View 21065 Cases Against United India Insurance
Abdul Waheed filed a consumer case on 03 May 2023 against United India Insurance Company Limited in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/27/2019 and the judgment uploaded on 03 May 2023.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 27/2019
परिवाद दाखिला तिथि :- 23.04.2019
निर्णय दिनांक:- 03.05.2023
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
अब्दुल वहीद पुत्र अब्दुल मजीद निवासी 224 अहरौली शेख, पुखरायां, भोगनीपुर कानपुर देहात । ..........................परिवादी
बनाम
....….............प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी अब्दुल वहीद की ओर से सशपथ पत्र प्रतिवादीगण के विरुद्ध इस आशय का संस्थित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से मानसिक शारीरिक क्षति हेतु 3,00,000/- रुपये, भागदौड़ में मार्ग व्यय 1,00,000/- रुपये, नोटिस व्यय 5,000/- रू0 तथा 12,70,000/- रू0 जो परिवादी की गाड़ी की आई0डी0वी0 (एश्योर्ड डिक्लेयर वैल्यू) है, कुल मिलाकर 16,75,000/- रू0 क्षतिपूर्ति मय अतिरिक्त ब्याज 3,00,000/- रू0 सहित तथा वाद व्यय 10,000/- रुपये भी परिवादी को विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 23.04.2019 को योजित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ने निजी उपयोग हेतु एक कार महिन्द्रा वाहन संख्या यू0पी0 77 एस0 0009 XUV 500(W8) विपक्षी संख्या-2 से क्रय किया था जिसका आई0डी0वी0 12,70,000/- रू0 था । उक्त वाहन का बीमा यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड मोटर डीलर ऑफिस 111/432 प्रथम तल 80 फिट रोड अशोक नगर कानपुर नगर से कराया था, जिसमें गाड़ी की कुल वैल्यू 12,70,000/- रू0 का जीरो डेप्ट बीमा था, बीमा श्री तिरुपति ऑटो के द्वारा ही कराया गया था, उक्त वाहन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा अकबरपुर कानपुर देहात से फ़ाइनेंस था । परिवादी अपने व्यवसाय की रकम वसूली के लिए तथा अपने व्यापार के विस्तार के लिये आने जाने हेतु उक्त वाहन का इस्तेमाल करता था । दिनांक 26/ 27.01.2018 की मध्यरात्रि के बाद उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसकी सूचना परिवादी ने अविलंब उसी दिन थाना हाजा को दी थी, उक्त घटना की जानकारी परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी को भी दी गयी थी । तमाम बार बीमा कम्पनी के चक्कर लगाने के बाद भी आज दिन तक बीमा कम्पनी विपक्षी संख्या-2 द्वारा कोई भी क्षतिपूर्ति परिवादी को नहीं दी गयी है । बीमा कम्पनी द्वारा समय से कोई क्षतिपूर्ति प्राप्त न होने के कारण परिवादी फ़ाइनेंस कम्पनी को भी समय से भुगतान नहीं कर पा रहा है । परिवादी ने एक रजिस्टर्ड नोटिस भी द्वारा अधिवक्ता विपक्षी संख्या-2 को प्रेषित की किन्तु उसका भी न तो आज दिन तक कोई जवाब दिया गया है और न ही कोई क्षतिपूर्ति परिवादी को दी गयी थी, जो कि विपक्षी संख्या-2 की पूरी तरह से सेवा में कमी तथा अपने दायित्वों का पूरी तरह से पालन न करना व्यक्त करता है । विपक्षीगण की लगातार लापरवाही पूर्णकृत्य से परिवादी को आर्थिक, मानसिक व शारीरिक क्षति पहुंची है, जिसकी भरपाई के लिये विपक्षीगण स्वयं जिम्मेदार है । परिवादी का परिवाद प्रतिवादी के विरुद्ध सव्यय स्वीकार किया जाये ।
विपक्षी संख्या-1 व 2 यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड की ओर से जवाबदेही/ आपत्ति दाखिल की गयी है जिसमें विपक्षीगण का मुख्य रूप से अभिकथन है कि परिवादी की विपक्षीगण से इस प्रकार की कोई संविदा नहीं हुयी है कि परिवादी द्वारा लिया गया लोन विपक्षीगण द्वारा अदा किया जायेगा । परिवादी द्वारा लिये गये ऋण का एकमात्र दायित्व परिवादी का बनता है, विपक्षीगण द्वारा लोन की अदायगी का कोई दायित्व नहीं है । जहां तक क्षतिपूर्ति का प्रश्न है ? वह बीमा पॉलिसी की शर्तों के अधीन माना जायेगा और प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने बीमा पॉलिसी का कोई विवरण नहीं दिया है, अतः विपक्षीगण द्वारा परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है ।
