View 20824 Cases Against United India Insurance
Kamal chand jain filed a consumer case on 12 Aug 2015 against United India Insurance Company Ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/11/2010 and the judgment uploaded on 14 Aug 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
पीठासीन:
अध्यक्ष : नंद लाल शर्मा
सदस्य : महावीर तंवर
सदस्या ः हेमलता भार्गव
परिवाद संख्या:-11/10
कमल चंद जैन पुत्र भेरू लाल जैन जाति महाजन आयु 52 साल निवासी सरस्वती कोलोनी मकान नं. 51, गली नं. 10, कोटा, तहसील लाडपुरा, जिला कोटा। - परिवादी
बनाम
01. यूनाईटेड इंडिया इन्शोरेन्स कंपनी लिमिटेड, गुमानपुरा कोटा जिला कोटा।
02. ई मेडिटेक सोल्यूसन लिमिटेड, ब्रान्य ओफिस307, थर्ड फ्लोर पेरेडाइज अपार्टमेन्ट, सरोजनी मार्ग, सी स्कीम, होटल पार्क प्राइम के पीछे, जयपुर राजस्थान जरिये प्रबंधक। -अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री गोविन्द नामदेव, अधिवक्ता,परिवादी की ओर से ं।
02. श्री विजेन्द्र गौड, अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 12.08.2015
परिवादी ने इस मंच में परिवाद पेश किया जिसमें अंकित किया कि उसने जिसमें अंकित किया उसने अप्रार्थी सं. 1 को 3,426 प्रीमियम राशि अदा कर फेमेली मेडीकेयर पालिसी बीमाधन एक लाख रूपये की 30.07.08 से मध्य रात्रि दिनंाक 29.07.09 तक की अवधि प्राप्त कर रखी है। परिवादी की पत्नी श्रीमति विनोद जैन दिनांक 07.06.09 को बीमार हो गयी, जिसे उसी दिन अग्रवाल न्यूरो साइकेट्री सेन्टर में भर्ती कराया तथा दिनांक 21.06.09 तक भर्ती रही। ईलाज में कुल 21,835 /- रूपये का खर्चा आया। परिवादी ने बीमा क्लेम अप्रार्थी सं. 1 को भेजा। अप्रार्थीगण ने दिनंक 31.07.09 को अप्रार्थी नं. 2 द्वारा भेजे गये पत्र में परिवादी के क्लेम को परिवादी द्वारा वांछित दस्तावेजात नहीं भेजे एवं अप्रार्थी द्वारा 3 बार क्योरी लेटर के संबंध में कोई जवाब नहीं भेजा इस कारण नो क्लेम करके भेज दिया। अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम मनमाने तौर पर खारिज कर उसकी सेवा में कमी की हैै इसलिये परिवादी को अप्रार्थीगण से बीम क्लेम मय ब्याज, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थीगण परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवाद सही परिवादी ने पेश नहीं किया है, उक्त पालिसी के अन्तर्गत परिवादी स्वयं श्रीमति विनोद जैन स्वयं परिवाद ला सकती थी। परिवादी ने उसकी पत्नी के ईलाज के बिल बिना वेरीफाई किये पेश किये है जो देय योग्य नहीं है। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1 को बीमा क्लेम पेश नहीं किया। परिवादी क्लेम राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवादी का नियमित चैक के लिये डा0 को नहीं दिखाया। बीमारी के संबंध में भर्ती रह कर ईलाज नहीं करवाया। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 2 द्वारा वांछित दस्तावेजात पेश नही करने के कारण परिवादी का बीमा क्लेम नो क्लेम कर बंद कर दिया गया और उक्त निर्णय से परिवादी को अवगत करा दिया गया। परिवादी की लापरवाही के कारण उसका बीमा क्लेम नो क्लेम हुआ है जिसका उत्तरदायितव स्वयं परिवादी का है। परिवादी किसी भी प्रकार की राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। अप्रार्थीगण ने परिवादी की सेवा में किसी भी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं की है। परिवादी का परिवाद मय हजा-खर्चा खारिज किया जावे।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
उभय पक्षों को सुनने, पत्रावली का अध्य्यन अवलोकन करने पर स्पष्ट हुआ कि परिवादी की पत्नी श्रीमति विनोद जैन के संबंध में फैमेली मेडीक्लेम पालिसी ली थी और वह दिनांक 07.06.09 को बीमार हो गई, इस तथ्य को उभय पक्ष स्वीकार करते है। परन्तु प्रश्न उठता है कि जब श्रीमती विनोद जैन का बीमा करवाया था और वह बीमार हो गई तो परिवाद श्रीमति विनोद जैन को पेश करना चाहिये था न कि उसके पति कमल चंद जैन को, कमल चंद जैन परिवाद पेश करने का लोकस स्टेण्डडाई ही नहीं है, इस संबंध में अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्त प ख्1994, ब्ण्च्ण्श्रण् 1 ळ।त्भ्ॅ।स् डव्छक्।स् ठप्ज्ञ।ैभ् छप्ळ।ड - व्त्ैण्ध् ैण्डण् ।ळ।त्ॅ।स्ण् से प्रकाश प्राप्त होता है। इस प्रकार प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी की कोई लोकस स्टेण्डडाई नही होने से उपभोक्ता नहीं पाया जाता है।
02. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
परिवादी बिन्दु सं. 1 को साबित नहीं कर पाया है, इसलिये इस बिन्दु पर विवेचन, विश्लेष करने की आवश्यकता नहीं है।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी कमलचंद जैन का परिवाद, अप्रार्थीगण के खारिज किया जाता है। खर्चा परिवाद पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। परिवादी की पत्नी श्रीमति विनोद जैन को निर्देश दिये जाते है कि वह अप्रार्थीगण द्वारा वांछित दस्तोवजात प्रार्थना पत्र के साथ पेश करे और अप्रार्थीगण को निर्देश दिये जाते है कि क्लेम प्रार्थना-पत्र के साथ पेश किये गये दस्तावेजात पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर नियमानुसार कार्यवाही करे।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) ( नंद लाल शर्मा)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 12.08.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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