Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/185/2013

Krishnanand Pandey - Complainant(s)

Versus

United India Insurance Co. Ltd. Divisional Office - Opp.Party(s)

Shri Munna Lal

11 Dec 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM GHAZIPUR
COLLECTORATE COMPOUND, DISTRICT- GHAZIPUR
 
Complaint Case No. CC/185/2013
 
1. Krishnanand Pandey
S/O Kameshwar Pandey, Village & Post- Pahalwanpur, District- Ghazipur
...........Complainant(s)
Versus
1. United India Insurance Co. Ltd. Divisional Office
4th 4 E Ramteerth Marg Kohali House Narahi Lucknow Through Its Senior Manager
2. Chief District Livestock Development Officer
Vikas Bhawan, Ghazipur
Ghazipur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES HONOURABLE MR Ram Prakash Verma PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Paramsheela MEMBER
 HON'BLE MR. Manoj Kumar MEMBER
 
For the Complainant:Shri Munna Lal, Advocate
For the Opp. Party: Shri Kripa Shankar Singh, Advocate
ORDER

दिनांक: 11-12-2015

          परिवादी ने यह परिवाद इस आशय से योजित किया है कि उसकी मृत गाय की बीमा धनराशि रू0 30,000/- 10 प्रतिशत ब्‍याज सहित विपक्षी सं01 से दिलाये जाने के साथ ही हर्जा तथा ब्‍याज के लिए उसे रू0 2000/-  दिलाये जायॅ।

 

          परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सं02 के माध्‍यम से राष्‍ट्रीय पशुधन बीमा योजना के अधीन  एक काली जर्सी गाय कीमती रू0 30,000/- का बीमा विपक्षी सं01 से कराया था, जो दिनांक 10-10-2011 से 09-10-2012 तक की अवधि के लिए प्रभावी था और इसकी मास्‍टर पालिसी क्रमांक 25627 थी। उक्त गाय का बीमा होने से पूर्व गाय का स्‍वास्‍थ्‍य  परीक्षण विपक्षी सं02 ने किया था और उसे टीका लगाया था। परिवादी की उक्‍त गाय 3-4 दिन बीमार रहने के बाद दिनांक 08-10-2012 को लगभग 12.30 बजे दिन में मर गयी। परिवादी ने इसकी सूचना फैक्‍स के माध्‍यम से दिनांक 08-10-2012 को ही विपक्षी सं01 को भेजी और पशु चिकित्सक नन्‍दगंज को मौखिक रूप से सूचित किया। पशु चिकित्‍सक परिवादी के घर आये और उसी दिन उन्‍होंने मृत गाय का शव परीक्षण किया और मृत गाय के कान में लगे पीतल के छल्‍ले को परिवादी को दे दिया। परिवादी द्वारा भेजी गई सूचना के आधार पर विपक्षी सं01 के  जॉचकर्ता श्री चन्‍द्रशेखर राय दिनांक 09-10-2012 को परिवादी के घर आये और उन्‍होंने जॉच की और परिवादी के अलावा ग्राम प्रधान तथा अन्‍य लोगों से पूछ-ताछ किया और घटना को सही पाया। परिवादी ने मृत गाय के कान का टुकड़ा, (पीतल के टैग सहित) शव परीक्षण रिपोर्ट तथा पंचनामा आदि विपक्षी सं01 के यहॉ दावा प्राप्‍त करने हेतु भेजा, लेकिन  बीमा धन का भुगतान परिवादी को नहीं किया गया। इस प्रकार से विपक्षी सं01 ने सेवा में कमी की है । परिवादी ने अपेक्षित न्‍याय शुल्‍क जमा कर दी हैं ।

 

