Madhya Pradesh

Seoni

CC/44/2014

IMRATLAL SANODIYA - Complainant(s)

Versus

UNITED INDIA INSURANCE COMPANY LMD. - Opp.Party(s)

MUKESH AVADHIYA

28 Oct 2014

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, सिवनी (म0प्र0)

  -:समक्ष:-
    
अध्यक्ष : श्री व्ही0पी0 शुक्ला
 सदस्य : वीरेन्द्र सिंह राजपूत
              
प्रकरण क्रमांक:-44/2014                                       प्रस्तुति दिनांक:-16.5.2014


इमरतलाल सनोडिया, आत्मज 
श्री रोषनलाल सनोडिया, निवासी-
द्वारका नगर अमिबका कालोनी,
सिवनी (म0प्र0)                              ................परिवादी
             
          :-विरूद्ध-:            
यूनाइटेड इणिडया इंष्योरेंस कम्पनी
लिमिटेड, द्वारा-षाखा प्रबंधक,
यूनार्इटेड इणिडया इंष्योरेंस कम्पनी
लिमिटेड, षाखा कार्यालय, चर्च
कम्पाउण्ड एन0एच0-7 सिवनी, जिला
सिवनी (म0प्र0)                              ................अनावेदक                                         

             आ  दे  श

( दिनांक:-28.10.2014 को पारित )
पीठासीन अध्यक्ष :- विमल प्रकाश शुक्ला,

1.             परिवादी ने अनावेदक के विरूद्ध धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी के आधार पर चोरी गये वाहन की बीमा पालिसी की षर्त अनुसार सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार  दावा राषि मय ब्याज स्वीकृत किये जाने, मानसिक कश्ट हेतु 25,000-रूपये, वादव्यय 10,000-रूपये दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।  

2.        परिवादी का पक्ष संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी हीरो होण्डा स्पलेण्डर पंजीयन क्रमांक-एम.पी.22-एम.-2007 का मालिक है। परिवादी ने अनावेदक को प्रीमियम अदा कर दिनांक 04.10.11 को हीरो होण्डा स्पलेण्डर मोटर सार्इकिल का बीमा कराया था। अनावेदक द्वारा परिवादी को बीमा पालिसी क्रमांक-19090331110100003119 जारी की गर्इ थी, जो दिनांक 04.10.11 से 03.10.12 तक के लिये थी। परिवादी की हीरो होण्डा स्पलेण्डर मोटर सार्इकिल दिनांक 18.9.2012 को बैनगंगा षापिंग काम्प्लेक्स बस स्टैण्ड सिवनी से चोरी चली गर्इ। परिवादी ने इसकी तत्काल सूचना आरक्षी केन्द्र सिवनी को दी। परिवादी ने बीमा कम्पनी को समक्ष बीमा  दावा प्रस्तुत  किया, जो बीमा दावा 

 

प्रकरण क्रमांक:-442014

क्रमांक-19090331120050057001 पर दर्ज किया गया। अनावेदक द्वारा परिवादी का लंबे समय तक बीमा दावा लंबित रखा गया। अनावेदक ने परिवादी को पत्र प्रेशित कर वाहन से संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देष दिया था। परिवादी ने अनावेदक अभिकर्ता के माध्यम से दिनांक 20.3.2014 को अभिलेख उपलब्ध करा दिया था, इसके बावजूद अनावेदक द्वारा परिवादी का बीमा दावा निराकृत नहीं किया गया, जो उसकी सेवा में कमी है, अतएव परिवादी को अनावेदक से चोरी गये वाहन की बीमा पालिसी की षर्त अनुसार सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार दावा राषि मय ब्याज स्वीकृत किये जाने, मानसिक कश्ट हेतु 25,000-रूपये, वादव्यय 10,000-रूपये दिलाये जाने का निवेदन किया है।

