जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
विमल कुमार जैन बनाम यूनाईटेड इण्डिया इन्ष्योरें क.लि.
परिवाद संख्या 94/2012
दिनांक: 21.07.2016
दोनों पक्षों के प्रतिनिधि उपस्थित है । बहस सुनी गई । प्रकरण में लोक अदालत की भावना से विवाद के सुलझने के आसार है । अतः तदनुसार प्रकरण में डंतपजे पर बहस नहीं सुनी जाकर पत्रावली व उपलब्ध रेकार्ड का अवलोकन किया ।
प्रार्थी पक्ष का तर्क है कि रू. 5,37,854.50 पै. का अनुमानित खर्चा कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर हुण्टर्ड राजपथ ने बताया था , के क्रम में प्रार्थी द्वारा करवाई गई मरम्मत में रू. 2,85,010/- खर्चा आया है, जबकि अप्रार्थी ने मात्र रू. 1,27,000/- का क्लेम का वाउचर दिनंाक 25.8.2011 को भेजना बताया है जो अत्यधिक कम है । जबकि अप्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने जाहिर किया कि क्लेम के परिपेक्ष्य में सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर रू. 1,27,000/- का ही क्लेम स्वीकृत किए जाने योग्य था, जिसका उन्होनें दिनंाक 25.8.2011 को वाउचर भेजा था व साथ में पेनकार्ड व सहीं पते के प्रमाण की मांग की गई थी, जिसका प्रार्थी ने कोइ्र जवाब नहीं भिजवाया । यह राषि अभी तक उनके पास पड़ी है तथा वे देने को तत्पर हैं
हमने परस्पर सुन लिया है । चूंकि दिनंाक 25.8.2011 को अप्रार्थी ने रू. 1,27,000/- की राषि का वाउचर प्रार्थी को भेजा है, अतः न्यायहित में इस राषि रू. 1,27,000/- पर इस तिथि से आज निर्णय तक न्यायोचित/अप्रत्याषित ब्याज की अनुमानित राषि को जोड़ कर एक मुष्त रू. रू. 1,60,000/- अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी को दिलाए जाने से न्याय के उद्देष्यों की पूर्ति हो जाएगी । क्योंकि मामला वर्ष 2012 से लम्बित है । अतः दिनांक 25.8.2011 से कम्पनी के पास राषि जमा करने की स्थिति को देखते हुए ब्याज की राषि की गणना के प्रकाष में यह मंच लोक अदालत की भावना से प्रकरण को निस्तारित करते हुए निर्देष देेता है कि सम्पूर्ण विवाद को रू 1,60,000/- में अप्रार्थी द्वारा प्राथ्ज्ञीर्र को अनुतोष दिलवाने जाने के साथ निरस्तारित करता है । अप्रार्थी यह राषि प्रार्थी को इस आदेष से दो माह के अन्दर अन्दर अदा करेगा ।
पत्रावली फैसल षुमार होकर बाद तकमील दफतर दाखिल हो
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष