Rajasthan

Ajmer

CC/154/2013

PALLAVI LOGANI - Complainant(s)

Versus

UNITED INDIA INS - Opp.Party(s)

ADV ANIL SHARMA

10 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/154/2013
 
1. PALLAVI LOGANI
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. UNITED INDIA INS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  vijendra kumar mehta MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर


कु. पल्लवी लोगानी पुत्री श्री प्रभु लोगानी, निवासी- 174/23, देहली गेट बाहर, अजमेर । 

                                                         प्रार्थी

                            बनाम

मैनेजर,यूनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, मोहन भवन, चन्द्रा काॅलोनी, मदनगंज-किषनगढ, जिला-अजमेर । 
                                                           अप्रार्थी 
                    परिवाद संख्या 154/2013

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
            2. विजेन्द्र कुमार मेहता   सदस्य
                   3. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या

                           उपस्थिति
                  1.श्री अनिल षर्मा , अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री जी.एल.अग्रवाल,अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 19.02.2015

1.          परिवाद केे तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि  प्रार्थीया का वाहन संख्या आर.जे.01.एस.एम. 4747 अप्रार्थी  बीमा कम्पनी के यहां बीमित था जो दिनंाक 30.9.2011 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया  जिसके संबंध में अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए व मरम्मत बिल के बीमा क्लेम पेष किया  जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी के क्लेम को इस आधार पर खारिज कर दिया कि  जाॅब कार्ड दिनांक 7.9.2011 का बना हुआ है  जबकि दुर्घटना दिनांक 30.9.2011 को हुई है । प्रार्थीया ने परिवाद प्रस्तुत कर  बीमा क्लेम दिलाए जाने व  अन्य अनुतोष की प्रार्थना की है । 
2.    परिवाद का उत्तर प्रस्तुत करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने दर्षाया है कि प्रार्थीया का यह कथन गलत है कि  उसका वाहन दिनांक 30.9.2011 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो  क्योंकि प्रार्थीया के वाहनं का जाॅब कार्ड डीलर के यहां  दिनांक 7.9.2011 को ही बना दिया गया था  इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि प्रार्थीया को वाहन दिनांक 7.9.2011 या इससे पूर्व दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और प्रार्थीया ने जानबूझकर दुर्घटना की दिनांक  30.9.2011 दर्षाई है ।  अपने अतिरिक्त कथन में अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने दर्षाया है कि प्रार्थी द्वारा दिनंाक 10.102.21 को सूचना दिए जाने पर  वाहन में हुई क्षति का आंकलन  श्री सुधांषू भट्ट, सर्वेयर द्वारा करवाया गया  जिन्होने वाहन की क्षति रू. 9404/- आंकी थी जिसमें से साल्वेज वेल्यू राषि रू. 854/-  अलग थी ।  किन्तु प्रार्थीया ने वाहन दुर्घटना की  तारीख दिनांक 30.9.2011 गलत अंकित की थी  इसलिए प्रार्थीया का क्लेम अप्रार्थी उत्तरदाता ने सहीं आधारों पर खारिज करते हुए पत्र दिनांक 17.4.2012 के प्रार्थीया को सूचित कर दिया । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं रही अन्त में परिवाद खारिज होना दर्षाया । 
3.    हमने पक्षकारान को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।  
4.     हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या प्रार्थीया का यह वाहन दिनांक 30.9.2011 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ एवं वाहन की मरम्मत में रू. 15136/- व्यय हुए ? तथा अप्रार्थी अप्रार्थी कम्पनी ने प्रार्थीया के क्लेम को  गलत रूप से अस्वीकार कर सेवा में कमी कारित की है ?    
5.        उपरोक्त निर्णय बिन्दु के संबंध में अधिवक्ता प्रार्थीया की बहस है कि वाहन दिनंाक 30.9.2011 को क्षतिग्रस्त हुआ एवं इस वाहन की मरम्मत करवाने में जो खर्च हुआ उसकी प्राप्ति हेतु अप्रार्थी बीमा कम्पनी को क्लेम आवेदन प्रस्तुत कर दिया था साथ में व्यय के बिल भी प्रस्तुत कर दिए गए थे । इसके उपरान्त भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थीया के क्लेम को स्वीकार नहीं कर इस आधार पर अस्वीकार कर दिया कि वाहन का जाॅब कार्ड दिनांक 7.9.2011 का खुला हुआ है । इस प्रकार यह वाहन दिनांक 30.9.2011 को दुर्घटनाग्रस्त नही ंहुआ सम्भवतः दिनंाक 7.9.2011 को या इससे पहले दुर्घटनाग्रस्त हुआ है लेकिन प्रार्थीया ने उक्त दिनंाक 7.9.2011 के जाॅब कार्ड में  वर्णित नुकसान के लिए दिनांक 30.9.2011 की दुर्घटना दर्षाते हुए यह परिवाद पेष किया है जबकि प्रार्थीया का यह  वाहन दिनांक  30.9.2011 को ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ था । इस प्रकार अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थीया के क्लेेम को गलत रूप् से अस्वीकार किया है । अतः प्रार्थीया का क्लेम स्वीकार किया जावे एवं राषि दिलाई जावे ।  