Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/72/2014

Smt. Pratibha Sharma - Complainant(s)

Versus

United India Insurance Company - Opp.Party(s)

10 Nov 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/72/2014
 
1. Smt. Pratibha Sharma
R/0 Kothiwal Nagar Thana Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. United India Insurance Company
Divisional Office Near Company Bagh Civil Lines Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 10 Nov 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादिनी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे दुर्घटना में कार में हुई क्षति की क्‍लेम राशि अंकन 1,25,000/- रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जाऐ।  क्षतिपूर्ति  की मद में 50,000/- रूपये और परिवाद व्‍यय की मद में   5000/- रूपया परिवादिनी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी मारूति आल्‍टो  कार सं0-डी एल 3 सी ए डब्‍लू-9912 की पंजीकृत स्‍वामी है। विपक्षीगण से उसकी यह कार दिनांक 24/3/2012 से 23/3/2013 तक बीमित थी। दिनांक 24/5/2012 को उसकी कार का एक्‍सीडेन्‍ट हो गया। उसी दिन दुर्घटना की सूचना पुलिस चौकी अगवानपुर थाना सिविल लाइन्‍स, मुरादाबाद पर प्राप्‍त करा दी गई। वाहन की क्षतिपूर्ति हेतु परिवादिनी ने नियमानुसार आवश्‍यक प्रपत्रों सहित विपक्षी सं0-1 के समक्ष क्‍लेम  प्रस्‍तुत    किया जिसे पत्र दिनांकित 10/10/2013 द्वारा विपक्षीगण ने यह कहकर  निरस्‍त कर दिया कि यह कार कवरनोट सं0-1878447 दिनांक 21/3/2011   से ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी द्वारा बीमित नहीं पाई गई और दुर्घटना  की कोई सूचना चौकी अगवानपुर में दर्ज नहीं कराई गई। परिवादिनी का  कथन है कि उसने ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से अपनी आल्‍टो कार  कभी बीमित नहीं कराई। यहॉं तक कि उसने ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी   से कार का बीमा कराने हेतु कभी कोई आवेदन फार्म नहीं भरा। उसने  आरोप लगाया कि दावा भुगतान करने से बचने के लिए विपक्षीगण ने  गलत तरीके से उसका क्‍लेम अस्‍वीकृत किया है और ऐसा करके उन्‍होंने  सेवा प्रदान करने में कमी की है। परिवादिनी ने परिवाद में अनुरोधित  अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के समक्ष प्रस्‍तुत   किऐ गऐ मोटर क्‍लेम फार्म दिनांकित 1/12/2012, चौकी अगवानपुर पर  दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में दिनांक 24/5/2012 को अभिकथित रूप से दी गई   लिखित रिपोर्ट, क्‍लेम की सूचना मिलने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा सर्वेयर  नियुक्‍त किऐ जाने सम्‍बन्‍धी आदेश तथा क्‍लेम अस्‍वीकृति के रिप्‍यूडिऐशन  लेटर दिनांकित 10/10/2013 की नकलों को दाखिल किया गया है, यह   प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/3 लगायत 3/8 हैं।
  4.   परिवादिनी ने मोटर क्‍लेम फार्म कागज सं0-3/3 व 3/4 की पठनीय   प्रति कागज सं0-4/1 लगायात 4/2 भी दाखिल की।
  5.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/8   दाखिल किया गया जिसमें परिवाद असत्‍य कथनों पर आधारित होना बताते  हुऐ परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई। विशेष कथनों में  परिवादिनी की कार दिनांक 24/3/2012 से 23/3/2013 तक की अवधि   हेतु विपक्षीगण से बीमित होने के तथ्‍य से तो इन्‍कार नहीं किया गया,  किन्‍तु अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि परिवादिनी ने पुलिस में कथित   दुर्घटना की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। उसने बीमा कम्‍पनी को कथित   दुर्घटना की सूचना सर्वप्रथम दिनांक 1/6/2012 को दी। विपक्षीगण के  अनुसार दिनांक 24/5/2012 को वास्‍तव में परिवादिनी की कार  दुर्घटनाग्रस्‍त हुई ही नहीं, फर्जी क्‍लेम लेने के उद्देश्‍य से उसने जानबूझकर  देरी से बीमा कम्‍पनी को सूचना दी ताकि कथित दुर्घटना स्‍थल का स्‍पॉट  सर्वे न कराया जा सके। विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर कथन  किया कि बीमा आवेदन फार्म भरते समय परिवादिनी ने ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी के  बीमा कवरनोट की प्रति आवेदन फार्म के साथ संलग्‍न की थी। जॉंच में   यह पाया गया कि ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से परिवादिनी की कार   दिनांक 24/3/2011 से 23/3/2012 तक अवधि में बीमित नहीं थी।   विपक्षीगण के अनुसार यदि ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से कार पूर्व में  बीमित होने सम्‍बन्‍धी कवरनोट की प्रति बीमा आवेदन फार्म के साथ नहीं लगाई गई होती तो कार का निरीक्षण किऐ बिना कार का बीमा विपक्षीगण  नहीं करते। विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर कथन किया है कि ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से कार पूर्व में बीमित होने सम्‍बन्‍धी कवरनोट और चौकी अगवानपुर में कथित रूप से रिपोर्ट दर्ज कराऐ जाने सम्‍बन्‍धी नकल  तहरीर फर्जी प्रपत्र हैं। विपक्षीगण ने परिवादिनी का क्‍लेम अस्‍वीकत करके कोई त्रुटि नहीं की। यह भी कहा गया कि भिन्‍न-भिन्‍न स्‍टेज पर परिवादिनी   ने भिन्‍न-भिन्‍न पते अभिलेखों में दर्ज कराऐ जो उसकी बदनियती को  दर्शाता है। सर्वेयर द्वारा दुर्घटनाग्रस्‍त कार के जो फोटोग्राफ लिऐ गऐ हैं   उनमें भयंकर दुर्घटना होना दर्शाया गया है इसके बावजूद किसी भी व्‍यक्ति   को दुर्घटना में खरौंच तक न आना भी कथित दुर्घटना को फर्जी होना दर्शाता है। विकल्‍प में कहा गया कि सर्वेयर ने 41022/- रूपया की क्षति  का आंकलन किया है। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्‍यय  खारित किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  6.   प्रतिवाद पत्र के साथ वाहन दुर्घटना सूचना दिनांक 1/6/2012, विपक्षीगण द्वारा जारी बीमा सर्टिफिकेट, दिनांक 24/3/2011 से  23/3/2012 तक की अवधि का ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी का बीमा कवरनोट, रिप्‍यूडिऐशन लेटर भेजने के लिफाफे की फोटो प्रति, सर्वेयर श्री कृष्‍ण कुमार द्वारा दी गई क्षति आंकलन रिपोर्ट, क्षतिग्रस्‍त कार के  फोटोग्राफ, बीमा कम्‍पनी के इन्‍वेस्‍टीगेटर श्री अमित कुमार शर्मा की जॉंच रिपोर्ट तथा आर0टी0आई0 के अधीन परिवादिनी के पति द्वारा विपक्षी सं0-1 से मांगी गई सूचना की नकलों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-8/10 लगायत 8/22 हैं।
  7.   परिवादिनी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत  10/2 दाखिल किया।
  8.   विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्‍पनी के वरिष्‍ठ मण्‍डलीय प्रबन्‍धक   श्री लवलीन अवस्‍थी ने साक्ष्‍य शपथ पत्र दाखिल किया जिसके साथ चौकी अगवानपुर पर अभिकथित दुर्घटना की रिपोर्ट दर्ज कराऐ जाने सम्‍बन्‍धी बीमा कम्‍पनी द्वारा आर0टी0आई0 के अधीन उपलब्‍ध कराई गई सूचनाओं की नकलों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया है, यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-11/4 लगायत 11/7  हैं।
  9.   परिवादिनी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से  लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  10.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  11.   परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद कथनों तथा   परिवादिनी के साक्ष्‍य शपथ पत्र में उल्लिलिखत तथ्‍यों की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ कहा कि विपक्षीगण ने जानबूझकर परिवादिनी  का क्‍लेम अस्‍वीकार किया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि रिप्‍यूडिऐशन लेटर कागज सं0-3/9 में क्‍लेम अस्‍वीकृत करने के जो आधार लिऐ गऐ हैं वे  असत्‍य है। उन्‍होंने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  12.   