          विपक्षी सं01 की ओर से अपने लिखित कथन में परिवाद पत्र के कथनों को स्‍वीकार नहीं किया गया है और आगे कहा गया है कि उसे जर्सी गाय, जिसका टैग नम्‍बर-यू0 आई0 आई0- 082400/4489 का स्‍वयं से 10-10-2011 से 09-10-12 तक बीमित होना स्‍वीकार नहीं है। विपक्षी सं01 द्वारा राष्‍ट्रीय पशुधन बीमा पालिसी  के प्राविधानों के अधीन परिवादी की एक गाय कीमती रू0 30,000/-  जिसका बीमा पहचान चिन्‍ह यू0आई0आई0 082400/4488 था, दिनांक 24-2-12 से 23-02-13 तक की अवधि हेतु बीमा मास्‍टर पालिसी नम्‍बर- 082400/47/11/01/00001202 के माध्‍यम से बीमित किया गया था। बीमा पालिसी के प्राविधानों के अनुसार बीमित पशु की मृत्‍यु के बाद तत्‍काल इसकी सूचना भेजना और मृत पशु का भौतिक स्‍थल निरीक्षण कराना आवश्‍यक है। बीमा कम्‍पनी के अधिकृत जॉचकर्ता श्री चन्‍द्रशेखर राय दिनांक 09-10-12  को परिवादी के घर स्‍थल निरीक्षण हेतु गये थे, तो मोके पर कथित रूप से मृत गाय उन्‍होंने नहीं पायी थी। इसलिए मृत गाय की सही पहचान नहीं हो पायी थी । परिवादी ने विपक्षी बीमा कम्‍पनी के पास गाय का स्‍वास्‍थ्‍य प्रमाण पत्र, शव परीक्षण आख्‍या, पंचनामा, पहचान चिन्‍ह सहित दावा प्रपत्र नहीं भेजा था, इसलिए विपक्षी बीमा कम्‍पनी क्षतिपूर्ति अदा करने के लिए उत्‍तरदायी नहीं है। प्रश्‍नगत गाय विपक्षी बीमा कम्‍पनी से बीमित नहीं थी, इसलिए परिवादी कोई बीमा धन पाने का अधिकारी नहीं है और परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

          परिवादी ने अपने कथनों के समर्थन में शपथ पत्र कागज संख्‍या 6ग प्रस्‍तुत करने के साथ ही अभिलेख 7ग ता 10ग पत्रावली पर उपलब्‍ध किये हैं और लिखित बहस कागज सं0 23ग पत्रावली पर उपलब्ध की हैं ।

 

          विपक्षी सं01 की ओर से अभिलेख 21ग प्रस्‍तुत करने के साथ ही लिखित बहस 24 ग पत्रावली पर उपलब्‍ध कराई गई है।

 

          विपक्षी सं02 की ओर से न तो कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया है और न उसकी ओर से कोई उपस्थित आया है, अत: उसके विरुद्ध एक पक्षीय सुनवाई की गई।

 

          परिवादी तथा विपक्षी सं01 के विद्वान अधिवक्ता गण को विस्‍तार में सुना गया। पत्रावली पर उपलब्‍ध परिवाद पत्र, प्रतिवाद पत्र तथा शपथ पत्रों व लिखित बहस का भलीभॅाति परिशीलन किया गया।

 

