ( सुधा यादव )                     (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्या                               अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
 
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
 
        ( सुधा यादव )                     (डा0 आर0एन0 सिंह)
           सदस्या                               अध्यक्ष  

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