Gajendra Nath Verma filed a consumer case on 28 May 2019 against United India Insurance Company in the Bahraich Consumer Court. The case no is 66/EO/2003 and the judgment uploaded on 31 May 2019.
Uttar Pradesh
Bahraich
66/EO/2003
Gajendra Nath Verma - Complainant(s)
Versus
United India Insurance Company - Opp.Party(s)
28 May 2019
ORDER
प्रार्थी गजेन्द्र नाथ वर्मा द्वारा प्रार्थना पत्र-3 व प्रार्थना पत्र-8 परिवाद संख्या-303/01 के निर्णय दिनांक 20-6-03 एवं मा0 राज्य में अपील संख्या-261/04 के निर्णय दिनांक 10-5-2018 के अनुपालन में डिक्रीटल धनराशि दिनांक 10-4-19 तक के व्याज सहित 55290/-रू0 दिलाये जाने की याचना की गयी है जब कि निर्णीत ऋणी द्वारा डिक्रीटल धनराशि मय व्याज 49202/-रू0 जमा किया गया है।
प्रार्थी के योग्य अधिवक्ता को सुना तथा सम्बंधित प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
निर्णीत ऋणी द्वारा डिक्रीटल धनराशि दिनांक 13-11-2018 तक मय व्याज मु0-49202/-रू0 चेक संख्या-049191 द्वारा जमा किया गया है।
व0सहा0 की आख्यानुसार निर्णय /अपील के क्रम में चेक संख्या 049191 दिनांक 13-11-2018 द्वारा धनराशि- 49202/-रू0 फोरम के खाते में जमा है, जो बैंक आख्या दिनांक 27-5-2019 के अनुसार अद्यतन व्याज सहित कुल 49762/-रू0 हो गयी है, जिसे परिवादी डिक्रीदार को दिया जा सकता है।
इस प्रकार यद्यपि डिक्रीदार द्वारा दिनांक 10-4-19 तक के व्याज की याचना की गयी है जब कि मदयून द्वारा दिनांक 13-11-2018 को व्याज सहित डिक्रीटल धनराशि का चेक जमा किया गया है। अतः दिनांक 13-11-2018 के पश्चात निर्णीत ऋणी को धनराशि पर व्याज दिलाया जाना किसी भी रूप में न्यायोचित नही है। डिक्रीदार विपक्षी द्वारा जमा धनराशि ही प्राप्त करने का अधिकारी है।
प्रार्थी गजेन्द्र नाथ की ओर से पहचान के रूप में भारत सरकार की ओर से निर्गत आधार संख्या-384030390049 की छायाप्रति एवं पी.एन.बी. के अपने खाता की छाया प्रति दाखिल की गयी है।
उपरोक्तानुसार उक्त निष्पादन कार्यवाही के अनुपालन मंे विपक्षी द्वारा डिक्री के सापेक्ष रू0-49762/-फोरम के खाते में जमा किया जा चुका है। व0सहा0 के आख्यानुसार उक्त धनराशि फोरम के खाते में जमा किया गया है जिसे डिक्रीदार को दिया जा सकता है।
तद्नुसार प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
वरिष्ठ सहायक को निर्देशित किया जाता है कि वह मामले में जमा धनराशि -49762/-रू0 का चेक तैयार कर प्रार्थी डिक्रीदार को उनके अधिवक्ता के शिनाख्त पर प्रदान करें।
तद्नुसार निष्पादन 66/ई0ओ0/03 पूर्ण संतुष्टि में खारिज किया जाता है।
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