//जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग.//
प्रकरण क्रमांक CC/ 65/2013
प्रस्तुति दिनांक 08/04/2013
मेसर्स दुआ क्लाथ डेकोरेटर्स
प्रो. श्री चरणजीत सिंह दुआ
पता पुराना हाईकोर्ट के सामने करबला रोड,
जिला बिलासपुर छ.ग ...... आवेदक/परिवादी
विरूद्ध
युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
मण्डल कार्यालय, गुरूकृपा टावर्स,
द्वितीय तल व्यापार विहार, बिलासपुर छ.ग.
द्वारा-मण्डल प्रबंधक
युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड .........अनावेदक/विरोधीपक्षकार
आदेश
(आज दिनांक 29/04/2015 को पारित)
१. आवेदक मेसर्स दुआ क्लॉथ डेकोरेटर्स ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध बीमा दावा को अस्वीकार कर सेवा में कमी के लिए पेश किया है और अनावेदक बीमा कंपनी से बीमा दावा की राशि 5,16,200/रू .क्षतिपूर्ति के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक क्लॉथ डेकोरेशन का सामान किराए पर देता है उसने अपने सामानों का बीमा अनावेदक बीमा कंपनी से दिनांक 08/02/2007 से 18/02/2007 तक की अवधि के लिए कराया था, जिसके संबंध में अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा उसे पॉलिसी क्रमांक 19064/11/06/11/224 जारी किया गया था । यह कहा गया है कि आवेदक बीमा अवधि में रूद्र यज्ञ समिति द्वारा छठ घाट बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम में क्लॉथ डेकोरेशन का कार्य किया था, तभी दिनांक 10/02/2007 की शाम आंधी, तुफान और बारिश आने के कारण आवेदक द्वारा किराए में दिया गया सारा सामान नष्ट हो गया, फलस्वरूप उसने अनावेदक बीमा कंपनी के समक्ष सामानों की सूची सहित नुकसानी दावा प्रस्तुत किया, तब अनावेदक बीमा कंपनी उसे पुन: दावा निर्धारण तक प्रतिक्षा करने को कहा, किंतु उसके उपरांत आवेदक द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजने पर अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि आवेदक को आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था, जो नहीं किया गया, जिसके कारण उसका दावा बंद कर दिया गया । अत: आवेदक की ओर से यह अभिकथित करते हुए कि अनावेदक बीमा कंपनी जानबूझकर दावा राशि देने से बच रहा है जबकि उसे समस्त दस्तावेज दावा प्रस्तुति के समय ही प्रदान कर दिया गया था, फिर भी येनकेन प्रकारेण उसका बीमा दावा निरस्त कर दिया गया, यह परिवाद पेश कर अनावेदक बीमा कंपनी से वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया गया है ।
3. अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से जवाब पेश कर दिनांक 10/02/2007 को आवेदक के डेकोरेशन का सामान अपने यहां बीमित होना तो स्वीकार किया गया, किंतु विरोध इस आधार पर किया गया कि आवेदक द्वारा उन्हें पॉलिसी शर्तों के अधीन घटना की लिखित सूचना प्रदान नहीं की गई । साथ ही कहा गया कि दिनांक 10/02/2007 को आवेदक द्वारा मौखिक सूचना प्राप्त होने पर उन्होंने क्षति के आंकलन हेतु सर्वेयर नियुक्त किया, जो दिनांक 11/02/2002 को मौके पर जाकर क्षतिग्रस्त सामानों की जांच किया किंतु आवेदक द्वारा उसे मांग के बाद भी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया । फलस्वरूप सर्वेयर अपना प्रतिवेदन दिनांक 25/03/2008 को उनके कार्यालय में पेश किया, जिसके अवलोकन से यह पाया गया कि आवेदक द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट, मौसम विभाग का प्रतिवेदन तथा पेपर कटिंग पेश नहीं किया गया था, जिसके कारण ही उनके द्वारा दस्तावेजों के अभाव में पॉलिसी शर्तो के अधीन दिनांक 27/03/2008 को आवेदक को दावा बंद करते हुए उसे इसकी सूचना दी गई । अनावेदक बीमा कंपनी के अनुसार अपने दावे के निपटारे हेतु आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है और वह कोई दावा राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं। साथ ही विकल्प में यह भी कहा गया है कि यदि न्यायालय द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी के उपर भुगतान का कोई दायित्व पाया जाता है, तो उस स्थिति में उनका दायित्व केवल सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार 88,264/.रूपये तक ही सीमित रहेगा । उक्त आधार पर अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से आवेदक के परिवाद को निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है ।
4. उभय पक्ष अधिवक्ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।
5. देखना यह है कि क्या अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदक का बीमा दावा बंद कर सेवा में कमी की गई
सकारण निष्कर्ष
6. इस संबंध में कोई विवाद नहीं कि आवेदक डेकोरेशन का सामान किराये पर देता है और वह अपने सामान का बीमा अनावेदक बीमा कंपनी से दिनांक 08/02/2007 से 18/02/2007 तक की अवधि के लिए कराया था ।
7. आवेदक का कथन है कि दिनांक 10/02/2007 को वह छठ घाट बिलासपुर में रूद्र यज्ञ समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में क्लॉथ डेकोरेशन का कार्य किया था, तब आंधी तुफान और बारिश आने के कारण उसका सारा सामान नष्ट हो गया, फलस्वरूप उसने अनावेदक बीमा कंपनी के समक्ष सामानों की सूची सहित नुकसानी दावा प्रस्तुत किया, जिसके संबंध में पहले अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा प्रतिक्षा करने का कहा गया किंतु बाद में अधिवक्ता द्वारा नोटिस देने पर कहा गया कि आवेदक को आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था, जो नहीं किया गया जिसके कारण उसका दावा बंद कर दिया गया । जबकि आवेदक के अनुसार, उसने दावा के समय में ही समस्त दस्तावेज अनावेदक बीमा कंपनी को प्रदान कर दिया था, इस प्रकार आवेदक के अनुसार दावा निरस्त करने का कोई आधार नहीं होने के बाद भी अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा उसका दावा निरस्त कर दिया गया और इस प्रकार सेवा में कमी की गई ।
8. इसके विपरीत अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से कहा गया है कि आवेदक द्वारा उन्हें पॉलिसी शर्तो के अधीन घटना की लिखित सूचना नहीं दी गई तथा दिनांक 10/02/2007 को दी गई मौखिक सूचना के आधार पर उनके द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया, जो उस दिनांक 10/02/2007 को मौके पर जाकर क्षतिग्रस्त सामानों की जॉंच किया, किंतु आवेदक द्वारा उसे वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके कारण सर्वेयर अपना रिपोर्ट दिनांक 25.03.2008 को उनके कार्यालय में पेश किया, जिसके अवलोकन से यह पाया गया कि आवेदक द्वारा मांग किए जाने के बाद भी प्रथम सूचना रिपोर्ट, मौसम विभाग का प्रतिवेदन तथा पेपर कटिंग पेश नहीं किया गया था, जिसके कारण ही दस्तावेजों के अभाव में उनके द्वारा पॉलिसी शर्तो के अधीन दिनांक 27/03/2008 को आवेदक का दावा बंद करते हुए उसे इसकी सूचना दी गई । इस प्रकार अनावेदक बीमा कंपनी दावा बंद होने के लिए, आवेदक को ही जिम्मेदार ठहराया है ।
9. अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से यद्यपि अपने जवाब में आवेदक का दावा बंद होने के लिए स्वयं आवेदक को जिम्मेदार ठहराया गया है और कहा गया है कि दावा निबटारे के लिए आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं किया गया, फलस्वरूप वह कोई दावा राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । साथ ही आगे यह भी कहा गया है कि यदि न्यायालय द्वारा उन्हें दावा भुगतान का उत्तरदायित्व पाया जाता है तो इस स्थिति में उनका दायित्व सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार 88,264/-रू. तक ही सीमित रहेगा ।
10. अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा अपने जवाब दावा में इस बात को स्वीकार किया गया है कि सर्वेयर द्वारा उनके समक्ष क्षति आंकलन रिपोर्ट दिनांक 25.03.2008 को पेश किया गया, और उसके आधार पर यह पाते हुए कि आवेदक द्वारा मांग के बाद भी सर्वेयर को प्रथम सूचना रिपोर्ट, मौसम विभाग का प्रतिवेदन तथा पेपर कटिंग उपलब्ध नहीं कराया गया था, उसका दावा दिनांक 27.03.2008 को बंद कर दिया गया, किंतु यह समझ से परे है कि जिस सर्वेयर रिपोर्ट के आधार पर अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदक का दावा दस्तावेजों के अभाव में बंद कर दिया गया, उसी रिपोर्ट में सर्वेयर द्वारा आवेदक को आंधी, तूफान में हुए क्षति का आंकलन 88,264/-रू. में किया गया था, को स्वीकार किसलिए नहीं किया गया, जबकि अनावेदक बीमा कंपनी के अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे दावेदारों के मामले को उनकी सहायता करने के रूप में विचार करे, न कि दोषों को देखने के रूप में व्यवहृत करें । फलस्वरूप यह स्पष्ट होता है कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा मामले में सेवा में कमी की गई ।
11. उपरोक्त कारणों से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि आवेदक, अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध सेवा में कमी को प्रमाणित करने में सफल रहा है, अत: आवेदक के पक्ष में अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध निम्न आदेश पारित किया जाता है :-
अ. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदक को आदेश दिनांक से एक माह की अवधि के भीतर बीमा दावा के रूप में सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार 88,264/-रू. .(अठासी हजार दो सौ चौसठ रू.) की राशि अदा करेगा ।
ब. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में 20,000/- रू.(बीस हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।
स. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदक को वादव्यय के रूप में 3,000/- रू.(तीन हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।
(अशोक कुमार पाठक) (प्रमोद वर्मा)
अध्यक्ष सदस्य