Rajasthan

Ajmer

CC/188/2014

Smt.NAND KANWAR - Complainant(s)

Versus

UNITED INDIA INS - Opp.Party(s)

ADV.J.L.SHARMA

10 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/188/2014
 
1. Smt.NAND KANWAR
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. UNITED INDIA INS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 


जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर


श्रीमति नन्दूकंवर पत्नी स्व0 श्री नोनन्द सिंह, जाति- राजपूत, निवासी- ग्राम फलोदा, पोस्ट - तिलोनिया,तहसील-किषनगढ, जिला-अजमेर । 
                                                         प्रार्थीया

                            बनाम

1. मण्डल प्रबन्धक, यूनाईटेडण्ड इण्डिया इन्ष्योरेस कम्पनी लिमिटेड, डिवीजनल आफिस, ।।।, एलआईसी बिल्डिंग, जीवन निधी-।। ग्राउण्ड फ्लोर, भवानीसिंह रोड, अम्बेडकर सर्किल,जयपुर- 302005
2.  प्रबन्धक विकास, अजमेर सेन्ट्रल कोपरेटिव बैंक लिमिटेड, अजमेर ।
3. ब्रान्च मैनेजर, अजमेर सेन्ट्रल कोपरेटिव बैंक लिमिटेड, किषनगढ
4. ग्राम सेवा सहकारी समिति, तिलोनिया जरिए व्यवस्थापक, ग्राम सेवा सहकारी समिति, ग्राम तिलोनिया, तहसील-किषनगढ, जिला-अजमेर ।  
                                                         अप्रार्थीगण
                    परिवाद संख्या 188/2014

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
           2. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या
                           उपस्थिति
                  1.श्री जवाहर लाल षर्मा,  अधिवक्ता, प्रार्थीया
                  2. अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं
                  3.श्री कालीदास चैहान, प्रतिनिधि, अप्रार्थी सं.2

मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 15.04.2015

1.        परिवाद के तथ्योंनुसार प्रार्थीया के पति श्री नोनन्द सिंह अप्रार्थी संख्या 4 सहकारी समिति, तिलोनिया के सदस्य थे एवं उनकी सदस्यता के लिए अप्रार्थी संस्थान द्वारा  सहकारी किसान कार्ड जारी किया हुआ था एवं सदस्यता क्रमांक 471 होना दर्षाया । इस सदस्यता की षर्तानुसार राज्य सरकार द्वारा किसानों को आसान दर पर ऋण सुविधा  प्राप्त करने  की  प्रदान की हुई थी ।  अप्रार्थी संस्थान के सदस्य होने की हैसियत से व कृषक सुरक्षा योजना के अनुसार  दुर्घटना में मृत्यु होने पर कर्जा निर्धारित सीमा तक सहकारी समिति द्वारा चुकाने एवं सदस्य का एक वर्ष की अवधि का  बीमाभ् भी किया जाता है  और इस बीमा सुविधा के तहत सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर रू. 1 लाख की राषि मृतक के वारिसान को ष्बीमा पाॅलिसी की षर्तानुसार  प्रदान  किए जाने का प्रावधान है ।  दिनंाक 3.10.2012  को बीमाधारक नोनन्द सिंह की मृत्यु दुर्घटना स्वरूप हो गई जिसके संबंध में दिनांक  4.8.2012 को  बीमा राषि के भुगतान हेतु क्लेम मय दस्तावेजात के साथ अप्रार्थी संख्या 4 को प्रस्तुत किया । जो उनके द्वारा  समय समय पर औपचारिकताए पूर्ण कर  अप्रार्थी संख्या 1 व 2 को भेजा  लेकिन अप्रार्थी संख्या 1 ने  उक्त क्लेम को अपने पत्र दिनांक  17.2.2014  से इस आधार पर अस्वीकार कर दिया कि  प्रार्थीया द्वारा क्लेम 12 माह की अवधि के बाद  भेजा है ।   प्रार्थीया का कथन है कि अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा क्लेम अप्रार्थी संख्या 1 को दिनंाक 22.11.2012 को ही प्रेषित किया जा चुका था । अतः अप्रार्थीगण के विरूद्व सेवा में कमी दर्षाते हुए  यह परिवाद पेष किया है एवं बीमा क्लेम राषि रू. 1,00,000/-  की मांग की है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1  व 4 बावजूद तामिल के उपस्थित नहीं आए है । अतः उनके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
3.          अप्रार्थी संख्या 2  व 3 का जवाब पेष किया जिसमें उन्होने प्रार्थीया के कथन का  समर्थन करते हुए दर्षाया कि नोनन्द सिंह का क्लेम दिनांक 22.11.2012 को आवष्यक पूर्तिया कर  अप्रार्थी बीमा कम्पनी को  भेज दिया गया था । क्लेम राषि नहीं मिलने पर अप्रार्थी संख्या 1 को पुनः दिनंाक 1.10.2013 को  लिखा जाना बतलाया । 
4.    हमने बहस प्रार्थीया एवं अप्रार्थी संख्या 2 व 3 सुनी ।  प्रकरण में निर्णय हेतु  यही प्रष्न है कि क्या अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा प्रार्थीया के क्लेम को पत्र दिनंाक  17.2.2014 में वर्णित कारणों से अस्वीकार किया है वो सही अस्वीकार किया है ?
5.    हमने कायम किए गए निर्णय बिन्दु पर पक्षकारान की बहस सुनी । जो उनके अभिवचनों के अनुरूप ही रही ।  अप्रार्थी संख्या 2 व 3 की ओर से अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भेजे गए पत्र दिनंाक 1.10.2013 व पत्र दिनंाक 21.4.2014 की ओर हमारा ध्यान दिलाया जिसके अनुसार श्री नोनन्द सिंह की मृत्यु के संबंध में क्लेम  दिनांक 22.11.2012 को भेजा गया था  एवं इस हेतु दिनंाक 1.10.2012 व 21.2.2014 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी को लिखा गया । 
6.    अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है । हमने बहस पर गौर किया ।  
7.    बीमाधारक नोनन्द सिंह की मृत्यु दुर्घटना से हुई थी जिसके संबंध में  प्रथम सूचना रिर्पोट की प्रति पेष हुई है  तथा पोस्टमार्टम रिर्पोट भी पेष हुई है ।  प्रथम सूचना रिर्पोट  में वर्णित तथ्यों को दखते हुए एवं परिवाद में वर्णित तथ्यों के अनुसार नोनन्द सिंह की मृत्यु दिनंाक 3.10.2012 को  दुर्घटना से होने का तथ्य सिद्व है । 
8.     अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने  क्लेम निरस्तीकरण का कारण क्लेम 12 महिने बाद प्रस्तुत हुआ के संबंध में हमारी विवचेना है कि  अप्रार्थी संख्या 2 व 3  के जवाब एवं उनके पत्र दिनंाक 1.10.13 एवं 21.4.2014  के अनुसार  मृतक नोनन्द सिंह  के संबंध में क्लेम  दिनंाक 22.11.2012 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भेज दिया गया था । अतः हम पाते है कि नोनन्द सिंह की मृत्यु जो दिनांक 3.10.2012 को हुई से संबंधित क्लेम दिनांक 22.11.2012 को  ही अप्रार्थी संख्या 1 को प्रेषित कर दिया गया था ।  अतः अप्रार्थी संख्या 1 का  यह कथन कि क्लेम मृत्यु के 12 माह बाद भेजा गया है , सिद्व नहीं हुआ है । 
9.    अप्रार्थी संख्या 1 के पत्र  दिनंाक  17.2.2014 के  अवलोकन से हम पाते है कि इस क्लेम  के संबंध में और कोई ओक्षप या एतराज नहीं दर्षाए है । इन सारे विवेचन से हमारा निष्कर्ष है कि नोनन्द के संबंध में भेजा गया क्लेम समय पर भेज दिया गया था । परिणामस्वरूप  प्रार्थीया जो नोनन्द सिंह की पत्नी है  क्लेम राषि प्राप्त करने की अधिकारणी है एवं  अप्रार्थी  संख्या 1 द्वारा प्रार्थीया के क्लेम को गलत रूप से अस्वीकार किया जाना पाया गया है जो  उनके पक्ष में सेवा में  कमी को सिद्व करता है ।  अतः आदेष है कि 
                          :ः- आदेष:ः-
10.    (1)    प्रार्थीया अप्रार्थी संख्या 1 बीमा कम्पनी से अपने पति की मृत्यु के फलस्वरूप  क्लेम राषि रू. 1,00,000/-( अक्षरे रू एक लाख मात्र) प्राप्त करने की अधिकारणी होगी । 
    (2)    प्रार्थीया अप्रार्थी सं. 1  बीमा कम्पनी से  मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2000/- भी प्राप्त करने की अधिकारणी होगी । 
        (3)        क्र. सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थीया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें     अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।  
             (4)           दो माह  में आदेषित राषि का भुगतान  नहीं करने पर  प्रार्थीया अप्रार्थी संख्या 1 बीमा  कम्पनी  से  उक्त राषियों पर  निर्णय की दिनांक से  ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक  दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा  ।
    (5)    अपा्रर्थीसंख्या 2,3, व 4 के विरूद्व परिवाद खारिज किया जाता है 
                
(श्रीमती ज्योति डोसी)                              (गौतम प्रकाष षर्मा)
           सदस्या                                           अध्यक्ष    
11.        आदेष दिनांक  15.04.2015 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्या                                           अध्यक्ष

 

 

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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