जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
सुधा यादव.....................................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-327/2015
षिव किषोर त्रिवेदी पुत्र राधे ष्याम त्रिवेदी निवासी मकान नं0-2005 आवास विकास-3 थाना-कल्यानपुर कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
यूनाइटेड इष्ंयोरेन्स कंपनी लि0, षाखा डिवीजनल ऑफिस तृतीय-082500, 118/90 गुमटी प्लाजा, कौषलपुरी कानपुर नगर द्वारा षाखा प्रबन्धक।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 23.06.2015
परिवाद निर्णय की तिथिः 09.08.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी से परिवादी के, प्रष्नगत वाहन की बीमित धनराषि रू0 33000.00, मानसिक कश्ट व अन्य विधिक कार्यवाहियों में खर्चे की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 60,000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का संक्षेप में यह कथन है कि परिवादी वाहन सं0-यू0पी0-78 सी.एस.-5380 का पंजीकृत स्वामी है। परिवादी के प्रष्नगत वाहन की चेचिस नं0-सी.जी.एफ. 393111 व इंजन नं0-एम.वी.एल.एच.ए.10ए.डब्लू.सी.जी.एफ. 09017 है, जो परिवादी द्वारा दिनांक 16.01.12 को क्रय किया गया था। जिसका बीमा, विपक्षी द्वारा वाहन खरीदने के तुरन्त बाद किया गया था। परिवादी के प्रष्नगत वाहन का बीमा समाप्त होने के बाद बराबर बीमा कराता रहा। बीमा अवधि समाप्त होने के बाद परिवादी ने अपने प्रष्नगत वाहन का बीमा विपक्षी से एजेंट के माध्यम से दिनांक 25.07.14 को कराया था, जिसका पॉलिसी नं0-0825003114पी102925855 है, जो कि दिनांक 25.07.14 से 24.07.15
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तक प्रभावी था। परिवादी की प्रष्नगत मोटर साइकिल दिनांक 23.01.15 को अज्ञात चोरों द्वारा दिनांक 23.01.15 को चोरी कर ली गयी थी। परिवादी ने दिनांक 23.01.15 को ही सम्बन्धित थाना व चौकी में सूचना दी। परिवादी ने व्यक्तिगत रूप से चोरी हुई मोटर साइकिल के विशय में जानकारी लेने का पूर्ण प्रयास किया। सफल न होने पर थाना हाजा की पुलिस द्वारा दिनांक 30.01.15 को थाना कल्यानपुर में चोरी होने के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत हुई। पुलिस द्वारा मामले की विवेचना की गई। विवेचना के पष्चात चोरों का पता न लगने पर पुलिस द्वारा मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट सम्बन्धित न्यायालय में प्रस्तुत की गयी। न्यायालय द्वारा परिवादी को सूचित करते हुए अंतिम रिपोर्ट स्वीकार कर ली गयी। परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन के चोरी होने जाने के कारण विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये क्लेम फार्म को भरकर क्लेम हेतु दिनांक 06.02.15 को आवेदन किया था। जिस पर परिवादी को आपके द्वारा प्रेशित नोटिस दिनांक 19.03.15 के माध्यम से सूचित किया गया कि आपके द्वारा किये गये क्लेम में मोटर साइकिल चोरी हो जाने की सूचना समय से षाखा में दर्ज नहीं करायी गयी। लेकिन विपक्षी द्वारा आवेदित क्लेम को खारिज कर दिया गया। परिवादी ने इस सम्बन्ध में विपक्षी को अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 08.04.15 को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस प्रेशित किया, जो विपक्षी पर तामील हुई। परन्तु नोटिस तामील होने के बावजूद विपक्षी द्वारा उक्त नोटिस का जवाब नहीं दिया गया और न ही क्लेम के सम्बन्ध में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में अंकित अंतरवस्तु का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में जो पॉलिसी का विवरण दिया गया है, उसका सत्यापन व बीमा पॉलिसी का सत्यापन बीमा कंपनी जब तक विभाग से नहीं करा लेती है और उसके
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वैध होने की पुश्टि नहीं हो जाती है, तब तक परिवादी का अथिकथित वाहन, बीमित नहीं माना जा सकता है और वैध होने की दषा में ही इस तथ्य पर कोई अनुतोश परिवादी विपक्षी से पाने का हकदार है। परिवादी ने दिनांक 23.01.15 को प्रष्नगत वाहन चोरी होने के सम्बन्ध में कथन किया है और दिनांक 30.01.15 को चोरी के सम्बन्ध में एफ0आई0आर0 दर्ज कराये जाने का कथन किया है। जिससे सिद्ध होता है कि परिवादी ने समय के अंदर एवं 24 घंटे के अंदर कोई भी सूचना सम्बन्धित थाने को उपलब्ध नहीं करायी। जिसके कारण सही जांच सम्बन्धित थाने द्वारा मौके पर जाकर त्वरित कार्यवाही के अंतर्गत नहीं की जा सकी। परिवादी ने जो फाइनल रिपोर्ट व न्यायालय द्वारा उसके पुश्टि होने के आदेष के बावत कथन किया है, वह भी अस्वीकार