समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-145/2014 उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
श्रीमती यशोदा उर्फ जसोदा पत्नी स्व0 रामप्रसाद निवासिनी-ग्राम-वार्ड नं0 10 बस स्टैण्ड के पास कस्बा,परगना व तहसील-कुलपहाड जिला-महोबा परिवादिनी
बनाम
1.प्रबंधक,यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी लि0मण्डलीय कार्यालय 5 रामतीर्थ मार्ग कोहली हाउस,नरही रोड,लखनऊ ।
2.सचिव,किसान सेवा सहकारी समिति लि0 शाखा कार्यालय,कुलपहाड परगना व तहसील-कुलपहाड जनपद-महोबा विपक्षीगण
निर्णय
श्री बाबूलाल यादव,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादिनी श्रीमती यशोदा उर्फ जसोदा पत्नी स्व0रामप्रसाद ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षीगण प्रबंधक,यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी लि0 व सचिव,किसान सेवा सहकारी समिति लि0 बाबत दिलाये जाने बीमित धनराशि 50,000/- रू0 व अन्य अनुतोष हेतु प्रस्तुत किया है ।
संक्षेप में परिवादिनी का कथन इस प्रकार है कि परिवादिनी के स्व0 पति रामप्रसाद पुत्र बारेलाल एक क़ृषक थे और कृषि कार्य कर के अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। परिवादिनी के स्व0 पति विपक्षी सं02 समिति के सदस्य थे और उनका किसान क्रेडिट कार्ड बना हुआ था,जिसकी संख्या 423 थी । समिति के सभी सदस्य का 50,000-50,000 रू0 का दुर्घटना बीमा होता है । दिनांक-05.01.2014 को परिवादिनी के पति अपने खेत से पानी लगाकर व अपनी भैंसे लेकर वापस अपने घर आ रहे थे कि नन्ना ढाबा के पास एक क्रेन उनको टक्कर मार दी,जिससे उनके शरीर में गंभीर चोटें आईं और उनको तत्काल सरकारी अस्पताल कुलपहाड ले जाया गया । जहां पर चिकित्सकों ने उनको चेक करने के उपरांत तत्काल उनको झांसी रिफर कर दिया । परिवादिनी तत्काल अपने पति को झांसी लेकर गई और डाक्टर को दिखाया जहां डाक्टर ने गंभीर हालत देखते हुये उनको ग्वालियर रिफर कर दिया । परिवादिनी अपने पति को ग्वालियर ट्रामा सेंटर ले गई,जहां पर उपचार के दौरान दिनांक-10.01.2014 को उनकी मृत्यु हो गई । परिवादिनी ने अपने पति की तत्काल मृत्यु की सूचना प्रभारी निरीक्षक,कोतवाली,कुलपहाड को दी और उनके द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित की गई एवं पंचनामा तैयार किया गया तथा उनकी लाश का पोस्टमार्टम कराया गया । परिवादिनी ने अपने पति की दुर्घटना में हुई मृत्यु की सूचना दिनांक-12.01.2014 को मौखिक रूप से तथा दिनांक-25.01.2014 को लिखित रूप से विपक्षी सं0 2 को दी थी तथा उनसे बीमा क्लेम 50,000/-रू0 दिलाये जाने की प्रार्थना की थी । विपक्षी सं02 द्वारा अपने कर्मचारियों को भेजकर दुर्घटना मृत्यु की जांच कराई गई थी तथा परिवादिनी का क्लेमफार्म में अंगूठा लगवाया गया था और यह कहा था कि बीमा धनराशि मु0 50,000/-रू0 की चेक बीमा कंपनी द्वारा तीन माह के अंदर प्रदान कर दी जायेगी । 06 माह बीत जाने के बाद भी जब परिवादिनी को बीमित धनराशि प्रदान नहीं की गई । ऐसी परिस्थिति में परिवादी ने मा0 फोरम के समक्ष बीमा धनराशि दिलाये जाने के संबंध में यह परिवाद प्रस्तुत किया है ।
