ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षी से उसे क्लेम की राशि अंकन 53,150/-रूपया और इस धनराशि पर 18 प्रतिशत वाषिक की दर से ब्याज दिलाया जाय। क्षतिपूर्ति की मद में 50,000/- रूपया तथा परिवाद व्यय परिवादी ने अतिरिक्त मांगा है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी महिन्द्रा जाईलो गाड़ी संख्या यू0पी0 21 ए ए-3333 का स्वामी है। उसकी यह गाड़ी दिनांक 06/7/2012 से 05/7/2013 तक की अवधि हेतु विपक्षी से बीमित थी। पालिसी नम्बर- 250700/31/12/01/00000860 है। दिनांक 29/7/2012 को विवेकानन्द अस्पताल के पास सामने से आते हुऐ डम्पर ने परिवादी की गाड़ी में टक्कर मार दी जिससे परिवादी की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। दिनांक 29/7/2012 को ही परिवादी ने दुर्घटना की सूचना विपक्षी के कार्यालय में दी। विपक्षी ने गाड़ी के निरीक्षण व मरम्मत के एस्टीमेट हेतु सर्वेयर नियुक्त किया। सर्वेयर ने गाड़ी का निरीक्षण किया। परिवादी ने अपनी गाड़ी मैसर्स नेहा आटो मोबाइल्स, ईदगाह रोड, मुरादाबाद पर रिपेयर हेतु दी। रिपेयर का 52,700/- रूपये का एस्टीमेट बना। विपक्षी के सर्वेयर ने गाड़ी का जो भाग रिपेयर हो सकता था उसकी रिपेयर और जो भाग बदला जाना था उसे बदलने का अनुमोदन दिया। मरम्मत पर 53,150/- रूपया का खर्चा आया जिस पर सर्वेयर ने अपनी सहमति दी। परिवादी के अनुसार गाड़ी की मरम्मत के समस्त बिल उसने विपक्षी के कार्यालय में जमा किऐ और क्लेम फार्म भी भरा, किन्तु विपक्षी ने क्लेम का भुगतान नहीं दिया। दिनांक 27/2/2013 को विपक्षी का एक पत्र परिवादी को प्राप्त हुआ जिसमें परिवादी को अवगत कराया गया कि उसका 28,000/- रूपये का क्लेम स्वीकृत किया गया है यदि वह संलग्न डिस्चार्ज बाउचर हस्ताक्षर करके भेज देगा तो उक्त क्लेम उसे दे दिया जायेगा अन्यथा पत्रावली बन्द कर दी जाऐगी। परिवादी के अनुसार उसके द्वारा दाखिल क्लेम राशि में अनावश्यक कटौती करके विपक्षी ने सेवा में कमी की है जो गलत है। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षी को कानूनी नोटिस भी भिजवाया किन्तु विपक्षी परिवादी द्वारा प्रस्तुत क्लेम राशि अदा करने को तैयार नहीं है अत: परिवादी को यह परिवाद योजित करना पड़ा। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादी ने विपक्षी को दुर्घटना की सूचना दिऐ जाने विषयक भेजे गऐ पत्र दिनांकित 29/7/2012, विपक्षी की ओर से प्राप्त पत्र दिनांकित 27/2/2013, गाड़ी की रिपेयर के एस्टीमेट तथा उसे रिपेयर किऐ जाने में हुऐ खर्चों के बिल बाउचर की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/13 हैं।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/14 भी दाखिल किया।
- परिवादी ने सूची कागज सं0-3/15 के माध्यम से विपक्षी को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 25/3/2013 की कार्वन प्रति तथा विपक्षी की ओर से प्राप्त पत्र दिनांकित 27/2/2013 मूल रूप में दाखिल किया।
- विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/4 दाखिल किया गया। प्रतिवाद पत्र में महिन्द्रा जाईलो गाड़ी संख्या यू0पी0 21 ए ए-3333 का परिवादी को पंजीकृत स्वामी होना, इस गाड़ी का उत्तरदाता विपक्षी से दिनांक 06/7/2012 से 05/7/2013 तक की अवधि हेतु बीमा होना, दिनांक 29/2/2012 को परिवादी की उक्त गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होना और दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के निरीक्षण एवं एस्टीमेट हेतु उत्तरदाता विपक्षी द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया जाना तो स्वीकार