ला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-84/2007
बिजेन्द्र कुमार पुत्र श्री मातिबर सिंह निवासी 3-1-99 डी रिकाबगंज नियावाॅं रोड फैजाबाद .................परिवादी
बनाम
यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कं0लि0 होटल अलका राजे, रिकाबगंज जिला फैजाबाद। ...............विपक्षी
निर्णय दिनाॅंक 18.08.2015
निर्णय
उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध पर्सनल एक्सीडेंट पाॅलिसी के तहत योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार ह,ै कि दि0 08 जून, 2006 को रात 12 बजे अपनी ड्यूटी पूरी कर मोटर साइकिल से परिवादी घर वापस आ रहा था। फैजाबाद मुख्य डाकघर के पास पानी के टैंकर से भीषण एक्सीडेन्ट हो गया, जिससे परिवादी चलने फिरने में असमर्थ हो गया। दवा लगातार चल रही थी। परिवादी के सिर, पैर, हाथ तथा आॅंख में घातक चोट आयी। एक सप्ताह तक बेहोश रहा। दाहिने हाथ की हड्डी टूट गयी बाएं पैर की हड्डी तीन जगह से टूटी। पैर का आपरेशन
( 2 )
जुलाई 2006 में लखनऊ मेडिकल कालेज में हुआ। इस दुर्घटना में परिवादी के दाहिने आॅंख की रोशनी पूरी तरह समाप्त हो गयी। विपक्षी से पर्सनल एक्सीडेन्ट पाॅलिसी के अन्तर्गत परिवादी ने आवेदन किया। विपक्षी ने परिवादी की दुर्घटना, इलाज, नेत्र विकलांगता आदि के बारे में छानबीन कराया और परिवादी का क्लेम खारिज कर दिया।
विपक्षी ने अपने अपने जवाब में कहा है, कि परिवादी का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी के तहत दावा विपक्षी के कार्यालय में प्राप्त हुआ था। परिवादी ने अपनी आॅंख में आयी विकलांगता के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी फैजाबाद का विकलांगता प्रमाण-पत्र दि0 06.10.2006 प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार उसकी दाहिनी आॅंख में 30 प्रतिशत क्षति दर्शायी गयी थी। परिवादी की आॅंख में आयी विकलांगता का प्रतिशत 50 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के बीच नहीं आती है। इस प्रकार परिवादी को पाॅलिसी के शर्तो के अनुसार क्लेम देने का प्राविधान नहीं है।
मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। बीमा पाॅलिसी के नियमों का अवलोकन किया। दो पहिया मोटर साइकिल वाहन के क्लेम के लिए यदि किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो रू0 1,00,000=00 जिसमें वाहन स्वामी का ड्राइविंग लाइसेन्स होना अति आवश्यक है। शरीर के किसी अंग के कटने पर स्थायी विकलांगता पर 50 प्रतिशत तथा स्थायी रूप से विकलांगता होने पर जिससे पाॅलिसी धारक चलने फिरने में असमर्थ हो तो रू0 1,00,000=00 का प्राविधान किया गया है। परिवादी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी फैजाबाद द्वारा निर्गत विकलांगता प्रमाण-पत्र दिनाॅंकि 06.10.2006 की छायाप्रति कागज सं0-1/17 प्रेषित किया है, जिसमें 30 प्रतिशत परिवादी के दाहिने आॅंख की रोशनी का नुकसान होना दर्शाया गया है। इस प्रकार दाहिने आॅंख में परिवादी की विकलांगता 30 प्रतिशत है। पालिसी की शर्तो के अनुसार 50 प्रतिशत दाहिने आॅंख की विकलांगता होनी चाहिए। इस प्रकार पाॅलिसी की शर्तो के अनुसार परिवादी द्वारा परिवाद में किये गये अभिकथन सत्य नहीं पाये जाते तथा परिवादी अपना परिवाद साबित करने में असफल रहा है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
( 3 )
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 18.08.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष