ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षी से उसे बीमा राशि के 8,62,794/- (आठ लाख बासठ हजार सात सौ चौरानवें रूपया) 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से दिलाये जाये। मानसिक कष्ट और आर्थिक हानि की मद में 50,000/- रूपया क्षतिपूर्ति के रूप में अतिरिक्त मांगे गये हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी पैराफिन वेक्स का इम्पोर्टर है उसने अपने गोदामों का विपक्षी से बीमा करा रखा है। बीमा पालिसी दो करोड़ तीस लाख रूपये की है और बीमा अवधि दिनांक 11/01/2011 से 10/01/2012 तक थी। दिनांक 19/08/2011 को रामपुर रोड, मुरादाबाद स्थित परिवादी के गोदाम में 3 फिट तक बाढ़ का पानी घुँस गया, दो दिन यही स्थित रही। बाढ़ के पाने से वेक्स का स्टाक नष्ट हो गया जो उपयोग करने लायक नहीं रहा। तत्काल इसकी सूचना विपक्षी को दी गयी उनके सर्वेयर आलोक शंकर एण्ड कम्पनी ने स्थलीय निरीक्षण कर दिनांक 20/06/2012 को अपनी रिपोर्ट विपक्षी को दी। सर्वेयर ने क्षति का मूल्यांकन 34,77,543/- रूपया किया। विपक्षी ने इस सर्वे रिपोर्ट को वैरीफाई करने लिए चार्टड एकाउन्टेन्ट श्री आर0सी0 वाजपेई को नियुक्त किया। श्री वाजपेई ने आलोक शंकर एण्ड कम्पनी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को पुष्ट किया। यधपि विपक्षी के सर्वेयर ने क्षति का मूल्यांकन 34,77,543/- रूपया किया था, किन्तु परिवादी के विरोध के बावजूद विपक्षी ने धमकी दी कि 26,14,753/- रूपया की प्राप्ति के हस्ताक्षर परिवादी ने डिस्चार्ज बाउचर पर नहीं किये तो उसकी पत्रावली को क्षेत्रीय कार्यालय में बन्द कर दिया जायेगा। विपक्षी के वरिष्ठ मण्डलीय प्रबन्धक के दबाब में मजबूरन परिवादी को 26,14,753/- रूपया प्राप्ति के डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर करने पड़े। विपक्षी ने बिना किसी आधार के 8,62,794/- रूपया की धनराशि काट ली, उसे ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं था। परिवादी के अनुसार विपक्षी द्वारा गलत रूप से काट ली गयी धनराशि परिवादी पाने का अधिकारी है जो परिवादी को दिलायी जानी चाहिऐ। परिवादी ने इस प्रकार परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/9 प्रस्तुत किया गया जिसमें परिवादी के गोदाम का दिनांक 11/01/2011 से 10/01/2012 की अवधि हेतु बीमा किया जाना स्वीकार किया गया है, किन्त परिवाद के शेष कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादी का यह कथन गलत हैं कि बाढ़ से उसका 1,11,89,762/- रूपया का नुकसान हुआ था बल्कि सही बात यह है कि परिवादी ने नुकसान बढ़ा-चढ़ाकर बताया है। कथित नुकसान की सूचना मिलने पर विपक्षी ने आलोक शंकर एण्ड कम्पनी से क्षति का आंकलन कराया। सर्वेयर द्वारा आंकलित की गई क्षति चॅूंकि 20,00,000/- रूपया से अधिक थी अत: मुख्यालय के सर्कुलर के अनुसार श्री आर0सी0 वाजपेई चार्टड एकाउन्टेन्ट को क्षति के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रपत्रों की छानबीन व जॉंच हेतु नियुक्त किया गया। श्री वाजपेई ने 26,15,754/- रूपया 26 पैसे के नुकसान की रिपोर्ट प्रेषित की। परिवादी ने अपने पत्र दिनांक 02/01/2013 द्वारा विपक्षी से इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी चाही जिसके जबाब में परिवादी को नियमानुसार 26,14,753/- रूपया के नुकसान का दावा स्वीकार करते हुऐ पत्र दिनांकित 03/01/2013 प्रेषित किया गया, साथ में डिस्चार्ज बाउचर भी हस्ताक्षर के लिए भेजा गया। चॅूंकि परिवादी का माल पंजाब नेशनल बैंक, शाखा बुद्ध बाजार, मुरादाबाद के माध्यम से बीमित था अत: बैंक को भी दिनांक 07/01/2013 की तिथि का पत्र और डिस्चार्ज बाउचर हस्ताक्षर करने हेतु विपक्षी ने दिया जिसके जबाब में परिवादी ने डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर करने के बजाये आर0टी0आई0 के माध्यम से दिनांक 18/01/2013 को सर्वे/ जॉच सम्बन्धी सर्व रिपोर्ट/ आख्याओं की मांग की जो परिवादी को दिनांक 23/01/2013 को उपलब्ध करा दी गयीं। पूर्ण रूप से सन्तुष्ट हो जाने के उपरान्त परिवादी द्वारा और उसके बैंकर पंजाब नेशनल बैंक ने पूर्ण सन्तुष्टि में डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर करते हुऐ एक कैन्सिल चैक दिनांकित 29/01/2013 को प्रस्तुत किया। तदोपरान्त दिनांक 31/01/2013 को परिवादी के पंजाब नेशलन बैंक स्थित खाते में 26,14,753/- रूपया का विपक्षी ने भुगतान किया। विपक्षी का अग्रेत्तर कथन है कि जानबूझकर परिवादी ने चार्टड एकाउन्टेन्ट श्री आर0सी0 वाजपेई की संशोधित आख्या परिवाद के साथ प्रस्तुत नहीं किया इससे परिवादी की बदनियती प्रकट होती है। परिवादी का यह कथन असत्य है कि उससे भुगतान हेतु सुविधा शुल्क की मांग की गई हो तथा डिस्चार्ज बाउचर पर उससे धमकी अथवा दबाव से हस्ताक्षर कराऐ गऐ हों। परिवादी का यह भी कथन असत्य है कि डिसचार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर न करने की दशा में पत्रावली क्षेत्रीय कार्यालय में बन्द करने की धमकी दी गयी हो। परिवादी ने सारी रिपोर्टों और आख्याओं का अध्यन करने एवं उनसे सन्तुष्ट होने के उपरान्त डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर किये। यह कथन भी किया गया है कि फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवाद विशेष व्यय सहित खारिज किये जाने की प्रार्थाना की गयी है।
- परिवाद के साथ परिवादी ने चार्टड एकाउन्टेन्ट श्री आर0 सी0 वाजपेई की इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट दिनांकित 01/10/2012, आलोक कुमार एण्ड कम्पनी की सर्वे रिपोर्ट दिनांकित 29/06/2012 तथा परिवादी फर्म के प्रोपराइटर अभिषेक अग्रवाल द्वारा विपक्षी को प्रेषित पत्र दिनांकित 02/01/2013 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया।
- परिवादी की ओर से साक्ष्य में फर्म के प्रोपराइटर अभिषेक अग्रवाल ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/7 प्रस्तुत किया जिसके साथ उसने चार्टड एकाउन्टेन्ट श्री आर0 सी0 वाजपेई की जॉंच रिपोर्ट दिनांकित 01/10/2012, आलोक शंकर एण्ड कम्पनी की जॉंच रिपोर्ट दिनांकित 29/06/2012 और विपक्षी को भेजे गये अपने पत्र दिनांक 02/01/2013 की फोटो प्रतियों को संलग्नक के रूप में दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-7/8 लगायत 7/32 हैं। विपक्षी की ओर से वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक श्री लवलीन