          विपक्षी सं01 की ओर से  कहा गया है कि परिवादी की एक अदद गाय, जिसका टैग नम्‍बर –यू0आई आई0 0082400/4488 था, वह दिनांक 24-02-12 से 23-02-13 तक की अवधि के लिए विपक्षी सं01 से बीमित थी लेकिन अन्‍य गाय जिसका टैग नम्‍बर –यू0आई0आई00082400/4489 होना कहा गया है, वह विपक्षी सं01 से बीमित नहीं थी। उक्‍त तर्क का खण्‍डन परिवादी की ओर से किया गया है और कहा गया है कि उसकी गाय जिसका टैग नम्बर- 082400/4489 था, वह विपक्षी सं01 से दिनांक 10-10-11 से 09-10-12 तक की अवधि के लिए बीमित थी। परिवादी की ओर से इस कथन के समर्थन में इस पत्रावली के साथ संलग्‍न पत्रावली पर मूल रूप से उपलब्‍ध स्‍वास्‍थ्‍य प्रमाण पत्र/ बीमा प्रमाण पत्र कागज सं0 6ग की ओर फोरम का ध्‍यानाकृष्‍ट  किया गया है कि इस बीमा प्रमाण पत्रकी फोटो प्रति उस पत्रावली भी उपलब्‍ध  है,  के परिशीलन से प्रकट है कि परिवादी कृपाशंकर पाण्‍डेय पुत्र कामेश्‍वर पाण्‍डेय की एक मादा जर्सी गाय रंग हल्का काला जिसका छल्‍ला नम्‍बर- 082400/4489 था, दिनांक 10-10-11 से 09-10-12 तक एक वर्ष के लिए रू0 30,000/- के लिए बीमित थी और इस हेतु परिवादी द्वारा रू0 472/- प्रीमियम अदा की गई थी। विपक्षी सं01 की ओर से बीमा पालिसी की प्रति 21ग उपलब्‍ध की गई है, जो एक अन्‍य किसी गाय जिसका टैग नम्बर- 082400/4488 था, के सम्‍बन्‍ध में है। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में अपने मृत गाय के छल्‍ला नम्‍बर का  स्‍पष्‍ट रूप से उल्‍लेख किया है। उसने जॉचकर्ता को दिये गये बयान में भी अपनी गाय के छल्‍ला नम्बर का स्‍पष्‍ट रूप से उल्‍लेख किया है। संलग्‍न पत्रावली पर उपलब्‍ध मूल बीमा पालिसी से भी परिवाद पत्र में कथित गाय का बीमा दिनांक 10-10-11 से 09-10-12 तक होना प्रमाणित होता है। ऐसी स्थिति में, विपक्षी सं01 का यह कथन कि प्रश्‍नगत गाय जिसका छल्‍ला नम्‍बर- 082400/4489 था, विपक्षी सं01 से बीमित नहीं थी, विश्‍वास योग्‍य नहीं है।

 

          परिवादी की ओर से प्रश्‍नगत गाय के बीमा प्रमाण पत्र की प्रति 7ग और पशुधन दावा प्रपत्र, 8ग शव परीक्षण आख्‍या 9ग पत्रावली पर उपलध करायी गयी है। उक्‍त बीमा प्रमाण पत्र, पशुधन दावा प्रपत्र और शव परीक्षण आख्‍या और वैलुएशन प्रमाण पत्र में भी प्रश्‍नगत गाय की पहचान के सम्‍बन्‍ध में कोई भिन्‍नता नहीं है। इन अभिलेखों को विपक्षी सं01 की ओर से चुनौती नहीं दी गयी है। इस प्रकार परिवादी द्वारा उपलब्‍ध कराये गये अभिलेखों से यह स्‍थापित है कि परिवादी की गाय, जिसका टैग नम्‍बर-082400/4489 था,और उसका बीमा विपक्षी सं01 से दिनांक10-10-11 से 09-10-12 तक की अवधि के लिए कराया गया था और इस गाय की मृत्‍यु दिनांक 08-10-12 को हुई थी।

 

     विपक्षी सं01 की ओर से कहा गया है कि मृत गाय के शव का स्‍थल निरीक्षण परिवादी द्वारा नहीं कराया गया है, इसलिए परिवादी को कोई बीमा धन देय नहीं है।  इस बिन्‍दु पर परिवादी की ओर से कहा गया है कि बीमित गाय  के मरने की सूचना  दिनांक 08-10-12 को  ही  विपक्षी सं01 को जरिये फैक्‍स भेजी गयी थी। परिवादी के इस कथन की पुष्टि विपक्षी सं01 के इस कथन से होती है कि दिनांक 09-10-12 को ही विपक्षी सं01 के निर्देश पर अधिकृत जॉचकर्ता द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया था और समुचित कार्यवाही की गयी थी। परिवादी के अनुसार मृत गाय के शव का परीक्षण दिनांक 08-10-2000 को ही किया गया था। पत्रावली पर उपलब्‍ध शव परीक्षण  आख्‍या के परिशीलन से प्रकट होता है कि दिनांक 08-10-12 को  5-30 बजे शाम मृत गाय की शव परीक्षण आख्‍या तैयार की गयी है। ऐसी स्थिति में परिवादी का यह कथन उचित प्रतीत होता है कि शव परीक्षण के उपरांत मृत गाय के शव को अधिक समय तक रखे रहना सम्‍भव नहीं था, इसलिए उसका अन्तिम संस्‍कार कर दिया गया था।

