Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/418/2012

Gaurav - Complainant(s)

Versus

UNITED INDIA INSORENCE - Opp.Party(s)

08 Jul 2016

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. cc/418/2012
 
1. Gaurav
119/353 darshan purva
...........Complainant(s)
Versus
1. UNITED INDIA INSORENCE
119/536 Tripathi Market Kanpur nagar
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Sudha Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 08 Jul 2016
Final Order / Judgement


जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
                    
    
उपभोक्ता वाद संख्या-418/2012
गौरव मिश्रा बालिग पुत्र श्री जय प्रकाष मिश्रा निवासी मकान नं0-119/353 दर्षन पुरवा, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
षाखा प्रबन्धक, यूनाइटेड इण्डिया इष्ंयोरेन्स कंपनी लि0 ब्रांच सं0-4 स्थित 119/536 त्रिपाठी मार्केट संत नगर चौराहा कानपुर नगर द्वारा षाखा प्रबन्धक।
                           ...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 19.07.2012
निर्णय तिथिः 09.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी का विपक्षी से वाहन चोरी क्लेम रू0 60271.00 तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी वाहन सं0-यू0पी0-78 सी.सी.-9550, जिसका इंजन नं0-91804, चेचिस नं0-02911, मॉडल 2010 मेक बजाज पल्सर 150 सी0सी0 का स्वामी है। परिवादी का उक्त वाहन विपक्षी बीमा कंपनी से दिनांक 19.10.10 से 18.10.11 तक के लिए बीमित था। जिसकी बीमित घोशित मूल्य रू0 60271.00 है। परिवादी का प्रष्नगत वाहन दिनांक 27.01.11 को करीब षायं 5 से 6ः45 के बीच थाना षीषामऊ से चोरी हो गया। जिसकी रिपोर्ट परिवादी द्वारा थाना षीषामऊ में दिनांक 29.01.11 को दर्ज करायी गयी। वादी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट व रजिस्ट्रेषन व बीमा की छायाप्रति के साथ दिनांक 31.01.11 को विपक्षी के कार्यालय में जाकर दी। सम्बन्धित न्यायालय द्वारा उपरोक्त मामले में स्वीकार की गयी अंतिम रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति दिनांकित 11.04.12 को विपक्षी के पत्र सं0-082501/मोटर 
............2
...2...

/484/2011-12 दिनांकित 03.02.12 के तहत दिनांक 13.04.12 को अन्य वांछित प्रपत्रों के साथ, विपक्षी के कार्यालय में प्राप्त करायी गयी और रिसीविंग प्राप्त की गयी। विपक्षी के कार्यालय से पत्र रिफ्रेरेंस नं0-082501/एम.ओ.डी./00069/2011-12 दिनांकित 10.05.12 विशय थेप्ट क्लेम नं0-8825013110019000001640 पॉलिसी नं0-082501/31/ 10/01/00014879 वाहन सं0-यू0पी0-78 सी.सी.-9550 के तहत यह लिखकर भेजा कि वादी ने विपक्षी के पत्र सं0-484/2011-12 दिनांकित 03.02.12 के तहत वाहन से सम्बन्धित कागजात प्रस्तुत नहीं किये गये, अतः क्लेम की पत्रावली बंद कर दी गयी। जबकि परिवादी द्वारा समस्त प्रपत्र दिनांक 13.04.12 को विपक्षी के कार्यालय को उपलब्ध करा दिये गये। परिवादी ने विपक्षी के कार्यालय को दिनांक 22.02.12 को उक्त केस की फाइनल रिपोर्ट पर मा0 न्यायालय से अंतिम आदेष प्राप्त न होने की सूचना दी थी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा अभिकथित घटना के 1-2 दिन के अंदर तुरंत घटना की सूचना, विपक्षी बीमा कंपनी को नहीं दी गयी। जिससे विपक्षी बीमा कंपनी स्वयं के स्तर से घटना की जांच कराने के बहुमूल्य अधिकार से वंचित रह गयी। परिवादी द्वारा, विपक्षी की ओर से मांगे गये समस्त प्रपत्र दाखिल नहीं किये गय परिवादी स्वयं ही उक्त कार्यवाही न करने के लिए डिफाल्टर है। परिवादी द्वारा बीमा षर्तो। का अनुपालन नहीं किया गया है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद झूठे, मनगढंत व असत्य आधारों पर प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 19.07.12 व 24.02.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-1 लगायत् 12 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
............3
...3...
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में राकेष मेहरोत्रा सीनियर डिवीजनल मैनेजर का षपथपत्र दिनांकित 09.06.14 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं उभयपक्षों द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
    उभयपक्षों को सुनने तथा उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत की गयी लिखित बहस के अवलोकन करने के उपरान्त तथा उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय व अन्य अभिलखीय साक्ष्यों के परिषीलनोपरान्त विदित हेता है कि प्रस्तुत मामले में वाद विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या परिवादी द्वारा विपक्षी की ओर प्रष्नगत वाहन से सम्बन्धित मांगे गये समस्त कागजात उपलब्ध नहीं कराये गये और सूचना विलम्ब से दी गयी।
    उपरोक्त वाद विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह कथन किये गये हैं कि परिवादी द्वारा, विपक्षी की ओर से प्रेशित पत्र सं0-082501/मोटर /484/2011-12 दिनांकित 03.02.12 के तहत वादी ने दिनांक 13.04.12 को मूल इंष्योरेन्स पॉलिसी, एफ0आई0आर0 की छायाप्रति, आर0टी0ओ0 द्वारा जारी रजिस्ट्रेषन समर्पण कापी, अंतिम रिपोर्ट, स्वीकृत आदेष की फोटोप्रति विपक्षी के कार्यालय में जाकर जमा कर दिया व रिसीविंग प्राप्त की। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में कागज सं0-9/1 प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उपरोक्त समस्त प्रपत्र प्राप्त करने की मोहर विपक्षी के कार्यालय की लगी हुई है। जिससे परिवादी के कथन की पुश्टि होती है। परिवाद पत्र के परिषीलन से चोरी की घटना दिनांक 27.01.11 की है और परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी को 31. 01.11 को लिखित सूचना दे दी। परिवादी द्वारा अपने उपरोक्त  कथन के समर्थन में कागज सं0-4 प्रस्तुत किया गया है, जिस पर विपक्षी के कार्यालय की अंकित मुद्रा से परिवादी के कथन की पुश्टि होती है। विपक्षी द्वारा उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में कोई सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
...4...

    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों व साक्ष्यों के उपरोक्तानुसार विष्लेशणोपरान्त फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से, प्रष्नगत वाहन की बीमित धनराषि रू0 60,271.00 में से 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू घटाकर षेश धनराषि मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक के लिए तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःआदेषःःः
9.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को, प्रष्नगत वाहन की बीमित धनराषि रू0 60,271.00 में से 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू घटाकर षेश धनराषि  मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के रूप में अदा करे।

     ( पुरूशोत्तम सिंह )                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
         वरि0सदस्य                             अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
    
    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।

     ( पुरूशोत्तम सिंह )                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
         वरि0सदस्य                             अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-418/2012

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Sudha Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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