राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
परिवाद संख्या-124/2017
(सुरक्षित)
Arvind Vikram Sirohi, S/o-Mr. Vikram Singh, R/o- H. No.-51, Sector-100, MIG Flat, Noida (U.P.)
....................परिवादी
बनाम
Unitech Limited UGCC, Pavallion Sector-96, Expressway Near Ameti Management School, Noida-201305 (U.P.)
Registered Office-Unitech Limited, 6, Community Centre, Saket New Delhi 110017
...................विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री नवीन तिवारी,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : मो0 रफी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 23-10-2018
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह परिवाद परिवादी अरविन्द विक्रम सिरोही ने धारा-17 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत विपक्षी यूनीटेक लिमिटेड के विरूद्ध राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है और निम्न अनुतोष चाहा है:-
I. To refund amount of Rs. 20,55,360/- along with interest @ 24% per annum from the date of deposit
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till the date of payment.
II. Or to allot flat of same size and of same price in some other completed projects of the O.P. and give possession as soon as possible to the complainant.
III. O.P. to pay Rs. One Lacs for mental pain and suffering.
IV. O.P. to pay Rs. Fifty thousand for cost of the case.
And any other relief as deemed fit and proper in the circumstances of the case, may also be granted to the complainant.
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी अरविन्द विक्रम सिरोही और विपक्षी यूनीटेक लिमिटेड के बीच विपक्षी की योजना यूनी होम्स फेज-II सेक्टर 117 नोयडा के अपार्टमेन्ट नं0 205 फ्लोर 2 टावर H1 के सम्बन्ध में करार पत्र दिनांक 24.01.2013 को निष्पादित किया गया। फ्लैट का क्षेत्रफल 117.80 वर्ग मीटर (1268 वर्ग फीट) था और कीमत 49,97,940/-रू0 थी। परिवादी ने दिनांक 29.08.2012 को बुकिंग के समय 50,000/-रू0 विपक्षी को चेक द्वारा दिया था और उसके बाद दिनांक 02.07.2014 तक कुल 20,55,360/-रू0 विभिन्न तिथियों पर जमा किया है, जो फ्लैट के मूल्य के 50 प्रतिशत से अधिक है।
परिवाद पत्र के अनुसार उपरोक्त करार पत्र (बायर एग्रीमेन्ट)
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के क्लाज 5 A (i) के अनुसार एग्रीमेन्ट की तिथि दिनांक 24.01.2013 से 36 महीना के अन्दर अर्थात् दिनांक 24.01.2016 तक निर्माण कार्य पूरा किया जाना था, परन्तु परिवाद प्रस्तुत करने तक निर्माण कार्य प्रारम्भ ही नहीं किया गया है, जबकि करार पत्र की तिथि दिनांक 24.01.2013 से पांच वर्ष की अवधि बीत चुकी है।
परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी उपरोक्त करार पत्र के क्लाज 2 (c) के अनुसार भुगतान में विलम्ब होने पर 18 प्रतिशत की दर से चक्रवृद्धि ब्याज पाने का अधिकारी है। अत: परिवादी ने तयशुदा समय में निर्माण न होने पर अपनी जमा धनराशि 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वापस चाहा है और अनुतोष उपरोक्त प्रकार से मांगा है।
विपक्षी यूनीटेक लिमिटेड की ओर से लिखित कथन प्रस्तुत कर परिवाद का विरोध नहीं किया गया है।
परिवादी की ओर से परिवादी अरविन्द विक्रम सिरोही का शपथ पत्र परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में प्रस्तुत किया गया है।
परिवाद की अन्तिम सुनवाई के समय परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री नवीन तिवारी और विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता मो0 रफी उपस्थित आए हैं।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
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परिवाद पत्र के साथ प्रोविजनल एलाटमेंट लेटर दिनांक 24.01.2013 प्रस्तुत किया गया है, जिसके अनुसार परिवादी को अपार्टमेन्ट नं0 205 फ्लोर 2 टावर H1 यूनीटेक यूनीहोम्स फेज-2, सेक्टर-117, नोएडा में 49,97,940/-रू0 के मूल्य पर आवंटित किया गया है। परिवादी ने पेमेंट प्लान के अनुसार दिनांक 02.07.2014 तक कुल 23,05,360/-रू0 जमा किया है जैसा कि परिवाद पत्र एवं परिवादी अरविन्द विक्रम सिरोही के शपथ पत्र और परिवाद पत्र के साथ संलग्न स्टेटमेंट आफ एकाउण्ट से स्पष्ट होता है, परन्तु परिवादी ने 20,55,360/-रू0 ही ब्याज सहित वापस मांगा है।
परिवाद पत्र एवं परिवादी के शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि अभी तक विपक्षी ने परिवादी को आवंटित फ्लैट का निर्माण पूर्ण कर कब्जा नहीं दिया है। आवंटन की तिथि के बाद 05 साल से अधिक समय बीत चुका है और परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी को आवंटित फ्लैट का निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ है। अत: निकट भविष्य में निर्माण पूर्ण होने की सम्भावना नहीं है। अत: सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि परिवादी द्वारा जमा धनराशि 20,55,360/-रू0 उसे विपक्षी से जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक ब्याज सहित वापस दिलाया जाना उचित है।
हमारी राय में माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रभात वर्मा व एक अन्य बनाम यूनिटेक लिमिटेड व एक अन्य III (2016) CPJ
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635 (NC) के वाद में दिए गए निर्णय को दृष्टिगत रखते हुए ब्याज दर 18 प्रतिशत वार्षिक निर्धारित किया जाना उचित है।
चूँकि परिवादी को उसकी जमा धनराशि जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वापस दिलायी जा रही है ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा याचित अन्य अनुतोष प्रदान करने हेतु उचित आधार नहीं है, परन्तु परिवादी को वाद व्यय के रूप में 10,000/-रू0 दिलाया जाना उचित है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है और विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी की जमा धनराशि 20,55,360/-रू0 जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दो मास के अन्दर उसे वापस करे। इसके साथ ही वह परिवादी को 10,000/-रू0 वाद व्यय भी प्रदान करे।
यदि उपरोक्त निर्धारित अवधि में विपक्षी द्वारा उपरोक्त धनराशि ब्याज सहित अदा नहीं की जाती है तो परिवादी उसकी वसूली की कार्यवाही विधि के अनुसार कर सकते हैं।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (महेश चन्द)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1