अधिवक्ता  अप्रार्थी की बहस है कि  प्रार्थीया ने दिनंाक 30.9.2011 की दुर्घटना की कोई प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज नहीं करवाई है तथा अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा श्री अरूण कुमार अग्रवाल अधिवक्ता से मामले का अन्वेषण करवाया गया एवं उक्त अन्वेषणकर्ता  की रिर्पोट जो पत्रावली पर है, से स्पष्ट हुआ है कि यह वाहन दिनांक 30.9.2011 को दुर्घटनाग्रस्त नहीं  हुआ बल्मि प्रार्थीया ने दिनंाक 7.9.2011 के जाॅब कार्ड के अनुसार अजमेर आॅटो एजेन्सी ेस वाहन का कार्य करवाया एवं उसके लम्बित बिल की राषि दिनांक 30.9.2011 की दुर्घटना दर्षाते हुए, प्राप्त करना चाह रही है । अधिवक्ता की बहस है कि अजमेर आॅटो एजेन्सी का एक पत्र भी पत्रावली पर हे जिसमें स्पष्ट अंकित है कि वाहन का कार्य दिनंाक 7.9.2011 के जाॅबकार्ड के अनुसार  किया गया । जिसका भुगतान भी षेष है तथा इस वर्कषाॅप के व्यक्ति द्वारा  दिनांक 7.9.2011 के जाॅब कार्ड को ही दिनंाक 30.9.2011 की दुर्घटना के  काम के लिया भी  होना दर्षाया  है । अधिवक्ता की बहस है कि दिनांक 7.9.2011 के जाॅब कार्ड जिसकी प्रति पत्रावली पर है, में वाहन  दिनांक 7.9.2011 से ही अजमेर आॅटो एजेन्सी के वहां छीक करने हेतु रखा गया  तब  उसमें रीडिंग 1903 कि.मी. दर्षा रहा था एवं यहीं रींिडंग सर्वेयर की रिर्पोट में भी अंकित है । जिसका तात्पर्य यही है कि यह वाहन दिनंाक  7.9.2011 से अजमेर आॅटो एजेन्सी के पास   ही पडा था ।  यदि वाहन दिनंाक 30.9.2011 को दुर्घटनाग्रस्त होता तो उसकी रीडिंग 1903 कि.मी ही नहीं रहती , कम से कम कुछ कि.मी. तो आगे होती । इस प्रकार अधिवक्ता की बहस है कि प्रार्थीया ने सही तथ्यों को  छिपाते हुए एवं गलत तथ्य दर्षाते हुए यह क्लनेम पेष किया जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा अस्वीकार किया गया  है जिसे सहीं रूप् से अस्वीकार किया गया है । 
6.    हमने बहस पर गौर किया । दिनांक 309.2011 की  दुर्घटना की कोई प्रथम सूचना रिर्पोट प्रार्थीया द्वारा दर्ज नही ंकरवाई गई एवं इसका कोई कारण भी नहीं दर्षाया है।  दुर्घटनाग्रस्त वाहन का सर्वे सर्वेयर द्वारा नुकसान हेतु किया गया तब वाहन अजमेर आॅटो एजेन्सी के यहां पडा हुआ होना पाया गया है एवं यह सर्वे  दिनांक 9.10.2011  को हुआ । उस रोज भी वाहन की रींिड्रग  1903 कि.मी थी । पत्रावली पर उपलब्ध जाॅब कार्ड दिनांक 7.9.2011 में भी वाहन की रीडिंग 1903 कि.मी ही दषाई हुई हे । इसके  अतिरिक्त अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने इस मामले में अधिवक्ता अरूण कुमार अग्रवाल को अन्वेषणकर्ता नियुक्त कर मामले की जांच करवाई जिससे भी पाया गया कि प्रार्थीया का वाहन  दिनांक 30.9.2011 को दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ एवं प्रार्थीया के इन कथनों को गलत  होना अन्वेषणकर्ता ने पाया । प्रार्थीया  ने इस वाहन की मरम्मत कहा से करवाई एवं कितनी राषि खर्च हुई,  परिवाद में नहीं दर्षाया है । मा. अनुतोष में रू. 15136/- राषि की मांग की हे । इसके विपरीत अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से जो दस्तावेजात पेष हुए एवं जो जवाब व बहस हई है उनको देखने से प्रार्थीया का यह वाहन दिनंाक 30.9.2011 को क्षतिग्रस्त हुआ हो, सिद्व नही ंहुआ है बल्कि यह वाहन दिनंाक 7.9.2011 से ही अजमेर आॅटो एजेन्सी के वहां पडा हुआ होना पाया गया ।  बीमा पालिसी के मामले में पक्षकारान के मध्य एक करार होता है जो सद्भावना व सहीं तथ्यों  पर आधारित होता है किन्तु हस्तगत मामले में प्रार्थीया की ओर से दिनांक 30.9.2011 को उसका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तथ्य सिद्व नहीं पाया गया है । प्रार्थीया की ओर से  दिनांक 30.9.2011 की दुर्घटना के संबंध में अन्य कोई साक्ष्य भी पेष नहीं की गई है । अतः इन सारे विवेचन से हमारा निष्कर्ष है कि  अप्रार्थी बीमा कम्पनी  ने प्रार्थीया के क्लेम को सही रूप् से अस्वीकार किया है एवं सेवा में किसी भी तरह की कमी कारित नही ंकी है । अतः प्रार्थीया का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है एवं आदेष है कि 
                         -ःः आदेष:ः-
7.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।

(विजेन्द्र कुमार मेहता)  (श्रीमती ज्योति डोसी)    (गौतम प्रकाष षर्मा) 
                सदस्य              सदस्या               अध्यक्ष

8..        आदेष दिनांक19.02.2015   को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

              सदस्य             सदस्या             अध्यक्ष
  

 

 

 

    

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ vijendra kumar mehta]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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