इसके अतिरिक्त विपक्षीगण-1 व 2 की ओर से अतिरिक्त जवाबदेही कागज संख्या-26/01 लगायत 26/02 दाखिल की गयी है, जिसमें विपक्षीगण द्वारा मुख्यता यह अभिकथन किया गया है कि विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया है कि परिवादी ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है तथा बीमित वाहन के Sale Invoice दिनांकित 24.11.2014 को छुपाकर परिवाद प्रस्तुत किया है और Fake Invoice Paper दिनांक 01.02.2016 प्रस्तुत कर व तथ्यों को छुपाकर Sale Invoice दिनांकित 24.11.2014 को आधार बनाया है । परिवादी द्वारा सही तथ्यों को छुपाकर कूट रचना का कार्य किया गया है जो अविधिक है, जिसके सम्बन्ध में परिवादी को तत्संबंधी विधि के अंतर्गत दंडित किया जाना चाहिये ।
विपक्षी संख्या-1 व 2 की ओर से दाखिल जवाबदेही के उत्तर में परिवादी द्वारा जवाबुल जवाब कागज संख्या-18/1 लगायत 18/3 दाखिल किया गया । परिवादी ने अपने जवाबुल जवाब में मुख्यतः यह कथन किया है कि परिवादी ने निजी उपयोग हेतु एक कार महिन्द्रा वाहन संख्या यू0पी0 77 एस0 0009 XUV 500(W8) विपक्षी संख्या-3 से क्रय किया था जिसका आई0डी0वी0 12,70,000/- रू0 था । उक्त वाहन का बीमा यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड 80 फिट रोड अशोक नगर कानपुर नगर से कराया था, जिसमें गाड़ी की कुल वैल्यू 12,70,000/- रू0 का जीरो डेप्ट बीमा था, बीमा श्री तिरुपति ऑटो के द्वारा ही कराया गया था, उक्त वाहन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा अकबरपुर कानपुर देहात से फ़ाइनेंस था । परिवादी अपने व्यवसाय की रकम वसूली के लिए तथा अपने व्यापार के विस्तार के लिये आने जाने हेतु उक्त वाहन का इस्तेमाल करता था । उक्त वाहन का पंजीयन नम्बर 0825013116P114513942 है तथा उक्त वाद में बीमा आदि की छायाप्रति संलग्न है । दिनांक 26/ 27.01.2018 की मध्यरात्रि के बाद उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसकी सूचना परिवादी ने अविलंब उसी दिन थाना हाजा को दी थी, उक्त घटना की जानकारी परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी को भी दी गयी थी । तमाम बार बीमा कम्पनी के चक्कर लगाने के बाद भी आज दिन तक बीमा कम्पनी विपक्षी संख्या-2 द्वारा कोई भी क्षतिपूर्ति परिवादी को नहीं दी गयी है । विपक्षी संख्या-2 द्वारा कोई क्षतिपूर्ति परिवादी को नहीं दी गयी, जो कि विपक्षी संख्या-2 की पूरी तरह से सेवा में कमी को व्यक्त करता है।
विपक्षी संख्या-3 श्री तिरुपति ऑटो (महिन्द्रा एजेन्सी) सचेण्डी कानपुर नगर की ओर से पर्याप्त नोटिस तामीला के बावजूद तथा कई बार अवसर दिये जाने के बाद भी कोई उपस्थित नहीं आया और न ही जवाबदेही दाखिल की गयी, तत्पश्चात उनके विरुद्ध दिनांक 28.07.2020 को प्रकरण एकपक्षीय सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची कागज संख्या-5 से आधार कार्ड की छायाप्रति कागज संख्या-6/1, अधिवक्ता द्वारा प्रेषित लीगल नोटिस की छायाप्रति कागज संख्या-6/2 मय मूल रजिस्ट्री रसीद कागज संख्या-6/3, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज संख्या-6/4, वाहन बीमा प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज संख्या-6/5 लगायत 6/7 व General Diary Details की छायाप्रति कागज संख्या-6/8 साक्ष्य में दाखिल किया हैं ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी अब्दुल वहीद का शपथपत्र कागज संख्या-19 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
