Final Order / Judgement | (मौखिक) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ परिवाद संख्या-130/2011 प्रहलाद नारायन सिंह बनाम मै0 यूनिटेक लिमिटेड यूजीसीसी पविलियन समक्ष:- 1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य। 2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य। परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा, विद्धान अधिवक्ता विपक्षी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं दिनांक : 27.09.2023 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - यह परिवाद विपक्षी भवन निर्माता कम्पनी के विरूद्ध परिवादी द्वारा जमा राशि अंकन 57,24,060/-रू0 18 प्रतिशत के ब्याज के साथ वापस प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है, चूंकि भवन निर्माता कम्पनी द्वारा भवन निर्माण नहीं किया गया।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा दिनांक 17.12.2007 को यूनिट सं0 0204 IInd Floor टावर नम्बर 9 यूनिवर्ड सिटी केपेला ग्रेटर नोएडा मे बुक कराया, जिसका बेसिक मूल्य 52,98,610/-रू0 था तथा कार पार्किंग आदि को मिलाकर कुल 59,68,957/-रू0 मूल्य अदा करना था। परिवादी द्वारा अंकन 57,24,026/-रू0 जमा किये गये थे। अवशेष 2,44,931/-रू0 कब्जे के समय अदा किये जाने थे, परंतु चूंकि कब्जा भी सुपुर्द नहीं किया गया, न ही प्रस्ताव दिया गया, इसलिए यह राशि जमा नहीं की गयी।
- इस परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र तथा आवंटन पत्र एवं पक्षकारों के मध्य निष्पादित करार की प्रति भी प्रस्तुत की गयी है।
- विपक्षी की ओर लिखित कथन प्रस्तुत किया गया, जिसमें परिवादी द्वारा जमा राशि तथा आवंटन से इंकार नहीं किया गया। विपक्षी की ओर से उल्लेखित कथन हेतु शपथ पत्र तथा अन्य दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, न ही आज बहस करने के लिए कोई उपस्थित है।
- परिवादी द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र तथा आवंटन पत्र एवं वीपीए के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी का यूनिट सं0 0204 IInd Floor, टॉवर 9 यूनिवर्ड सिटी केपेला, ग्रेटर नोएडा के लिए अंकन 57,24,026/-रू0 जमा किया गया है। यह राशि 29.01.2008 तक जमा कर दी गयी। इतनी लम्बी अवधि व्यतीत हो जाने के पश्चात भी परिवादी को भवन प्राप्त नहीं हो सका, इसलिए परिवादी इस राशि पर 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस प्राप्त करने के लिए अधिकृत है, साथ ही चूंकि एक लम्बी अवधि तक परिवादी द्वारा 57,24,026/-रू0 जमा करने के बावजूद निवास के लिए भवन प्राप्त न होना अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना एवं पीड़ादायक रहा है। अत: इस मद में परिवादी अंकन 5,00,000/-रू0 प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। इसी प्रकार परिवाद व्यय के रूप में 50,000/-रू0 प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
आदेश परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता कि वह परिवादी द्वारा जमा की गयी राशि अंकन रू0 57,24,026/-रू0 (सत्तावन लाख चौबीस हजार छब्बीस रू0 मात्र) 15 प्रतिशत ब्याज सहित परिवाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक परिवादी को अदा करे। इसके अतिरिक्त विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मानसिक प्रताड़ना के मद में रू0 5,00,000/-रू0 (पांच लाख रू0) एवं वाद व्यय के मद में रूप 50,000/-रू0 (पचास हजार रू0 मात्र) उक्त अवधि में अदा करे। आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे। (सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार) सदस्य सदस्य संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3 | |