3.       अनावेदक का पक्ष संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी के मोटर सार्इकिल क्रमांक-एम.पी.22-एम.-2007 का अनावेदक अभिकर्ता धरीराम सनोडिया ने बीमा किया था। परिवादी को बीमा पालिसी क्रमांक-19090331110100003119 जारी की गर्इ थी। परिवादी ने यह अभिवचन किया है कि उसकी मोटर सार्इकिल दिनांक 18.9.2012 को चोरी हुर्इ, उसने आरक्षी केन्द्र सिवनी में दिनांक 20.9.2012 को घटना की रिपोर्ट दर्ज करार्इ। परिवादी ने बीमा कम्पनी को घटना की दिनांक 14.3.2013 को विलंब से सूचना दी थी, जो बीमा पालिसी की षर्तो का उल्लंघन है। अनावेदक द्वारा सेवा में कोर्इ कमी नहीं की गर्इ है। अतएव  अनावेदक ने परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने का निवेदन किया है।

4.        विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या अनावेदक द्वारा परिवादी का बीमा दावा का निराकृत न कर सेवा में कमी की गर्इ है ?  
     
5.        यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी ने अनावेदक को प्रीमियम अदा कर दिनांक 04.10.11 को हीरो होण्डा स्पलेण्डर मोटर सार्इकिल का बीमा कराया था। अनावेदक द्वारा परिवादी को बीमा पालिसी क्रमांक-19090331110100003119 जारी की गर्इ थी, जो दिनांक 04.10.11 से 03.10.12 तक के लिये थी।

6.        परिवादी इमरतलाल ने षपथ पत्र पर प्रकट किया कि उसका पुत्र षिवानंद मोटर सार्इकिल-एम.पी.22-एम.-2007 को लेकर बैनगंगा षापिंग काम्प्लेक्स बस स्टैण्ड सिवनी में गया था, उसने मोटर सार्इकिल का हैंडिल लाक कर खडा कर दिया। कोर्इ व्यकित उसकी मोटर सार्इकिल चुराकर ले गया। उसने दिनांक 18.9.12 को आरक्षी केन्द्र सिवनी में षिकायत दर्ज करार्इ। आरक्षी केन्द्र सिवनी ने 1-2 दिन तक मोटर सार्इकिल ढुंढने की सलाह दी। सिवनी पुलिस चीता मोबार्इल द्वारा पतासाजी कर वाहन न मिलने पर दिनांक 20.9.12 को रिपोर्ट दर्ज की गर्इ, उसने बीमा कम्पनी के समक्ष वांछित दस्तावेजों सहित बीमा दावा प्रस्तुत किया गया था। बीमा कम्पनी द्वारा उसका बीमा दावा लंबित रखा गया। बीमा कम्पनी ने उसे दिनांक 30.01.14 एवं दिनांक 10.3.14 

 


प्रकरण क्रमांक:-442014

को पत्र प्रेशित कर खात्मा रिपोर्ट, आर.टी.ओ. में चोरी की सूचना, लेटर आफ सब्रोगेषन, नोटरार्इज्ड एण्ड सी.जे.एम. न्यायालय की खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देष दिया था। उसने अनावेदक के अभिकर्ता को दिनांक 21.3.14 को वांछित दस्तावेज उपलब्ध करा दिया था। अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा उसका बीमा दावा निराकृत नहीं किया गया। 

7.        अनावेदक की ओर से यह आपतित उठार्इ गर्इ है कि परिवादी ने विलंब से पुलिस को मोटर सार्इकिल क्रमांक-एम.पी.22-एम.-2007 की चोरी की सूचना दी एवं बीमा कम्पनी को सूचना दी, जबकि अनावेदक द्वारा परिवादी को जो पत्र प्रेशित किया गया, उसमें उक्त आपतित का कोर्इ उल्लेख नहीं है। परिवादी ने हमारे समक्ष अनावेदक द्वारा प्रेशित पत्र दिनांक 10.3.14 की छायाप्रति प्रस्तुत की है, जिसमें निम्नानुसार उल्लेख है :-

