जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 317/2019 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-18.03.2019
परिवाद के निर्णय की तारीख:-11.01.2023
Brajendra Kumar Tiwari, Son of Late Avadh Nath Tiwari r/o 1560, Pant Nagar Colony, Khurram Nagar, Lucknow-226022.
............Complainant.
Versus
1. Unitech, Registered office, 6 Community Centre, Saket, New Delhi-110017.
2. Security Investments Limited, G-2, Block-B, Rohit Bhawan, 4-Sapru Marg, Lucknow-226001.
3. Company Law Board, New Delhi Bench Paryavaran Bhawan B-Block, 3rd Floor, CGO Complex, Lodhi Road, New Delhi-110003.
................Opp Parties.
परिवादी स्वयं।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षी से 2,00,000.00 रूपये की एफ0डी0आर0की परिपक्वता अवधि व उसके बाद देय ब्याज 12 प्रतिशत की दर से किए जाने हेतु दाखिल किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ब्रजेन्द्र कुमार तिवारी, खुर्रमनगर, लखनऊ द्वारा प्रस्तुत परिवाद इस आशय से मा0 जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि उनके द्वारा यूनिटेक कम्पनी से 2,00,000.00 रूपये का एफ0डी0आर0 दिनॉंक 14.09.2010 को 12.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 03 वर्ष के लिये कराया गया था। परिवादी द्वारा पुन: एफ0डी0आर0 को वर्ष 2013 में 03 वर्ष के लिये रिन्यूवल कराया गया। इसकी ब्याज दर 15.07 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से था,।
3. उक्त एफ0डी0आर0 की परिपक्वता अवधि दिनॉंक 21.09.2016 थी। विपक्षी को ब्याज की धनराशि प्रति तिमाही परिपक्वता अवधि तक ही देनी थी, परन्तु वर्ष 2013 तक दी गयी, इसके बाद नहीं दी गयी। परिवादी द्वारा 2,00,000.00 रूपये मूलधन, ब्याज की धनराशि 15.07. व 17.07 प्रतिशत प्रतिवर्ष परिपक्वता अवधि दिनॉंक 21.09.2016 से अब तक देय धनराशि पर 18 प्रतिशत ब्याज तथा मानसिक प्रताड़ना के लिये 1,50,000.00 रूपये तथा वाद व्यय के लिये 30,000.00 रूपये अनुतोष की मॉंग की गयी।
4. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया। अत: दिनॉंक 22.08.2022 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
5. परिवादी ने साक्ष्य में शपथ पत्र तथा एफ0डी0आर0 की रिसीप्ट, विधिक नोटिस, आधार की प्रति आदि दाखिल किया है।
6. मैनें परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का परिशीलन किया।
7. विपक्षी संस्था का एक पत्र दिनॉंक 23.12.2020 को प्राप्त हुआ जिसमें उनके द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एक अन्य केस सिविल अपील नं0 10856/2016 भूपिन्दर सिंह बनाम यूनीटेक लिमिटेड में दिनॉंक 20.01.2020 के आदेश को संलग्न करते हुए अवगत कराया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक स्थगन आदेश पारित किया है। विपक्षी द्वारा पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि जब तक माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं कर दिया जाता है, कोई अंतिम निर्णय न लिया जाए। परन्तु परिवादी ने एक प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि माननीय न्यायालय द्वारा कोई स्थगनादेश पारित नहीं किया गया है। माननीय आयोग द्वारा उभयपक्षों को अपना तथ्य प्रस्तुत करने हेतु पर्याप्त अवसर प्रदान किया है। अब प्रकरण को और अधिक लम्बित नहीं रखा जा सकता है। अन्यथा न्याय का अवसर ही समाप्त हो जायेगा।
8. उपरोक्त तथ्यों एवं साक्ष्यों के विश्लेषण से परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को मूलधन मुबलिग 2,00,000.00 (दो लाख रूपया मात्र) तथा उस पर देय ब्याज की धनराशि प्रथम तीन वर्ष (दिनॉंक 14.09.2010 से 14.09.2013) तक 12.05 प्रतिशत तथा उसके बाद अगले तीन वर्ष (21.09.2013 से 20.09.2016 तक) 15.07 प्रतिशत की वार्षिक दर से अदा करेंगे। इसके अलावा सितम्बर, 2016 से भुगतान की तिथि तक मूलधन पर एफ0डी0आर0 की बकाया ब्याज की संपूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत ब्याज निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर अदा करेंगें। परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक कष्ट के लिये मुबलिग 20,000.00 (बीस हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
निर्णय की प्रति उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ता को नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-11.01.2023