Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/25/2018

MEERA DEVI - Complainant(s)

Versus

UNITED INDIA INSURANCE CO. LTD. - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

11 May 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 25 सन् 2018

प्रस्तुति दिनांक 30.01.2018

                                                                                                निर्णय दिनांक 11.05.2022

मीरा पत्नी श्री भागवत ग्राम- बनगाँव, पोस्ट- बनगाँव, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)।

     ......................................................................................परिवादिनी।

बनाम

    यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड की स्थानीय शाखा के शाखा प्रबन्धक पता- रूंगटा बिल्डिंग सदावर्ती आजमगढ़ (उoप्रo) पिन. 276001 टेलीफोन नं.     (+91)5462- 247366    

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह अपनी डेयरी की दो भैंसों के लिए विपक्षी के यहाँ से समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर दिनांक 30.12.2015 को बीमा कराया गया था। बीमित राशि प्रत्येक भैंस का मुo 30,000/- रुपए थी तथा किस्त के रूप में विपक्षी द्वारा प्रीमियम, सर्विस टैक्स व स्टैम्प के वास्ते कुल मिलाकर रुपया 2,879/- लिया गया था। बीमा पॉलिसी का नम्बर 0811034715 P111453371 है तथा दिनांक 29.12.2018 तक प्रभावी रहा। बीमित भैंसों के टैग नं. क्रमशः 11904 व 11912 थे। टैग नं. 11904 वाली भैंस की तबियत दिनांक 02.09.2016 की रात्रि से पहले वाले दिन सायं 04 बजे से एकाएक खराब हो गयी, इलाज के लिए रात्रि में काफी भाग-दौड़ की गयी लेकिन दिनांक 02.09.2016 के मध्यरात्रि लगभग 03 बजे इस तथाकथित भैंस की मृत्यु हो गयी। इसकी सूचना विपक्षी को देने पर दिनांक 02.09.2016 को 03.00 पी.एम. पर पशुचिकित्साधिकारी राजकीय पशुचिकित्सालय तरवां द्वारा पशु का पोस्ट मॉर्टम किया गया था दिनांक 07.09.2016 को रिपोर्ट दी गयी। बीमित राशि के भुगतान के लिए परिवादी ने विपक्षी से प्रार्थना किया तथा उनके यहाँ आवश्यक कागजात जमा करवाया गया परन्तु उनके द्वारा भुगतान में टाल-मटोल किया जाने लगा। बाद में उनके यहाँ से दिनांक 21.12.2017 को एक पत्र प्रेषित कर वांछित पेपर नहीं देने के कारण तथा उनकी अनेकों बार मांग किए जाने पर भी नहीं दिए जाने के कारण फाइल को नो क्लेम करके बन्द करने की सूचना दी गयी। विपक्षी द्वारा कभी भी कोई पत्र किसी कागजात को प्रस्तुत करने के लिए परिवादिनी के यहाँ नहीं भेजा गया और न ही उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने पर ही कभी किसी अतिरिक्त कागजात की मांग की गयी। ऐसे में फाइल को नो क्लेम किया जाना उनके द्वारा सेवा में कमी करने जैसा कृत्य है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वे परिवादिनी को उसके बीमित भैंस की बीमित धनराशि मुo 30,000/- रुपया दिनांक 02.09.2016 से अन्तिम भुगतान तक 18% वार्षिक ब्याज के साथ अदा करे। साथ ही विपक्षी से परिवादिनी को हुई मानसिक क्षति, आर्थिक क्षति व वादखर्च के रूप में मुo 60,000/- रुपया दिलाया जाए।      

परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी ने कागज संख्या 6/1 यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स के क्लेम से सम्बन्धित प्रपत्र, कागज संख्या 6/2व3 पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 6/4 पशु बीमा योजना की छायाप्रति, कागज संख्या 13/1 बीमा क्लेम की छायाप्रति, कागज संख्या 13/2 प्रबन्धक भूमि विकास बैंक आजमगढ़ को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 13/3व4 पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 13/5 पशु मेला बाजार सम्बन्धी प्रपत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 13/6 ता 13/8 यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा जारी पशु बीमा पॉलिसी प्रपत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

यहाँ यह उल्लेख कर देना आवश्यक है कि विपक्षी को पर्याप्त अवसर दिए जाने के बावजूद भी उसके द्वारा अपना जवाबदावा आदि प्रस्तुत नहीं किए जाने की स्थिति में दिनांक 05.10.2018 को ही विपक्षी के जवाबदावा आदि प्रस्तुत करने का अवसर समाप्त कर दिया गया था तथा परिवाद की कार्यवाही विपक्षी के विरुद्ध एक पक्षीय अग्रसारित कर दी गयी। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता ने उपस्थित होकर अपना बहस सुनाया तथा विपक्षी की तरफ से उनके विद्वान अधिवक्ता ने अपना लिखित बहस एवं साक्ष्य प्रस्तुत किया है। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के अवलोकन के आधार पर हमारे विचार से परिवाद परिवादिनी के पक्ष में तथा विपक्षी के विरुद्ध स्वीकार होने योग्य है। 

 

आदेश

    परिवाद परिवादिनी के पक्ष में तथा विपक्षी के विरुद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी के बीमित भैंस की बीमित धनराशि मुo 30,000/- रुपए (रु.तीस हजार मात्र) अन्दर 30 दिन परिवादिनी को अदा करे, समयावधि के अन्दर अदा न करने पर उक्त निर्णित धनराशि पर 09% वार्षिक ब्याज देय होगा। साथ ही विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को हुई मानसिक, आर्थिक क्षति व वाद खर्च हेतु मुo 5,000/- रुपए (रु.पांच हजार मात्र) भी अदा करे।

 

 

 

 

                                                                गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह  

                                                 (सदस्य)                     (अध्यक्ष)

 

                    दिनांक 11.05.2022

                                                  यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                     गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                         (सदस्य)                     (अध्यक्ष)

 

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