विपक्षी संख्या-1 व 2 यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड की ओर से सन्तोष कुमार, Senior Divisional Manager, United India Insurance Company Limited IInd floor Gumti Plaza, Kaushalpuri Kanpur Nagar द्वारा साक्ष्य शपथपत्र कागज संख्या-27/1 लगायत 27/3 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा अपने साक्ष्य शपथपत्र के साथ Sale Invoice dated 24.11.2014 की छायाप्रति कागज संख्या-28/1, Sale Invoice dated 01.02.2016 की छायाप्रति कागज संख्या-28/2, यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड अशोक नगर कानपुर द्वारा परिवादी को प्रेषित पत्र दिनांकित 25.01.2021 की छायाप्रति कागज संख्या-28/3, सर्वेयर श्री संजय जैन का पत्र दिनांकित 27.11.2018 की छायाप्रति कागज संख्या-28/4 व संलग्नक CA-5 के साथ (CA-5/1 लगायत CA-5/15) कागज संख्या-28/5 लगायत 28/20 साक्ष्य में दाखिल किया है ।
उभयपक्षों की विद्वान अधिवक्ताओं की मौखिक बहस सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य शपथ पत्र, लिखित बहस व अन्य प्रपत्रों का अवलोकन किया ।
पत्रावली के परिशीलन से विदित है कि परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-4 में दिनांक 26/ 27.01.2018 की मध्यरात्रि के बाद वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने का समय बताया और इसकी सूचना थाना हाजा व बीमा कम्पनी को देना बताया किन्तु परिवादी ने बीमा कम्पनी व थाने को सूचना दिये जाने के किसी निश्चित दिनांक का उल्लेख नहीं किया है । विपक्षी यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड की ओर से श्री संतोष कुमार Senior Divisional Manager द्वारा प्रस्तुत प्रतिशपथपत्र कागज संख्या-27/1 लगायत 27/3 के साथ दाखिल संलग्नक कागज संख्या-28/1 लगायत 28/20 से प्रतीत होता है कि परिवादी ने Fake Sale Invoice के आधार पर बीमा क्लेम प्रस्तुत किया है जिससे वाहन की पहचान (Identity of the Vehicle) भी संदिग्ध हो जाती है । परिवादी द्वारा विपक्षी के उक्त शपथपत्र के खण्डन में कोई प्रति शपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है जिससे यह स्पष्ट है कि परिवादी ने Fake Sale Invoice के आधार पर बीमा क्लेम प्रस्तुत किया है।
इस प्रकार परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद अपरिपक्व है तथा परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र एवं जवाबुल जवाब के अभिवचन इस सम्बन्ध में Silent हैं तथा विपक्षीगण की ओर से दाखिल जवाबदेही के खण्डन में भी कोई प्रति शपथपत्र परिवादी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है।
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र की धारा-10 में इस बात का उल्लेख किया है कि बीमा कम्पनी द्वारा क्षतिपूर्ति की अदायगी में अत्यधिक समय लग जाने के कारण फ़ाइनेंस कम्पनी द्वारा अतिरिक्त ब्याज 3,00,000/- रुपया लगाया गया है, जिसे परिवादी ने बीमा कम्पनी से दिलाये जाने के सम्बन्ध में अनुतोष माँगा है ।
इस प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र एवं जवाबुल जवाब के अभिवचनों एवं इसके खण्डन में विपक्षीगण की ओर से दाखिल जवाबदेही एवं अतिरिक्त जवाबदेही से यह स्पष्ट है कि परिवादी के अभिवचन भ्रामक तथा अस्पष्ट हैं । परिवादी ने दुर्घटना की सूचना बीमा कम्पनी एवं थाने को कब दिया, इसकी कोई निश्चित तिथि का उल्लेख नहीं है जबकि बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार बीमा कम्पनी को सूचना अविलंब दी जानी चाहिये थी।
इस प्रकार प्रस्तुत मामले में विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी का कोई मामला प्रतीत नहीं होता है, परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध खारिज किया जाता है । पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करें ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय/आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 03.05.2023
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