हमारे पत्र क्रमांक 190903तक11402014 दिनांक  30.01.14 एवं 190903दावा12532014 दिनांक     24.02.14 का अवलोकन कर, इस पत्र के माध्यम से मांगे गये कागजात आज दिनांक तक हमे अप्राप्त है, जिससे प्रतीत होता है कि आप दावे में अगि्रम कार्यवाही के इच्छुक नहीं है, अत: यह दावा फाइल नो क्लेम करके बन्द की जाती है।  

8.        परिवादी ने हमारे समक्ष बीमा कम्पनी द्वारा दिनांक       30.01.14 को प्रेशित पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत की है, जिसमें बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी से पुलिस खात्मा रिपोर्ट, आर.टी.ओ. को वाहन चोरी की रिपोर्ट, आर.टी.ओ. कार्यालय का फार्म क्रमांक-29 एवं 30, लेटर आफ सब्रोगेषन, खात्मा रिपोर्ट सी.जे.एम. न्यायालय की मांग की गर्इ है।  

9        अनावेदक द्वारा परिवादी का बीमा दावा इस आधार पर बंद किया गया है कि परिवादी ने अनावेदक द्वारा दिनांक 30.01.14 को चाही गर्इ जानकारी उपलब्ध नहीं करार्इ, जबकि परिवादी इमरतलाल सनोडिया ने षपथ पत्र पर प्रकट किया कि उसने अनावेदक के अभिकर्ता को वांछित दस्तावेज उपलब्ध करा दिया था। परिवादी ने हमारे समक्ष बीमा कम्पनी को दिनांक 30.01.14 के अनुसार चाहे गये अभिलेख उपलब्ध कराने संबंधी कोर्इ लेखीय प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। यदि परिवादी द्वारा अनावेदक के अभिकर्ता को दिनांक 30.01.14 के पत्र के अनुसार चाहे गये अभिलेख उपलब्ध कराये गये थे, तब परिवादी को अनावेदक के अभिकर्ता द्वारा प्राप्त किये गये अभिलेखों की अभिस्वीकृति प्रस्तुत करना चाहिए था। अभिलेख पर अनावेदक द्वारा परिवादी से दिनांक  30.01.14 के पत्र द्वारा चाहे गये दस्तावेज बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराने संबंधी कोर्इ साक्ष्य नहीं है। दस्तावेजों के अभाव में अनावेदक द्वारा परिवादी का बीमा दावा गुणदोशों के आधार पर निराकृत नहीं किया गया है, इसलिये हमारे मत में परिवादी को अनावेदक के समक्ष दिनांक 30.01.14 के पत्र द्वारा चाहे गये वांछित अभिलेख उपलब्ध कराने एवं दस्तावेज प्राप्त होने पर 30 दिवस के अंदर अनावेदक को परिवादी 

 

प्रकरण क्रमांक:-442014

का बीमा दावा निराकृत करने का निर्देष दिया जाना युकितयुक्त है। मामले में आये तथ्यों को देखते हुए परिवादी को हम अन्य कोर्इ सहायता दिलाया जाना युकितयुक्त नहीं समझते हैं।   

10.         उपरोक्त विवेचन के आधार पर हम परिवादी के पक्ष में निम्न आशय का आदेश पारित करते हैं :- 
         
(1)        यदि परिवादी अनावेदकबीमा कम्पनी के समक्ष चाहे गये अभिलेख उपलब्ध कराता है, तब अनावेदकबीमा कम्पनी परिवादी का बीमा दावा अभिलेख प्राप्त होने के तीस दिवस में गुणदोशों के आधार पर निराकृत करे।

(2)        उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय वहन करें।

11.      आदेष की प्रति पक्षकारों को नि:षुल्क प्रदान की जावे।   

   
  मैं सहमत हूँ।                        मेरे निर्देषन में टंकित किया गया।         

(वीरेन्द्र सिंह राजपूत)                             (व्ही0पी0 षुक्ला)
      सदस्य                                                    अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                           जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोषण फोरम,सिवनी                          प्रतितोषण फोरम,सिवनी
     (म0प्र0)                                               (म0प्र0)
 

 
 


     
 
 
  
 
 
 

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