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TARKESHWAR SINGH filed a consumer case on 22 Jul 2021 against UNITED INDIA INSURANCE CO. LTD. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/203/2016 and the judgment uploaded on 28 Jul 2021.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 203 सन् 2016
प्रस्तुति दिनांक 19.12.2016
निर्णय दिनांक 22.07.2021
तारकेश्वर सिंह उम्र लगभग 45 साल पुत्र ठाकुर प्रसाद सिंह निवासी ग्राव व पोस्ट- बहादुरपुर, तहसील- लालगंज, थाना- देवगांव, जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी संख्या 02 पंजीकृत जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी है तथा विपक्षी संख्या 02 व 03 उसका अधिकारी है और विपक्षी संख्या 04 व 05 उसके एजेन्ट हैं। याची ने अपनी जर्सी गाय का 40,000/- रुपए का बीमा कराने के लिए विपक्षी संख्या 05 सम्पर्क किया तो उन्होंने जर्सी गाय रंग लाल का बीमा 40,000/- रुपए का दिनांक 09.02.2011 को तीन वर्षों के लिए किया और याची ने बीमा के प्रीमियम की रकम 2120/- रुपया विपक्षी संख्या 05 को अदा किया। इसके उपरान्त विपक्षी संख्या 05 ने उपरोक्त बीमित गाय के कान में यू.पी.082400/52116 नंबर का छल्ला पंच किया और परिवादी को बीमा की मास्टर पॉलिसी संख्या 12468 दिनांकित 09.02.2011 जारी किया। उपरोक्त बीमा 08.02.2014 तक बैध था। दिनांक 18.10.2012 को सायंकाल लगभग 6.30 बजे अचानक बीमित जर्सी गाय मर गयी। बीमित गाय की मृत्यु की सूचना विपक्षी संख्या 05 को दिनांक 19.10.2014 को दिया जिसके उपरान्त
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विपक्षी संख्या 05 ने उक्त गाय का पोस्ट मार्टम दिनांक 19.10.2014 को दिन में लगभग 3.30 बजे किया और उसरी समय उक्त गाय का पोस्ट मार्टम रिपोर्ट तैयार किया उसके उपरान्त विपक्षी संख्या 05 ने पत्र द्वारा पशुधन बीमा योजना के अन्तर्गत समस्त अभिलेखों, शव परीक्षण रिपोर्ट, पशु स्वामी का प्रार्थना पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र युनाइटेड इण्टिया इन्श्योरेन्स कम्पनी के पालिसी की छायाप्रति (कवर नोट), विपक्षी संख्या 02 को सूचना प्रेषण की रसीद, एक बन्द लिफाफे में बीमित गाय के कान का छल्ला, बैंक पासबुक की छायाप्रति तथा मृत गाय का फोटो मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आजमगढ़ विपक्षी संख्या 04 को उपलब्ध कराया, जिसको उनके कार्यालय में प्राप्त करने की रसीद दिनांक 28.10.2013 जारी किया। विपक्षी संख्या 04 मुख्य चिकित्साधिकारी आजमगढ़ ने पत्र संख्या 1454-55/राoपo बीमा/2013-14 दिनांक 07.11.2013 द्वारा याची के उपरोक्त बीमित मृत गाय के बीमा से सम्बन्धित सम्पूर्ण कागजात व छल्ला के साथ विपक्षी संख्या 02 को प्रेषित कर दिया। विपक्षी संख्या 02 ने अपने पत्रांक संख्या 833 दिनांकित 12.11.2013 जो मुख्य चिकित्साधिकारी आजमगढ़ को प्रेषित करते हुए उनसे अनुरोध किया कि उनके पत्र दिनांक 09.11.2013 में अंकित सीरियल नं. 6 पर अंकित कान का छल्ला उन्हें नहीं प्राप्त हुआ है। अतः उसे शीघ्र विपक्षी संख्या 02 के भेजा। उक्त पत्र की प्रति परिवादी को भी प्राप्त हुई। परिवादी विपक्षी संख्या 04 व 05 से कई बार मिल चुका है और उनसे कहा कि वह कान का छल्ला विपक्षी संख्या 02 को उपलब्ध करा दे और बार-बार वह यही कहते रहे कि उक्त मृत गाय के कान का छल्ला विपक्षी संख्या 02 को उपलब्ध करा दिया गया उसके पश्चात् दिनांक 13.06.2015 को परिवादी ने एक प्रार्थना पत्र उपपशुचिकित्साधिकारी की संस्तुति के साथ मुख्य चिकित्साधिकारी को दिया, परन्तु उन्होंने उसका कोई उत्तर नहीं