अवस्थी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0’8/1 लगायत 8/3 दाखिल किया उसके साथ उन्होंने बीमा कवरनोट, परिवादी द्वारा बाढ़ से हुऐ नुकसान की बाबत विपक्षी को भेजी गई सूचना दिनांकित 20/08/2011, क्षति के मूल्यांकन के सन्दर्भ में चार्टड एकाउन्टेन्ट श्री आर0सी0 वाजपेई से ई-मेल के जरिये हुऐ पत्राचार की नकलों, आर0सी0 वाजपेई की क्षति का मूल्यांकन 26,14,763/- रूपया करने सम्बन्धी संशोधित रिपोर्ट दिनांकित 10/12/2012, परिवादी की ओर से श्री आर0सी0 वाजपेई को भेजे गये पत्र दिनांकित 30/10/2012, विपक्षी की ओर से परिवादी को भेजे गये पत्र दिनांकित 03/01/2013, विपक्षी की ओर से परिवादी के बैंकर को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 7 जनवरी, 2013, परिवादी द्वारा विपक्षी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 02/01/201, परिवादी द्वारा विपक्षी को भेजे गये पत्र दिनांकित 18/01/2013, परिवादी फर्म के प्रोपराइटर अभिषेक अग्रवाल तथा उनके बैंकर द्वारा दिनांक 29/01/2013 को हस्ताक्षरित 26,14,763/- रूपये के क्लेम सेटिलमेन्ट डिस्चार्ज बाउचर की नकलों को संलग्नक के रूप में दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-8/4 लगायत 8/24 हैं।
- परिवादी ने रिज्वाइंडर शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/2 दाखिल किया। किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि यधपि बाढ़ से परिवादी का 01,11,89,762/- रूपये का नुकसान हुआ था किन्तु विपक्षी के सर्वेयर श्री आलोक शंकर एण्ड कम्पनी ने अपनी रिपोर्ट दिनांकित 29/06/2012 (पत्रावली का कागज सं0-3/7 लगायत 3/29) में नुकसान का आंकलन 34,77,547/- रूपया किया जिसे फाइनल सर्वेयर श्री आर0सी0 वाजपेई चार्टड एकाउन्टेन्ट द्वारा अपनी जॉंच रिपोर्ट दिनांकित 01/10/2012 में सही होना पाया और निष्कर्षित किया कि बाढ़ से परिवादी के गोदाम में 34,77,547/- रूपया का नुकसान हुआ था। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का अग्रेत्तर तर्क है कि इन दोनों सर्वेयर द्वारा किऐ गये नुकसान के आंकलन के वाजूद परिवादी को मात्र 26,14,753/- रूपये का क्लेम दिया गया, परिवादी के प्रोपराईटर अभिषेक अग्रवाल से डिस्चार्ज बाउचर पर अनुचित दबाव और धमकी देकर हस्ताक्षर कराये गये तथा परिवादी को मजबूरन डिस्चार्ज बाउचर दबाब में पर हस्ताक्षर करने पड़े। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि उक्त दोनों सर्वेयर द्वारा दी गई रिपोर्ट में संस्तुत 34,77,547/- रूपया में से 8,62,794/- रूपया विपक्षी ने अकारण, बिना किसी आधार के काट लिये और ऐसा करके विपक्षी ने सेवा में कमी की है।
- प्रत्युत्तर में विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता परिवादी की ओर से दिये गये उक्त तर्कों का कड़ा प्रतिवाद किया और कहा कि परिवादी द्वारा लगाये गये अरोप नि:तान्त मिथ्या और आधारहीन हैं। अग्रेत्तर तर्क दिया गया कि परिवादी ने चार्टड एकाउन्टेन्ट श्री आर0सी0 वाजपेई की अतिरिक्त जॉंच रिपोर्ट दिनांकित 10/12/2012 (पत्रावली का कागज सं0-8/11 लगायत 8/14) को जानबूझकर छुपाया। इस रिपोर्ट में श्री आर0सी0 वाजपेई ने परिवादी के नुकसान का असिस्मेंट 26,14,753/- रूपया किया है तथा फाइनल असिस्मेन्ट के आधार एवं कारणों का उल्लेख भी श्री आर0सी0 वाजपेई ने अपनी इस अतिरिक्त रिपोर्ट दिनांकित 10/12/2012 में किया है। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार परिवादी ने आलोक शंकर एण्ड कम्पनी की रिपोर्ट दिनांकित 29/6/2012, श्री आर0सी0 वाजपेई चार्टड एकाउन्टेन्ट की रिपोर्ट दिनांक 01/10/2012 तथा श्री आर0सी0 वाजपेई की अतिरिक्त रिपोर्ट दिनांकित 10/12/2012 को पढ़ कर बिना किसी दबाव के खूब सोच समझकर 26,14,753/- रूपये की प्राप्ति के डिस्चार्ज बाउचर पर अपने हस्ताक्षर किये थे। परिवादी के अतिरिक्त उसके बैंकर-पंजाब नेशनल बैंक की और से भी सेटिलमेन्ट बाउचर पर हस्ताक्षर किये गये हैं। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार परिवादी ने अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से सही तथ्यों को छुपा कर यह परिवाद योजित किया है जो विशेष व्यय सहित खारिज किया जाना चाहिऐ। विपक्षी की और से अतिरिक्त यह भी कहा गया कि यदि तर्क के लिए यह मान भी लिया जाये कि 34,77,743/- रूपया के सापेक्ष परिवादी को केवल 26,14,753/- रूपये का भुगतान परिवादी को विपक्षी द्वारा किया गया तब भी 26,14,753/- रूपये की धनराशि चूँकि परिवादी ने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से फुल एण्ड फाइनल सेटिलमेन्ट के रूप में प्राप्त कर ली है अत: परिवादी अब क्लेम को री-एजीटेट करने का अधिकारी नहीं रह गया है।
- पत्रावली में जो साक्ष्य सामग्री उपलब्ध है उसके आधार पर हम सन्तुष्ट हैं कि परिवादी से डिस्चार्ज बाउचर पर धमकी अथवा दबाव में हस्ताक्षर नहीं कराये गये थे बल्कि श्री आर0सी0 वाजपेई चार्टड एकाउन्टेन्ट की अतिरिक्त रिपोर्ट दिनांक 10/10/2012 में आंकलित 26,14,753/- रूपये की धनराशि का पूरा भुगतान परिवादी को विपक्षी द्वारा किया गया जिसे परिवादी ने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से स्वीकार किया था।
- पत्रावली में अवस्थित विपक्षी के सर्वेयर आलोक शंकर एण्ड कम्पनी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट दिनांकित 29/06/2012 में परिवादी के नुकसान का आंकलन 34,77,547/- रूपया किया था जिसकी पुष्टि विपक्षी के चार्टड एकाउन्टेन्ट श्री आर0सी0 वाजपेई ने अपनी रिपोर्ट दिनांकित 01/10/2012 में की। श्री आर0सी0 वाजपेई चार्टड एकाउन्टेन्ट की अतिरिक्त जॉंच रिपोर्ट दिनांकित 10/12/2012, जो पत्रावली का कागज सं0-8/11 लगायत 8/14 है को परिवादी ने जानबूझकर छिपाया। यधपि यह अतिरिक्त आख्या परिवाद योजित किये जाने के समय परिवादी की जानकारी में थी। श्री आर0सी0 वाजपेई की इस अतिरिक्त जॉंच रिपोर्ट को आर0टी0आई0 के माध्यम से दिनांक 23/01/2013 को विपक्षी से प्राप्त कर चुका था जैसा कि पत्रावली में अवस्थित पत्र कागज सं0-8/20 के मार्जिन पर परिवादी पृष्ठांकन से प्रकट है। श्री आर0सी0 वाजपेई की इस अतिरिक्त रिर्पोट में नुकसान का फाइनल असिस्मेन्ट 26,14,753/- रूपये किया गया था। पत्रावली में अवस्थित डिस्चार्ज बाउचर कागज सं0-8/21 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी फर्म के प्रोपराइटर अभिषेक अग्रवाल ने 26,14,753/- रूपये की धनराशि की प्राप्ति के ऐवज में दिनांक 29 जनवरी, 2013 को फुल एण्ड फाइनल सेटिलमेन्ट के रूप में डिस्चार्ज बाउचर पर अपने हस्ताक्षर किये थे। इस सेटिलमेंट बाउचर कागज सं0-8/21 पर परिवादी के बैंकर-पंजाब नेशनल बैंक के प्रबन्धक के भी हस्ताक्षर हैं। डिस्चार्ज बाउचर पर परिवादी के हस्ताक्षर की तिथि महत्वपूर्ण है। पत्रावली में अवस्थित कागज सं0-8/20 परिवादी की फर्म के प्रोपराइटर अभिषेक अग्रवाल का वह पत्र है जो दिनांक 18/1/2013 को उसने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विपक्षी बीमा कम्पनी के डिविजनल मैनेजर को प्रस्तुत किया था। इस पत्र में परिवादी ने आलोक शंकर एण्ड कम्पनी की जॉंच रिपोर्ट तथा श्री आर0 सी0 वाजपेई चार्टड एकाउन्टेन्ट की दोनों जॉंच रिपोटों की प्रतियों की मांग की थी। इन तीनों रिर्पोटों की प्रतियां परिवादी को दिनांक 23//1/2013 को प्राप्त हो गयी जैसा कि उक्त प्रार्थना पत्र के हासिये पर अंकित पृष्ठांकन से स्पष्ट है। तीनों रिपोर्ट जॉंच रिपोर्ट प्राप्त होने के 6 दिन बाद अर्थात् दिनांक 29/1/2013 को परिवादी और उसके बैंकर ने 26,14,753/- रूपये की प्राप्ति के डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर किये। प्रकट है कि परिवादी ने तीनों जॉंच रिपोटों को भली भॉति पढ़ लेने और उन पर विचार करने के उपरान्त स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर किये थे। परिवाद के पैरा सं0- 5 में परिवादी के यह आरोप कि उससे डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर धमकी देकर और दबाव डालकर कराये गये थे, प्रमाणित नहीं हुऐ।
- चॅूंकि डिस्चार्ज बाउचर पर परिवादी फर्म के प्रोपराइटर अभिषेक अग्रवाल के हस्ताक्षर दबाव, धमकी अथवा दुर्व्यपदेशन से कराया जाना प्रमाणित नहीं हुआ है अत: परिवादी की ओर से प्रस्तुत रूलिंग 2013 एन0सी0जे0 पृष्ठ-205 (एन0सी0), उपेन्द्र कुमार बनाम न्य इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लि0 वर्तमान मामले पर लागू नहीं होती और यह निर्णयज विधि वर्तमान मामले में परिवादी की कोई सहायता नहीं करती। 2013(2) सी0पी0आर0 पृष्ठ-235, मैसर्स श्री बालाजी वूलन मिल्स बनाम ओरिन्यटल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 के मामले में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा यह व्यवस्था दी गई है कि यदि बीमित व्यक्ति ने फुल एण्ड फाइनल सेटिलमेन्ट के रूप में धनराशि बीमा कम्पनी से प्राप्त कर ली है और प्राप्ति स्वीकृति के रूप में डिस्चार्ज बाउचर पर स्वेच्छा से हस्ताक्षर कर दिये हैं तब बीमित व्यक्ति बीमा दावे को री-एजीटेट नहीं कर सकता।
- वर्तमान मामले में चॅूंकि परिवादी ने स्वेच्छा से फुल एण्ड फाइल सेटिलमेन्ट में विपक्षी से 26,14,753/- रूपये की धनराशि प्राप्त कर ली है और बिना किसी दबाव और धमकी के डिस्चार्ज बाउचर पर हस्ताक्षर कर दिये हैं अत: परिवादी अब क्लेम राशि को री-एजीटेट करने का अधिकारी नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
28.07.2015 28.07.2015 28.07.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 28.07.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 28.07.2015 28.07.2015 28.07.2015 | |