Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/164/2016

MO.IMRAN - Complainant(s)

Versus

UNITED INDIA INSURANCE CO. LTD. - Opp.Party(s)

CHHANGUR PANDEY

07 Jan 2019

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/164/2016
( Date of Filing : 20 Sep 2016 )
 
1. MO.IMRAN
AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. UNITED INDIA INSURANCE CO. LTD.
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 07 Jan 2019
Final Order / Judgement

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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 164 सन् 2016

   प्रस्तुति दिनांक 20.09.2016

                                     निर्णय दिनांक  07.01.2019

मोo इमरान उम्र लगभग 30 वर्ष पुत्र इरशाद साकिन मौजा- हाफिजपुर, पोस्ट- हाफिजपुर, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।

......................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड शाखा 64 रूंगटा विल्डिंग सदावर्ती आजमगढ़ जरिए शाखा प्रबन्धक।
  2. बैंक ऑफ इण्डिया, शाखा सिकरौरा, आजमगढ़ जरिए शाखा प्रबन्धक।

..................................................................................विपक्षीगण।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह फर्नीचर, टेन्ट, बर्तन वगैरह बुक कर अपने घर से ले जाकर ग्राहँकों के कार्यक्रम स्थल पर लगाता है और कार्यक्रम की समाप्ति पर अपना सामान वापस लाता है। उक्त सामान को ग्राहँक तक ले जाने हेतु एक वाहन की आवश्यकता हुई तो उसने विपक्षी संख्या 02 से सम्पर्क किया और उनसे लोन ले लिया। लोन लेने के बाद दिनांक 01.05.2015 को उसके द्वारा एक लाइट गूड्स वेहिकल महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा कम्पनी के बोलोरो मैक्सी ट्रक 4,62,800/- रुपये में खरीदा जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर यू.पी. 050 बी.टी. 0513 था। उक्त वाहन का परिवादी ने कम्प्रिहेंसिव बीमा दिनांक 01.05.2015 को विपक्षी संख्या 01 से करवाया और 24,920/- रुपया किश्त जमा किया। उक्त ट्रक दिनांक 13.07.2015 को प्रातः 03 बजे अज्ञात चोरों द्वारा चुरा लिया गया। जिसकी सूचना थाना कोतवाली में दिया। विपक्षी संख्या 02 लोन वसूली का दबाव डाल रहा है। परिवादी ने बैंक का 17,800/- रुपया किश्त जमा किया है। परिवादी विपक्षी संख्या 01 के यहां कई

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बार गया और चोरी किए गए वाहन का भुगतान मांगा, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। उसने मण्डलीय प्रबन्धक यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी गोरखपुर को भी पत्र दिया था। अतः विपक्षी संख्या 01 से परिवादी को वाहन का मूल्य 4,39,660/- रुपया मय 14% वार्षिक ब्याज की दर से चोरी की घटना के दिन से दिलवाया जाए और परिवादी को हर्जा भी दिलवाया जाए।

परिवादी ने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र दिया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवाद ने 6 पत्र इन्श्योरेन्स कम्पनी को जो लिखा है उसकी छायाप्रति दाखिल किया है। परिवादी द्वारा कागज संख्या 7/7 इन्श्योरेन्स कम्पनी द्वारा लिखे गए पत्र की छायाप्रति दाखिल किया है। परिवादी द्वारा रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट इन्श्योरेन्स की छायाप्रति, प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति, फाइनल रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है।

विपक्षी संख्या 02 की तरफ से जवाबदावा दाखिल कर परिवाद पत्र के अभिकथनों से इन्कार किया है। शेष कथन में विपक्षी संख्या 02 ने यह कहा है कि दिनांक 01.05.2015 को उसके द्वारा 3,85,000/- रुपये का ऋण परिवादी को दिया गया था। परिवादी ने सारे अभिलेख मांगे गए थे, लेकिन उसने अभिलेख नहीं दिया। परिवादी द्वारा उसके विरूद्ध अनुतोष की मांग नहीं किया गया है। विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी संख्या 01 की तरफ से जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के अभिकथनों से इन्कार किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि दावा गलत मंशा के साथ दाखिल किया गया है। अतः पोषणीय नहीं है। विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी से उसके क्लेम के त्वरित निस्तारण हेतु उससे कागजात मांगे गए थे, लेकिन उसने समय से नहीं दिया। विपक्षी द्वारा स्वतंत्र एवं निस्पक्ष सर्वेयर निर्धारित किया गया, जिसमें 4,39,660/- रुपये क्षतिपूर्ति का अनुमोदन किया, लेकिन पत्रावली में सर्वेयर की रिपोर्ट संलग्न नहीं है।

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अतः विपक्षी का इस सन्दर्भ में कथन स्वीकार नहीं है। परिवादी द्वारा नियम का उल्लंघन किए जाने के कारण परिवाद खारिज किया जाए। विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

उभय पक्षों द्वारा लिखित बहस तथा मौखिक बहस प्रस्तुत किया गया। सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी संख्या 01 ने यह स्वीकार किया है कि सर्वेयर द्वारा चोरी गए ट्रक की कीमत 4,39,660/- रुपये निर्धारित की गयी है।

चूंकि इन्श्योरेन्स का कागजात कागज संख्या 7/10 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि इन्श्योरेन्स 01.05.2015 से 30.04.2016 तक वैध था और विपक्षी संख्या 01 ने परिवादी को उक्त रकम देने के लिए तैयार भी है। अतः ऐसी स्थिति में मेरे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।

आदेश

परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह 30 दिन के अन्दर परिवादी को क्षतिपूर्ति 4,39,660/- (चार लाख उन्तालीस हजार छः सौ साठ रुपये) रुपये का भुगतान करे। वाद दाखिला की तिथि से परिवादी को उक्त धनराशि पर 09% वार्षिक ब्याज पाने का हकदार होगा। विपक्षी संख्या 01 परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 10,000/- (दस हजार रुपया) रुपया तथा वाद व्यय के लिए 5,000/- (पांच हजार रुपया) रुपया भी अदा करें।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                       (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

           दिनांक 07.01.2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER

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