किया गया है किन्तु शेष कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादी का यह कथन असत्य है कि उसकी गाड़ी की मरम्मत में अंकन 53,150/- रूपया खर्चा हुआ हो जिस पर विपक्षी के सर्वेयर ने अपनी सहमति व्यक्त की हो। विपक्षी के अनुसार उसके सर्वेयर श्री किशन कुमार द्वारा प्रस्तुत आख्या के आधार पर परिवादी को अंकन 28,000/- रूपये का क्लेम स्वीकार किया गया जिसकी सूचना परिवादी को भेजी गई थी। स्वीकृत 28,000/- रूपया का क्लेम प्राप्त करने हेतु परिवादी ने वांछित औपचारिकताऐं पूरी नहीं की जिसका परिवादी स्वयं दोषी है। विपक्षी ने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की, तत्सम्बन्धी परिवादी के कथन मिथ्या और आधारहीन हैं। उक्त कथनों के आधार पर परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद पत्र के साथ विपक्षी ने परिवादी की कार की बीमा पालिसी, सर्वेयर श्री किशन कुमार की सर्वे रिपोर्ट तथा 28,000/- रूपया स्वीकृत किये जाने विषयक परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 26/11/2012 की नकलों को बतौर संलग्नक-1 लगायत संलग्नक-3 दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-7/5 लगायत 7/9 हैं।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/2 प्रस्तुत किया।
- विपक्षी की ओर से उनके वरिष्ठ मण्डलीय प्रबन्धक श्री लवलीन अवस्थी का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/4 दाखिल हुआ जिसके साथ बीमा पालिसी और पालिसी की शर्तों की नकल बतौर संलग्नक दाखिल की गई, यह संलग्नक पत्रावली के कागज सं0-11/5 लगायत 11/9 हैं।
- परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की किन्तु विपक्षी ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी की जाईलो गाड़ी संख्या यू0पी0 21 ए ए-3333 दिनांक 06/7/2012 से 05/7/2013 तक की अवधि हेतु विपक्षी से बीमित थी और दिनांक 29/7/2012 को यह गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई जिसकी सूचना उसी दिन परिवादी ने विपक्षी को दी, विपक्षी ने सर्वेयर नियुक्त किया जिन्होंने गाड़ी का निरीक्षण किया और अपनी सर्वे/ लॉस असिस्मेंट रिपोर्ट दिनांकित 20/9/2012 विपक्षी को प्रस्तुत की। सर्वेयर ने दुर्घटना के फलस्वरूप क्लेम के रूप में परिवादी को 28,000/- रूपया दिऐ जाने की संस्तुति की।
- विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि सर्वे रिपोर्ट में की गई संस्तुति के अनुरूप 28,000/- रूपया बतौर क्लेम देने के लिए विपक्षी शुरू से ही तैयार रहा किन्तु परिवादी इससे सन्तुष्ट नहीं है और परिवादी का कथन है कि गाड़ी की रिपेयर में उसका 53,150/- रूपया खर्चा हुआ है, इसके बावजूद विपक्षी बनमाने तरीके से उसमें गलत कटौती कर रहा है जिसका उन्हें अधिकार नहीं है।
- हमने दोनों पक्षों की ओर से प्रस्तुत तर्कों के प्रकाश में सर्वेयर की रिपोर्ट कागज संख्या-7/6 लगायत 7/8 का अवलोकन किया।
- बीमा पालिसी की शर्तें पत्रावली के कागज संख्या-11/6 लगायत 11/9 पर दृष्टव्य हैं। दुर्घटना में हुऐ नुकसान के फलस्वरूप गाड़ी की रिपेयर तथा पार्टस रिप्लेसमेंट पर हुऐ व्यय में से बीमा कम्पनी किस मद में और कितनी धनराशि की कटौती कर सकती है, यह पत्रावली के पृष्ठ संख्या-11/7 पर उपलब्ध है। इसके अनुसार रबड़/नायलोन/प्लास्टिक पार्टस के मूल्य में 50 प्रतिशत कटौती होगी जबकि कांच आईटम्स के मूल्य में कोई कटौती नहीं की जा सकेगी। पेटिंग की दशा में कटौती किस प्रकार की जाऐगी इसका भी उल्लेख पृष्ठ संख्या-11/7 पर है।
- अब देखना यह है कि क्या विपक्षी के सर्वेयर ने जो कटोतियां की है वे सही हैं अथवा नहीं ?