प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवादिनी की  ओर से प्रस्‍तुत तर्कों का प्रतिवाद किया और कहा कि बीमा कम्‍पनी द्वारा कराई गई जॉंच में यह पाया गया कि चौकी अगवानपुर में अभिकथित दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में परिवादिनी की कोई एफ0आई0आर0 दर्ज नहीं है। उन्‍होंने यह भी कहा कि कथित दुर्घटना की तत्‍काल सूचना बीमा कम्‍पनी   को नहीं दी गई और इस तरह बीमा की शर्तों का उल्‍लंघन किया गया। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी तर्क दिया कि बीमा आवेदन करते समय परिवादिनी ने अपनी कार दिनांक 24/3/2011 से 23/3/2012  तक की अवधि हेतु ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड से बीमित होनी बताई थी और तत्‍सम्‍बन्‍धी बीमा कवरनोट की प्रति भी प्रस्‍तुत की थी,   किन्‍तु जॉंच में यह पाया गया कि परिवादिनी की कार ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से कभी बीमित नहीं थी। पत्रावली में उपलब्‍ध अभिलेखों की ओर   हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ विपक्षीगण की ओर से यह भी कहा गया   कि परिवादिनी ने भिन्‍न-भिन्‍न स्‍तर पर अपने भिन्‍न-भिन्‍न पते दिऐ हैं   और इस तरह प्रश्‍नगत मामले में परिवादिनी का आचरण प्रारम्‍भ से ही  असदभावी रहा। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार परिवादिनी    का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की। हम  विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों से सहमत हैं।
  13.   परिवादिनी के अनुसार दुर्घटना दिनांक 24/5/2012 को हुई थी।  कागज सं0-3/5 को इंगित करते हुऐ परिवादिनी की ओर से बताया गया  कि इसकी असल चौकी अगवानपुर पर दुर्घटना वाले दिन ही प्राप्‍त करा  दी गई थी। यधपि विपक्षीगण ने अपने इन्‍वेस्‍टीगेटर श्री अमित कुमार शर्मा की इन्‍वेस्‍टीगेशन रिपोर्ट कागज सं0-8/19 लगायत 8/21 को इंगित  करते हुऐ यह कथन किया है कि जॉंच में चौकी अगवानपुर पर घटना की  कोई रिपोर्ट दर्ज होना नहीं पाया गया है, किन्‍तु परिवादिनी की ओर से  आर0टी0आई0 के अधीन पुलिस विभाग से प्राप्‍त सूचना दिनांकित 17/10/2014 (पत्रावली का कागज सं0-11/6) के अवलोकन से प्रकट है  कि चौकी अगवानपुर के चौकी प्रभारी ने यह तो कहा है कि नकल कागज सं0-3/5 के आधार पर चौकी अगवानपुर की जी0डी0 में इस दुर्घटना की रिपोर्ट दर्ज होना अंकित नहीं है, किन्‍तु वे यह कहने का साहस नहीं कर   पाऐ कि कागज सं0-3/5 की असल दिनांक 24/5/2012 को चौकी  अगवानपुर में प्राप्‍त ही नहीं थी। रिपोर्ट कागज सं0-3/5 के आधार  पर चौकी की जी0डी0 में प्रविष्टि करना अथवा न करना पुलिस कर्मियों  पर निर्भर है। यदि जी0डी0 में दुर्घटना की रिपोर्ट अंकित नहीं की गई   तो इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि तहरीरी रिपोर्ट कागज सं0-3/5 चौकी अगवानपुर पर प्राप्‍त ही नहीं कराई गई थी। हमारे अभिमत  में दुर्घटना की रिपोर्ट चौकी अगवानपुर पर दिनांक 25/12/2012 को प्राप्‍त   कराया जाना प्रमाणित है।
  14.   पत्रावली में अवस्थित ‘’ वाहन दुर्घना सूचना ‘’ तथा क्‍लेम फार्म  कागज सं0-6/11 लगायत 11/12 के अवलोकन से प्रकट है कि   विपक्षीगण को सर्वप्रथम दुर्घटना की सूचना दिनांक 1/6/2012 को दी गई  थी जबकि दुर्घटना दिनांक 24/5/2012 की बताई गई है। इस प्रकार  दुर्घटना की सूचना विपक्षीगण को देने में विलम्‍ब कारित करके परिवादिनी  के स्‍तर से बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है।