है। क्योंकि परिवादी ने बीमा कंपनी में अपना क्लेम दावा देने के समय प्रपत्रों के साथ कोई भी फाइनल रिपोर्ट और न्यायालय द्वारा उपरोक्त फाइनल रिपोर्ट की पुश्टि होने के आदेष के बावत प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराये हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि परिवादी का उपरोक्त क्लेम अपूर्ण है और इसी आधार पर वह कोई भी क्षतिपूर्ति विपक्षी से प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र की धारा-6 में स्वतः यह कथन किया है कि उसने दिनांक 06.02.15 को प्रष्नगत वाहन के चोरी होने के सम्बन्ध में विपक्षी विभाग में आवेदन किया था। जबकि पॉलिसी के नियम व षर्तों में स्पश्ट रूप से यह अंकित है कि यदि कोई घटना इस आधार पर होती है, तो बीमा धारक का यह कर्तव्य है कि वह 24 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को अभिकथित घटना के बारे में सूचना उपलब्ध कराये, जिससे बीमा कंपनी अविलम्ब सर्वेयर नियुक्त कर, मामले की पुश्टि करा सके। लेकिन परिवादी द्वारा लगभग 15 दिन बाद इस सम्बन्ध में सूचना दी गयी, जो अपने आप में नियम व षर्तों का उल्लंघन है और इस आधार पर कंपनी के द्वारा जो क्लेम परिवादी का निरस्त किया गया है, वह सही किया गया है। परिवादी कोई भी क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। विपक्षी ने नियमानुसार लिखित सूचना के माध्यम से क्लेम निरस्त किये जाने के सम्बन्ध में परिवादी को सूचित किया था। अतः परिवादी का प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाये।
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परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 19.06.15 व 19.01.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-4/1 के साथ संलग्न कागज सं0-4/2 लगायत् 4/19 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में राकेष मेहरोत्रा मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 20.02.16 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में प्रष्नगत वाहन से सम्बन्धित बीमा पॉलसी की छायाप्रति तथा अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं, जिन पर कोई विवाद व प्रतिवाद नहीं है। विवाद का विशय यह है कि क्या परिवादी चोरी गयी अपनी मोटर साइकिल से सम्बन्धित क्लेम विपक्षी से प्राप्त करने का अधिकारी है?
उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के संबंध में विपक्षी की ओर से प्रमुख तर्क यह किया गया है कि विपक्षी के अनुसार प्रष्नगत मोटर साइकिल की चोरी दिनांक 23.01.15 को हुई और परिवादी द्वारा चोरी की रिपोर्ट दिनांक 30.01.15 को लिखाई गयी तथा परिवाद पत्र की धारा-6 के ही अनुसार विपक्षी को सूचना दिनांक 06.02.15 को अत्यंत विलम्ब से दी गयी है। जबकि पॉलिसी की षर्तों व नियमों के अनुसार परिवादी को इस प्रकार की घटना से सम्बन्धित सूचना विपक्षी बीमा कंपनी को 24 घंटे के अंदर देनी चाहिए थी, जिससे बीमा कंपनी अविलम्ब सर्वेयर नियुक्त करके मामले की पुश्टि करा सकता था। परिवादी द्वारा लगभग 15 दिन बाद सूचना दी गयी, जो कि अपने आप में नियम व षर्तों के विपरीत है। अतः परिवादी का क्लेम न्यायसंगत व नियमों के अंतर्गत खारिज किया गया है। उपरोक्त
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विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में किये गये कथन तथा प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यों से स्पश्ट होता है कि प्रष्नगत वाहन की चोरी दिनांक 23.01.15 को बतायी गयी है और चोरी की रिपोर्ट दिनांक 30.01.15 को लिखाई गयी है। परिवाद पत्र की धारा-6 के अनुसार विपक्षी बीमा कंपनी को दिनांक 06.02.15 को क्लेम फार्म भरकर आवेदन देकर सूचना दी गयी है। बीमा का कार्य उत्तमोत्तम विष्वास का जन-कल्याणकारी कार्य होता है। परिवादी द्वारा समय से सूचना न देने पर विपक्षी बीमा कंपनी का घटना की वास्तविक जांच व जानकारी प्राप्त करने से सम्बन्धित अधिकार बाधित हो जाता है। परिवादी द्वारा विपक्षी को घटना के 15 दिन बाद सूचना दिये जाने का कोई समुचित कारण स्पश्ट नहीं किया गया है।
अतः उपरोक्त कारणों से फोरम इस मत का है कि विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादी का क्लेम पॉलिसी के नियत व षर्तों के अनुसार सही निरस्त किया गया है, जिसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवष्यकता ही नहीं होती है। अतः परिवादी का प्रस्तुत परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
ःःःआदेषःःः
7. उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-327/2015