- सर्वे रिपोर्ट का सुसंगत पृष्ठ जो पत्रावली का कागज संख्या-7/8 है गाड़ी की रिपेयर/पार्टस रिप्लेसमेंट पर हुऐ खर्चों की असिस्मेंट शीट है। परिवादी की इस आपत्ति में बल है कि क्रमांक-7 पर दाहिने हाथ के रियर व्यू मिरर को रबर पार्ट मानकर उसमें 50 प्रतिशत की जो कटौती की गई है वह गलत है क्योकि यह पार्ट रबड़ का न होकर शीशे का होता है। इस मद में सर्वेयर द्वारा 840/- रूपये की जो कटौती की गई है उससे हम भी सहमत नहीं हैं। क्रमांक-4 पर सर्वेयर ने यह उल्लेख किया है कि गाड़ी की दाहिने साइड की हैड लाइट नहीं टूटी थी और इस आधार पर हैड लाइट का मूल्य अंकन 4000/- रूपया विपक्षी ने परिवादी को नहीं दिया। असिस्मेंट शीट कागज संख्या-7/8 के अवलोकन से स्पष्ट है कि दुर्घटना में परिवादी की जाईलो कार के अगले और पिछले दाहिनी साइड के दोनों दरवाजों को नुकसान हुआ था, गाड़ी का दाहिनीं साइड का रिम टेढ़ा हो गया था, दाहिनी साइड का रियर व्यू मिरर टूट गया था, यहां तक कि दाहिनी साइड का टायर भी कट गया था। कार की दाहिनीं साइड में हुऐ यह डमेजेज परिवादी के इस कथन की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त दिखाई देते हैं कि कचादित गाड़ी की दाहिने साइड की हैड लाइट भी टूटी थी। परिवादी द्वारा दाखिल रसीद की फोटो प्रति कागज संख्या- 3/13 में दाहिने साइड की हैड लाइट का मूल्य 4000/- रूपया अंकित है। हमारे मत में परिवादी को यह 4000/- रूपया की धनराशि मिलनी चाहिए और चॅूंकि है्ड लाइट कांच की होती है अत: इसके मूल्य में किसी प्रकार की कोटौती नहीं होनी चाहिए।
- गाड़ी की डेंटिग पेंटिग की नकल रसीद कागज संख्या-3/10 के अनुसार परिवादी का कुल 11,500/- रूपया खर्चा हुआ था। सर्वे रिपोर्ट पृष्ठ संख्या- 7/8 में सर्वेयर द्वारा 11,500/- रूपया के सापेक्ष कुल 7200/- रूपया की देयता मानी, किन्तु देयता का कोई आधार उन्होंने अपनी रिपोर्ट में नहीं दिया। पालिसी की शर्तों के अनुसार 11,500/- रूपया में से 25 प्रतिशत धनराशि काटकर परिवादी को 8625/- रूपया दिऐ जाने चाहिऐ थे किन्तु सर्वेयर ने कुल 7200/- रूपया अनुमन्य किऐ और इस प्रकार 1425/- रूपये की देयता कम दर्शाई।
- साल्वेज की मद में सर्वेयर ने 2140/- रूपया की कटौती की संस्तुति की। असिस्मेंट शीट कागज संख्या-7/8 में “ OBSERVATIONS AND FINDINGS ” के बिन्दु संख्या-6 के अनुसार सर्वेयर ने मौके पर साल्वेज को वैरीफाई किया था, किन्तु उसे उन्होंने नष्ट करा दिया। जब साल्वेज को नष्ट सर्वेयर ने कराया है तब साल्वेज की मद में 2140/- रूपये की कटौती नहीं की जानी चाहिए थी। इस प्रकार सर्वेयर ने 840 + 4000 + 1425 +2140 = 8405/- रूपया की कटौतियां हमारे अभिमत में गलत कीं। विपक्षी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार परिवादी को 28,000/- रूपया देने के लिए तैयार है। हमारे अभिमत में परिवादी को सर्वेयर द्वारा संस्तुत 28,000/- रूपया के अतिरिक्त गलत रूप से काटे गऐ 8405/- रूपया भी विपक्षी से दिलाऐ जाने चाहिऐ। इस प्रकार परिवादी को देय क्लेम राशि कुल 36405/- रूपया आती है। परिवादी को इस धनराशि पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी दिलाया जाना हम न्यायोचित समझते हैं। परिवादी को परिवाद व्यय की मद में 2500/- रूपया अतिरिक्त दिलाया जाना भी हमारे मत में न्यायोचित होगा। परिवाद तदानुसार स्वीकार होने योग्य है।
आदेश परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 36,405/- (छत्तीस हजार चार सौ पाँच रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। परिवाद व्यय की मद में परिवादी 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त पाने का भी अधिकारी है। समस्त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से दो माह के भीतर की जाय। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
25.04.2016 25.04.2016 25.04.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 25.04.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
25.04.2016 25.04.2016 25.04.2016 | |