विपक्षी सं01 की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत किया गया है,जिसमें उन्होंने परिवाद पत्र की धारा-1 लगायत 6 को जानकारी के आभाव में अस्वीकार किया है तथा तथा धारा- 7 लगायत 12 को पूर्णत अस्वीकार किया है तथा अतिरिक्त कथन में उनकी ओर से यह कहा गया है कि विपक्षी बीमा कंपनी को किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जाने की कोई सूचना नहीं दी गई । इसके अलावा मृतक रामप्रसाद की दुर्घटना में मृत्यु के संबंध में दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट, पंचनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, परिवार रजिस्टर की नकल विपक्षी बीमा कंपनी को प्राप्त नहीं कराई गई,जिससे घटना का भौतिक सत्यापन नहीं हो सका । परिवादिनी द्वारा न्यायालय से तथ्य छिपाकर परिवाद प्रस्तुत किया गया है । विपक्षी बीमा कंपनी को परिवादी द्वारा कोई बीमा प्रीमियम अदा नहीं किया गया है बल्कि हमीरपुर जिला सहकारी बैंक द्वारा प्रीमियम दिया गया था । अत हमीरपुर जिला सहकारी बैंक को मु0 50,000/-रू0 का चेक दिनांक-09.03.2015 को प्राप्त करा दी गई है । इस प्रकार परिवादिनी ने यह तथ्य छिपाकर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है । अंत- उन्होंने परिवादिनी का परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की है ।
विपक्षी सं02 सचिव,किसान सेवा साधन सहकारी समिति लि0 कुलपहाड जिला-महोबा द्वारा अपना जबाबदावा प्रस्तुत किया गया है ,जिसमें उन्होंने परिवादिनी के स्व0 पति का कृषक होना तथा उनका समिति का सदस्य होना एवं उनके नाम किसान क्रेडिट कार्ड सं0423 जारी होना स्वीकार किया है तथा उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि उनकी समिति के प्रत्येक किसान क्रेडिट कार्डधारक का 50,000/-रू0 का दुर्घटना बीमा होता है । शेष कथनों से उन्होंने इंकार किया है तथा अतिरिक्त कथन में कहा है कि परिवादिनी ने मनगढंत व गलत तथ्यों के आधार पर यह परिवाद दायर किया है । परिवादिनी ने विपक्षी समिति को अपने स्व0 पति रामप्रसाद की मृत्यु की सूचना दुर्घटना के 15 दिन बाद अर्थात 25.01.2015 को दी । तदनुसार विपक्षी सं02 ने इसकी सूचना पंजीकृत डाक द्वारा शाखा प्रबंधक,हमीरपुर जिला सहकारी बैंक को भेजी । विपक्षी सं02 द्वारा शाखा प्रबंधक,हमीरपुर जिला सहकारी बैंक को कृषकों की सूची भी प्रेषित की गई थी,जिसमें कृषक द्वारा बीमा प्रीमियम की धनराशि 09.40 रू0 दिये जाने का विवरण था तथा इसमें परिवादिनी के स्व0 पति का भी नाम था । उत्तरदाता समिति द्वारा बीमा प्रपत्र भरकर एवं संलग्न अन्य प्रपत्र भरकर हमीरपुर जिला सहकारी बैंक को प्रेषित कर दिया गया था । इस प्रकार विपक्षी समिति द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई थी । उसके द्वारा समय से आवश्यक अभिलेख विपक्षी बीमा कंपनी शाखा प्रबंधक,हमीरपुर जिला सहकारी बैंक को प्रेषित कर दिया गया था । इस प्रकार विपक्षी समिति द्वारा कोई किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई ।
परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग प्रस्तुत किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में किसान क्रेडिट कार्ड की छायाप्रति कागज सं07ग,प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं08ग,तहरीरी रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं09ग/1,सचिव,किसान सेवा सहकारी समिति को दी गई सूचना के संबंध में तहरीरी रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं09ग/2,प्रशासनिक अधिकारी,यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी को भेजी गई सूचना की छायाप्रति कागज सं09ग/3, मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज सं010ग,पंचायतनामा की छायाप्रति कागज सं011ग/1,पोस्ट मार्टम की छायाप्रति कागज सं011ग/2 लगायत 11ग/4,परिवादिनी के नाम जारी आधार कार्ड की छायाप्रति कागज सं012ग दाखिल की गई है । इसके अलावा अंत में परिवादिनी ने एक प्रार्थना पत्र 24ग के साथ 50,000/-रू0 की चेक की छायाप्रति दाखिल की है, जो कि कागज सं025ग है ।