 

          विपक्षी सं01 की ओर से कहा गया है कि परिवादी द्वारा मृत पशु के कान के टुकड़ सहित सुसंगत अभिलेख उसे उपलब्‍ध नहीं कराये गये थे, इसलिए भी परिवादी को क्षतिपूर्ति देय नहीं है। इस बिन्‍दु पर परिवादी की ओर से  कहा गया है कि उसने मृत पशु के कान के टुकड़े सहित अन्‍य अपेक्षित सभी अभिलेख  विपक्षी सं01 को प्रेषित कर दिये थे और उक्‍त अभिलेख विपक्षी सं01 को न भेजे जाने का कथन गलत है। वर्तमान पत्रावली पर परिवादी द्वारा अपने शपथ पत्र के साथ प्रश्‍नगत गाय का स्‍वास्‍थ्‍य प्रमाण पत्र/ बीमा प्रमाण पत्र, पशुधन दावा प्रपत्र, शव परीक्षण आख्‍या तथा मूल्‍यांकन प्रमाण पत्र उपलब्‍ध किये गये हैं। इन परिस्थितियों में परिवादी का यह कथन विश्‍वसनीय प्रतीत होता है कि मृत गाय के कान के टुकड़े सहित अन्‍य अपेक्षित सभी अभिलेख विपक्षी सं01 को  प्रेषित कर दिये गये थे।

 

          स्‍वास्‍थ्‍य प्रमाण पत्र/ बीमा प्रमाण पत्र के अवलोकन से प्रकट है कि प्रश्‍नगत गाय जिसका छल्‍ला नम्‍बर- यू0आई0आई0 082400/4489 था, का बीमा रू0 30,000/- के लिए विपक्षी सं01 से दि0 10-10-11 से 09-10-12तक था। बीमा पालिसी के प्रभावी रहने के दौरान इस गाय की मृत्‍यु दिनांक 08-10-12 केा हुई थी।  इस प्रकार प्रश्‍नगत गाय की मृत्यु उक्‍त बीमा पालिसी के प्रभावी रहने के दौरान होना साक्ष्‍य से स्‍थापित है। इसलिए विपक्षी सं01 को निर्देश देना उचित है कि वह परिवादी को परिवाद योजित करने की दिनांक 30-08-13 से बीमा धनराशि भुगतान  करने के वास्‍तविक तिथि तक  की अवधि के लिए 8प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्‍याज सहित रू0 30,000/- अदा करे। परिवादी को हर्जा व वाद व्‍यय के रूप में रू0 1000/- विपक्षी सं01 से दिलाना उचित है। तद्नुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

                        आदेश

 

          परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं01 को निर्देश दिया जाता है कि वह  एक माह के अन्‍दर, दिनांक 30-08-13 से वास्‍तविक भुगतान की दिनांक तक की अवधि के लिए 08प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित बीमा धनराशि रू0 30000/-भुगतान करने के साथ ही हर्जा व वाद व्‍यय के रूप में रू0 1000/- परिवादी को अदा करे।

    

          इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय। निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर,उद्घोषित किया गया।

 
 
[JUDGES HONOURABLE MR Ram Prakash Verma]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Paramsheela]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Manoj Kumar]
MEMBER

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