Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/237/2018

NIDHI GUPTA - Complainant(s)

Versus

UNITECH - Opp.Party(s)

25 Jan 2021

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/237/2018
( Date of Filing : 09 Jul 2018 )
 
1. NIDHI GUPTA
.
...........Complainant(s)
Versus
1. UNITECH
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Jan 2021
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या-237/2018       

    उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                    श्रीमती स्‍नेह त्रिपाठी, सदस्‍य।         

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-09/07/2018

परिवाद के निर्णय की तारीख:-25.01.2021

Smt.Nidhi Gupta W/o Rohit Kumar Gupta, R/o 97-A, Kalyanpur,  Lucknow.                                                              ....................Complainant.

                                                          Versus

                          

M/s Unitech Limited, 6, Community Centre,  Saket, New Delhi-17.

                                               ...................... Opposite Party. 

                                                                                                                

आदेश द्वारा-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                           निर्णय

      परिवादिनी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी से सावधि जमा का मूल्‍य के साथ वाद दायर करने की तिथि से 06 प्रतिशत दण्‍ड ब्‍याज, मानसिक पीड़ा एवं उत्‍पीड़न एवं लापरवाही के लिये 50,000.00 रूपये,  तथा वाद व्‍यय के लिये 20,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

     संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने विपक्षी कम्‍पनी से उच्‍च ब्‍याज दर पर 30,000.00 रूपये की धनराशि दिनॉंक 15.07.2013 को 36 माह के लिये 12.5 प्रतिशत ब्‍याज मासिक संचयी लखनऊ स्थिति कार्यालय के एजेन्‍ट कार्वी के माध्‍यम से जमा किया था। परिवादिनी ने कम्‍पनी के कार्पोरेट ब्‍याज से प्रभावित होकर उक्‍त धनराशि जमा किया था जो दिनॉंक 16.07.2016 को परिपक्‍व होनी थी जिसकी परिपक्‍वता राशि 43565.00 रूपये थी जिसके लिये विपक्षी की देनदारी बनती है।  परन्‍तु उस तिथि पर विपक्षी द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया। परिवादिनी का कथन है कि उक्‍त धनराशि का भुगतान न कर विपक्षी कम्‍पनी द्वारा उपभोक्‍ता अधिनियम के अन्‍तर्गत सेवा में कमी की गयी है और आज तक किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है। विपक्षी से बारबार लिखित एवं ईमेल के माध्‍यम से अनुरोध किया गया किन्‍तु किसी प्रकार का उत्‍तर न मिलने पर परिवादिनी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से‍ दिनॉंक 07.11.2017 को विधिक नोटिस भिजवाया। नोटिस प्राप्‍त होने के पश्‍चात् भी विपक्षी द्वारा कोई उत्‍तर नहीं दिया गया। परिवादिनी का यह भी कथन है कि विपक्षी द्वारा सावधि जमा की परिपक्‍वता राशि परिवादिनी को समय पर उपलब्‍ध नहीं करायी गयी। बारबार अनुरोध के बावजूद कोई उत्‍तर न देकर विपक्षी द्वारा परिवादिनी को मानसिक कष्‍ट दिया गया एवं उत्‍पीड़न किया गया।

     वाद की कार्यवाही विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।

     अभिलेख का अवलोकन किया गया जिससे प्रतीत होता है कि परिवादिनी द्वारा उच्‍च ब्‍याज से दर से प्रभावित होकर एक सावधि योजना के अन्‍तर्गत 30,000.00 रूपये विपक्षी के यहॉं जमा कराया था,  जिसकी वैधता 36 माह की थी और दिनॉंक 16.07.2016 को परिपक्‍व होना था जिसकी कुल धनराशि 45,566.00 रूपये थी। परन्‍तु विपक्षी द्वारा परिवादिनी को परिपक्‍वता धनराशि अभी तक उपलब्‍ध नहीं करायी गयी है,  न ही मौखिक एवं लिखित अनुरोध के सन्‍दर्भ में कोई उत्‍तर ही दिया गया,  जिसके कारण परिवादिनी को मानसिक कष्‍ट हुआ तथा विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी है। ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

                               आदेश

     परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादिनी द्वारा जमा की गयी धनराशि उसकी परिपक्‍वता तिथि तक संचयी धनराशि वाद दायर करने की दिनॉंक से 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से 45 दिन के अन्‍दर अदा करेंगे, साथ ही साथ परिवादिनी को मानसिक कष्‍ट एवं उत्‍पीड़न के लिये मुबलिग 25,000.00 (पच्‍चीस हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्‍यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।                                             

     

 

    (स्‍नेह त्रिपाठी)                           (अरविन्‍द कुमार)

       सदस्‍य                                   अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                             लखनऊ।                                       

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 

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