विपक्षी सं01 की और से अपने जबाबदावा के समर्थन में कोई शपथ पत्र नहीं दिया गया मात्र एक अभिलेख 28ग दाखिल किया है जो कि शामिल पत्रावली है ।
विपक्षी सं02 की और से अपने जबाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र द्वारा श्री गजाधर यादव,सचिव, किसान सेवा सहकारी समिति कागज सं0 14ग/1 लगायत 14ग/3 दाखिल किया गया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी द्वारा दी गई सूचना की छायाप्रति कागज सं017ग तथा किसान सेवा सहकारी समिति लि0 कुलपहाड द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी को परिवादिनी के पति की दुर्घटना के संबंध में अभिलेख कागज सं018ग व शाखा प्रबंधक,हमीरपुर बैंक को भेजी गई सूचना की छायाप्रति 19ग,दावा प्रपत्र की छायाप्रति कागज सं020ग, कृषक सूची की छायाप्रति कागज सं0 21ग, कवरिंग लेटर की छायाप्रति कागज सं022ग दाखिल किया गया है ।
फोरम द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया,जिसमें यह पाया गया कि विपक्षी बीमा कंपनी ने परिवादिनी के परिवाद को स्वीकार करते हुये उसे 50,000/-रू0 की धनराशि चेक सं0 846145 दिनांक-09.03.2015 के द्वारा हमीरपुर जिला कोआपरेटिव बैंक के माध्यम से परिवादिनी को प्राप्त करा दिया गया है। यह चेक परिवादिनी को दिनांक-22.04.2015 को प्राप्त हुई है । विपक्षी सहकारी समिति को परिवादिनी ने दुर्घटना की सूचना दावा प्रपत्र के साथ दिनांक-06.02.2014 को ही प्रेषित कर दी थी लेकिन विपक्षी बीमा कंपनी ने समस्त अभिलेख उपलब्ध होने के बावजूद लगभग एक वर्ष के समय के बाद परिवादिनी को बीमित धनराशि दिलाये जाने की बात लिखी है । इस प्रकार फोरम यह पाता है कि विपक्षी सं01,जो कि बीमा कंपनी है,उसने बीमित धनराशि देने में अत्यंत देरी की है,जिससे परिवादिनी को मानसिक व आर्थिक कष्ट उठाना पडा है,जिसके लिये उसे ब्याज दिलाया जाना न्यायोचित है । विपक्षी सं02 किसान सेवा सहकारी समिति का गलत होना परिवादिनी ने भी नहीं बताया और उसने अपने प्रार्थना पत्र 24ग से यह स्पष्ट किया है कि विपक्षी साधन सहकारी समिति से किसी प्रकार का ब्याज,मानसिक कष्ट और वाद व्यय नहीं लेना चाहती है ।
ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी विपक्षी सं01 से ही एक साल का देय ब्याज धनराशि सात प्रतिशत साधारण सालाना की दर से एवं वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 तथा मानसिक कष्ट के एवज में 5,000/-रू0 प्राप्त करने की अधिकारी है ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है । परिवादिनी विपक्षी सं01 से 50,000/-रू0 एक वर्ष का ब्याज जिसकी दर 7 प्रतिशत साधारण सालाना की दर से प्राप्त करने की अधिकारिणी है । इसके अलावा परिवादिनी विपक्षी सं01 बीमा कंपनी से मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज 5,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 प्राप्त करने की अधिकारिणी है ।
डा0सिद्धेश्वर अवस्थी श्रीमती नीला मिश्रा बाबूलाल यादव
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
18.09.2015 18.09.2015 18.09.2015