दिया। इस बीच परिवादी विपक्षी संख्या 02 व 03 से टेलीफोन से सम्पर्क करता रहा। दिनांक 22.02.2016 फिर एक प्रार्थना पत्र विपक्षी संख्या 02 व 03 को पंजीकृत डाक से दिया जिस पर विपक्षी संख्या 02 ने कोई उत्तर नहीं दिया तथा विपक्षी संख्या 04 के पत्रांक संख्या 7007-08/राoपंoबीमा/2015-16 दिनांकित 19.03.2016 द्वारा याची को सूचित किया कि उनके कार्यालय से पत्र संख्या 1454-55/राoपo बीमा 2013-14 दिनांक 07.11.2013 द्वारा परिवादी के मृत गाय का दावा विपक्षी संख्या 02 को प्रेषित किया जा चुका था। उक्त पत्र की प्रति विपक्षी संख्या 02 को प्रेषित करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आजमगढ़ ने उनसे अनुरोध किया कि वह परिवादी के दावा का भुगतान न करे। उक्त पत्र के विपक्षी संख्या 02 द्वारा प्राप्त होने के उपरान्त परिवादी ने उनसे कई बार व्यक्तिगत रूप से एवं टेलीफोनिक सम्पर्क
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किया, लेकिन न तो कोई जवाब मिला। सभी विपक्षीगण एक दूसरे के मेली हैं और साजिश में हैं और वे परिवादी को बीमा की धनराशि नहीं देना चाहते हैं। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को मुo 46,000/- रुपया मय 12% अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 8/1 पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 8/2 मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 8/3 उपमुख्य चिकित्साधिकारी लालगंज को लिखे पत्र छायाप्रति, कागज संख्या 8/4 बीमा प्रमाण पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 8/6 मृत गाय की फोटो, कागज संख्या 8/7 पशु दावा की छायाप्रति, कागज संख्या 8/8 मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आजमगढ़ को लिखे पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
विपक्षीगण द्वारा कागज संख्या 14 जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें विपक्षीगण ने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी द्वारा बीमापॉलिसी का कोई भी प्रपत्र दाखिल नहीं किया गया है न तो विपक्षी को कोई छायाप्रति दिया है। परिवादी साजिश में आकर यह परिवाद प्रस्तुत किया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवाद पत्र के पैरा 04 में यह कहा गया है कि परिवादी की गाय 18.10.2012 को सायंकाल लगभग 6.30 बजे बीमारी के कारण मर गयी, जिसकी सूचना विपक्षी संख्या 05 को दिनांक 19.10.2014 को दी गयी। उसके उपरान्त विपक्षी संख्या 05 ने उक्त गाय का पोस्ट मार्टम दिनांक 19.10.2014 को दिन में 3.30 बजे किया। परिवादी के कथनानुसार गाय 18.10.2012 को मरी, पोस्ट मार्टम 19.10.2013 को हुई जो कि पत्रावली में कागज संख्या 8/1 के रूप में दर्ज है जबकि परिवाद पत्र के पैरा 05 में यह लिखा गया है कि पोस्ट मार्टम 19.10.2014 को हुआ। मृत्यु प्रमाण पत्र जो कागज संख्या 8/2 व 8/3 है इसमें गाय के मृत्यु का समय 19.10.2013 प्रदर्शित किया गया है। यह भी परिवाद पत्र के पैरा 04 से मेल नहीं खाता है। यहां इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि परिवादी ने कहीं भी अपने परिवाद पत्र में यह कथन नहीं किया है कि उसने युक्त-युक्त समय में बीमा कम्पनी को गाय की मृत्यु की सूचना दिया था।
उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार से परिवाद निरस्त होने योग्य है।
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आदेश
परिवाद निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 22.07.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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