Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/07/2013

Shri Jagnesh (Titu) - Complainant(s)

Versus

United India Insurance Company - Opp.Party(s)

26 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/07/2013
 
1. Shri Jagnesh (Titu)
R/o Village Allapur. Thana & Tehsil Bilari , Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. United India Insurance Company
Branch Office A-62 Gandhi Nagar Distt. Moradabad 244001
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 26 Jul 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  परिवादी ने इस परिवाद के माध्‍यम से यह अनुरोध किया है कि  विपक्षी से उसे 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित मोटर साईकिल की  बीमित राशि 50,500/- रूपया दिलाई जाय। क्षतिपूर्ति की मद में 10,000/-  रूपया और परिवाद व्‍यय परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगा है।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी मोटर साईकिल यू0पी0 21 ए0जे0 1089 का स्‍वामी है।  दिनांक 12/4/2012 को परिवादी कि यह मोटर साईकिल चोरी हो गई। मोटर साईकिल विपक्षी से बीमित थी, चोरी की रिपोर्ट परिवादी ने उसी दिन थाना बिलारी जिला मुरादाबाद पर दर्ज कराई और विपक्षी को भी विधिवत् सूचना दी। दिनांक 05/12/2012 को विपक्षी का एक पत्र परिवादी को प्राप्‍त हुआ जिसमें परिवादी से मूल फाइनल रिपोर्ट और सी0जे0एम0 कोर्ट के आदेश की  नकल की मांग की गई। पत्र में यह भी लिखा गया था कि यदि 15 दिन   में यह प्रपत्र परिवादी ने उपलब्‍ध नहीं कराऐ तो उसकी फाईल बन्‍द कर  दी जायेगी। परिवादी ने विपक्षी को बताया कि फाइनल रिपोर्ट की मूल  प्रति और सी0जे0एम0 न्‍यायालय की संस्‍तुति उपलब्‍ध कराना परिवादी  के क्षेत्राधिकार में नहीं है, किन्‍तु 5000/- रूपया लिऐ बिना विपक्षी ने  परिवादी के दावे का निस्‍तारण करने से इन्‍कार कर दिया। परिवादी ने  उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की  प्रार्थना की।
  3. परिवाद के साथ परिवादी ने कथित रूप से चोरी कई मोटर साईकिल की आर0सी0 की नकल और विपक्षी से प्राप्‍त पत्र दिनांकित 29/11/2012 मूल रूप में दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/4 व 3/5  हैं।
  4. विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/6   दाखिल हुआ जिसमें परिवादी को पत्र दिनांकित 29/11/2012 भेजा जाना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया और कहा गया कि परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ। अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि परिवादी ने एफ0आई0आर0 तथा बीमा पालिसी दाखिल नहीं की। परिवादी ने यह भी उल्‍लेख नहीं किया कि  प्रश्‍नगत मोटर साईकिल का बीमा किस तारीख से किस तारीख तक उसने कराया था और उसकी बीमित राशि कितनी थी। परिवादी द्वारा परिवाद  में यह उल्‍लेख भी गलत किया गया कि उसकी मोटर साईकिल चोरी हुई  थी बल्कि वास्‍तविकता यह है कि जॉंच अधिकारी के समक्ष परिवादी के  चाचा वीरपाल ने बदमाशों द्वारा मोटर साईकिल उस समय लूट लिऐ जाने  के कथन किऐ जब वह मोटर साईकिल चला रहा था। आर0टी0ओ0 को दिऐ गऐ शपथ पत्र में मोटर साईकिल की एक चाबी खो जाने और  दूसरी चाबी मोटर साईकिल के साथ जाने के कथन किऐ गऐ जबकि जॉंच अधिकारी को बताया गया कि दोनों चाबियां मोटर साईकिल में लगी थीं  जो मोटर साईकिल के साथ चली गई। कथित घटना की सूचना विपक्षी को 14 दिन बाद दी गई। इस प्रकार पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया गया। दावा बदनियति पर आधारित है, परिवादी स्‍वच्‍छ हाथों से नहीं आया, मोटर साईकिल की बीमा राशि 40,500/-रूपया थी जबकि परिवादी ने  परिवाद में बीमा राशि 50,500/- रूपया बताई है। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर  यह कथन करते हुऐ कि परिवादी ने अनुचित धन ऐंठने के उद्देश्‍य से असत्‍य कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित किया है, परिवाद को  विशेष व्‍यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रर्थना की गई।
  5. प्रतिवाद पत्र के साथ बतौर संलग्‍नक परिवादी द्वारा विपक्षी को  उपलब्‍ध कराऐ गऐ पत्र दिनांकित 25/4/2012, बीमा पालिसी, जॉंच अधिकारी को परिवादी द्वारा दिऐ गऐ ब्‍यान, परिवादी द्वारा नेशनल क्राइम ब्‍यूरो को भेजे गऐ पत्र दिनांक 22/6/2012, परिवादी द्वारा हीरो होण्‍डा को दिऐ गऐ शपथ पत्र और विपक्षी की ओर से परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 21/8/2012 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया,  यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-8/7 लगायत 8/12 हैं।
  6. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/3   दाखिल किया।
  7. विपक्षी की ओर से उनके वरिष्‍ठ मण्‍डलीय प्रबन्‍धक श्री लवलीन अवस्‍थी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/3 दाखिल किया। विपक्षी की ओर से  उनके जॉंच अधिकारी श्री सुनील कुमार शर्मा का भी साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-13/4 लगायत 13/5 दाखिल हुआ।
  8. किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  9. हमने विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  10. विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने अपने प्रतिवाद पत्र और साक्ष्‍य  शपथ पत्रों में उल्लिखित कथनों को दोहराते हुऐ इस बात पर विशेष बल  दिया कि परिवादी स्‍वच्‍छ हाथों से फोरम के समक्ष नहीं आया है, उसने प्रथम सूचना रिपोर्ट यहॉं तक कि बीमा पालिसी की नकल भी पत्रावली में  दाखिल नहीं की तथा बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार मोटर साईकिल  की कथित चोरी की सूचना विपक्षी को तत्‍काल न देकर घटना के 14   दिन बाद दी और ऐसा करके उसने पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद सव्‍यय खारिज किऐ जाने की  प्रार्थना की।
  11. हमने विपक्षी की ओर से प्रस्‍तुत तर्कों के प्रकाश में पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों और साक्ष्‍य सामग्री का अवलोकन किया।
  12. यह सही है कि प्रतिवाद पत्र में आपत्ति उठाने के बावजूद परिवादी ने न तो प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल दाखिल की और नहीं उसने बीमा  पालिसी को फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया। परिवाद के पैरा सं0-6 तथा  अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-3 (पत्रावली का कागज सं0-12/3) में  परिवादी ने मोटर साईकिल की बीमा राशि 50,500/- रूपया बताई है  जबकि विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र के साथ दाखिल बीमा पालिसी की  नकल कागज सं0-8/8 के अनुसार मोटर साईकिल की बीमा राशि 40,500/- रूपया है। परिवादी ने परिवाद पत्र में मोटर साईकिल चोरी हो जाना अभिकथित किया है इसके विपरीत विपक्षी को प्राप्‍त कराऐ गऐ पत्र कागज सं0-8/7, विपक्षी के जॉंच अधिकारी को  दिऐ गऐ ब्‍यान कागज सं0-8/9 तथा नेशनल क्राइम ब्‍यूरो को भेजे गऐ  पत्र कागज सं0-8/10 में उसने तीन नकाबपोश बदमाशों द्वारा तमंचे के  बल पर मोटर साईकिल लूट लिऐ जाने के कथन किऐ हैं। यह भी  उल्‍लेखनीय हैं कि विपक्षी के जॉंच अधिकारी को दिऐ गऐ अपने ब्‍यानों  में परिवादी ने कहा है कि मोटर साईकिल की दोनों चाबियॉं मोटर साईकिल  में ही लगी थीं जबकि हीरो होण्‍डा के प्रबन्‍धक को प्रेषित पत्र कागज सं0-8/11 में उसने एक चाबी मोटर साईकिल में लगी होने तथा दूसरी चाबी खो जाने के कथन किऐ गऐ हैं। विपक्षी के जॉंच अधिकारी श्री सुनील कुमार शर्मा ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में परिवादी के इन कथनों को  असत्‍य बताया है कि उसने जॉंच के दौरान परिवादी के ब्‍यान नहीं लिये  थे और सादे कागजों पर परिवादी के हस्‍ताक्षर करा लिये थे। जाँच अधिकरी के ब्‍यानों पर अविश्‍वास किऐ जाने का कोई कारण दिखाई नहीं देता। परिवादी स्‍वच्‍छ हाथों से फोरम के समक्ष नहीं आया है।
  13. परिवादी ने यधपि परिवाद पत्र के पैरा सं0-3 में और अपने साक्ष्‍य  शपथ पत्र के पृष्‍ठ-3  (पत्रावली का कागज सं0-12/3) में यधपि यह कहा है कि उसने घटना की सूचना विधिवत् विपक्षी के कार्यालय में उपलब्‍ध  कराई थी, किन्‍तु परिवाद पत्र अथवा अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में वह यह  कहने का साहस नहीं कर पाया कि उसने घटना की सूचना विपक्षी को  कब दी और किसी रीति से उसने विपक्षी को सूचना उपलब्‍ध कराई थी।  विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रतिवाद पत्र के साथ दाखिल परिवादी  के  पत्र  कागज  सं0-8/7  की  और  हमारा  ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि विपक्षी को घटना की सूचना परिवादी ने सर्वप्रथम दिनांक 26/4/2012 को दी थी। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने जोर देकर कहा  कि इससे पूर्व परिवादी ने घटना की कोई सूचना विपक्षी को नहीं दी और   सूचना देने में 14 दिन की देरी करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्‍लंघन किया जिसके अनुसार घटना की सूचना विपक्षी को  तत्‍काल दी जानी चाहिए थी। परिवादी ने ऐसा कोई प्रमाण नहीं दिया जिसके आधार पर यह माना जा सके कि दिनांक 26/4/2012 से पूर्व परिवादी ने घटना की सूचना विपक्षी को दी थी। प्रकट है कि परिवादी ने  घटना की सूचना विपक्षी को देने में 14 दिन का विलम्‍ब कर बीमा पालिसी  की शर्त सं0-1 का उल्‍लंघन किया है।
  14. उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि  परिवाद खारिज होने योग्‍य है।
  15.  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      26.07.2016           26.07.2016        26.07.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 26.07.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      26.07.2016          26.07.2016         26.07.2016

 

 

 

 

 

 

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