Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/2237

Ramesh Chandra Srivastav - Complainant(s)

Versus

Unit Trust of India - Opp.Party(s)

Alok Ranjan

31 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/2237
( Date of Filing : 13 Sep 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ramesh Chandra Srivastav
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Unit Trust of India
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vikas Saxena PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 31 May 2023
Final Order / Judgement

 

      मौखिक

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ०प्र० लखनऊ

अपील संख्‍या- 2237/2002

रमेश चन्‍द्र श्रीवास्‍तव बनाम मैनेजर, यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया व एक अन्‍य

        

       दिनांक: 31.05.2023

माननीय सदस्‍य श्री विकास सक्‍सेना द्वारा उदघोषित

  •   

        प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी रमेश चन्‍द्र श्रीवास्‍तव की ओर से विद्वान जिला आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या- 209/1999 रमेश चन्‍द्र श्रीवास्‍तव बनाम यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 01-08-2002 के विरूद्ध योजित की गयी है।

विद्वान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि आदेश की तिथि से 60 दिन के अन्‍दर परिवादी को विलम्बित भुगतान हेतु विपक्षीगण द्वारा अपने लिखित कथन एवं पत्र दिनांक 28-04-99 में प्रस्‍तावित ब्‍याज की धनराशि 8571.94 पैसा एवं मानसिक कष्‍ट हेतु रू० 4000/- बतौर प्रतिकर व रू० 5000/- वाद व्‍यय अदा करें।

जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्‍त निर्णय के विरूद्ध परिवादी ने ब्‍याज दर बढ़ाए जाने के साथ यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपील में यह कथन किया गया है कि विपक्षी यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया के स्‍कीम की धनराशि समय से प्रदान नहीं की गयी है। परिपक्‍वता धनराशि जो उसे सेवानिवृत्ति के उपरान्‍त प्राप्‍त होनी थी।

2

अपीलार्थी/परिवादी ने यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया को 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिलाए जाने हेतु पत्र लिखा। परिवादी ने परिवाद पत्र में प्रश्‍नगत धनराशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिलाए जाने हेतु परिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया था किन्‍तु जिला आयोग द्वारा 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दिया गया था, विपक्षी यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया ने 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ही ब्‍याज दिये जाने का प्रस्‍ताव दिया है जो उचित नहीं है। इसके अतिरिक्‍त 4000/-रू० मानसिक क्‍लेश के लिए दिया गया है यह धनराशि भी अत्‍यधिक कम है। यह धनराशि भी बढायी जानी चाहिए। इस प्रकार 12 प्रतिशत वार्षिक के स्‍थान पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दिलाए जाने हेतु अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक रंजन उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव उपस्थित हुए।

पीठ द्वारा उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को विस्‍तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन किया गया।

मुख्‍य रूप से अपीलार्थी की ओर से यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया द्वारा दिये गये 60 दिन के भुगतान पर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर  ब्‍याज से दिलाए जाने की प्रार्थना की गयी है। उक्‍त धनराशि पर 12 प्रतिशत ब्‍याज उचित है। ब्‍याज अधिनियम 1978 की धारा 2 व 3 के अनुसार बैंक के ब्‍याज की दर जो क्षतिपूर्ति के समय प्रचलित हो वह कोई भी न्‍यायालय अथवा ट्रब्‍यूनल द्वारा दिलाया जा सकता है।

3

आर०बी०आई० द्वारा जारी सर्कुलर के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट है कि वर्ष 1999 में रिजर्ब बैंक आफ इण्डिया द्वारा बैंक की प्रचलित दर 12 से 14 प्रतिशत थी। जिला आयोग द्वारा दिया गया 12 प्रतिशत की दर से ब्‍याज उचित प्रतीत होता है। विद्वान जिला आयोग ने अपने आदेश में प्रश्‍नगत धनराशि पर ब्‍याज दिलाया जाना स्‍पष्‍ट नहीं किया है। उक्‍त ब्‍याज परिवादी को परिपक्‍वता की तिथि से वास्‍तविक भुगतान होने तक दिलाया जाए तदनुसार प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश संशोधित होने योग्‍य है।

                    आदेश

प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। परिवादी को परिपक्‍वता की तिथि से वास्‍तविक अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिलाये जाने हेतु आदेशित किया जाता है जिसमें से दी गयी धनराशि समायोजित की जाएगी। शेष धनराशि विपक्षी यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया द्वारा परिवादी को प्रदान की जाएगी। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है। 

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला आयोग  को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

       आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                                     

            (विकास सक्‍सेना)                           (सुधा उपाध्‍याय)

               सदस्‍य                                    सदस्‍य

             कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 3

 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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