  15.   पत्रावली में अवस्थित ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी के बीमा कवरनोट कागज सं0-8/11 के अनुसार परिवादिनी की यह कार  24/3/2011 से 23/3/2012 तक ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड  की सिविल लाइन्‍स, मुरादाबाद शाखा से बीमित थी। परिवादिनी ने अपने  साक्ष्‍य शपथ पत्र में यधपि यह कहा है कि न तो उसने कभी ओरियन्‍टल  इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से अपनी कार का बीमा कराया और न ही प्रश्‍नगत   बीमा हेतु दिऐ गऐ आवेदन फार्म में ऐसा कोई उल्‍लेख किया कि उसकी कार पूर्व में ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से बीमित थी, किन्‍तु कागज सं0-8/11 के वि|मान होते हुऐ परिवादिनी के उक्‍त कथनों पर विश्‍वास   किया जाना सम्‍भव दिखाई नहीं देता। बहस के दौरान विपक्षीगण के  विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवादिनी पक्ष को यह चुनौती दी कि परिवादिनी  यह बताऐ कि उसकी यह कार पहले कौन सी बीमा कम्‍पनी से बीमित थी तो इसका कोई उत्‍तर परिवादिनी की ओर से नहीं दिया जा सका। ऐसी  दशा में विपक्षीगण के इस तर्क में बल दिखाई देता है कि परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित बीमा कराते समय कार के इन्‍सपेक्‍शंस से बचने हेतु  परिवादिनी द्वारा यह गलत ब्‍यानी की गई थी कि उसकी कार ओरियन्‍टल  इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से बीमित है।
  16.   परिवादिनी ने परिवाद पत्र में सर्वप्रथम पता कोठीवाल नगर थाना कोतवाली, मुरादाबाद  लिखा है। परिवादिनी के पति द्वारा विपक्षी सं0-1   को आर0टी0आई0 के अधीन प्रेषित पत्र कागज सं0-8/22 में परिवादिनी  के घर का पता मयूर विहार, दिल्‍ली अंकित है। चौकी अगवानपुर में दी  गई तहरीरी रिपोर्ट में परिवादिनी का पता ग्राम लदावली कांठ रोड,  मुरादाबाद अंकित है। इस प्रकार भिन्‍न-भिन्‍न स्‍टेज पर परिवादिनी के  भिन्‍न-भिन्‍न पते दर्शाऐ गऐ हैं जो परिवादिनी पक्ष के सदभावी होने पर  प्रश्‍न चिन्‍ह लगाते हैं। विधि का यह स्‍थापित सिद्धान्‍त है कि बीमा कोन्‍ट्रेक्‍ट  सदभावना पर आधारित होता है। इस मामले में परिवादिनी के स्‍तर पर सदभावना का अभाव होना प्रमाणित हुआ है।
  17.  उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर   पहुँचे हैं कि परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण को दुर्घटना की सूचना देने में   6 दिन का विलम्‍ब किया गया जिसका कोई स्‍पष्‍टीकरण परिवादिनी की  ओर से नहीं आया। बीमा कान्‍ट्रेक्‍ट के सन्‍दर्भ में परिवादिनी का सदभवी होना प्रमाणित नहीं हुआ है। पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य सामग्री से यह  भी उजागर हुआ है कि बीमा कराते समय कार के इन्‍सपेक्‍शंस से बचने   के लिए परिवादिनी द्वारा कार का पूर्व में ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी   से बीमित होना गलत रूप से दर्शाया गया है। हमारे अभिमत में विपक्षीगण   ने परिवादिनी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके कोई त्रुटि नहीं की।   परिवाद खारिज होने योग्‍य है।
    •  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

    (सुश्री अजरा खान)                (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                       अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद              जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     10.11.2016                    10.11.2016

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.11.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किेया गया।

 

      (सुश्री अजरा खान)             (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                      अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद             जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    10.11.2016                    10.11.2016

 

 

 

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