Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/1116

Ashok Kumar Singh - Complainant(s)

Versus

Unit Trust of India - Opp.Party(s)

V P Sharma

18 Apr 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/1116
( Date of Filing : 21 Mar 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ashok Kumar Singh
Gorakhpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Unit Trust of India
Gorakhpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vikas Saxena PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Apr 2023
Final Order / Judgement

( सुरक्षित )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या: 1116/2002

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, गोरखपुर द्वारा परिवाद संख्‍या- 589/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 04-04-2002 के विरूद्ध)

 

अशोक कुमार सिंह, पुत्र स्‍व० धीरज सिंह, निवासी- राय कालोनी, मोहद्दीपुर, पोस्‍ट आफिस, खुदाघाट, जिला गोरखपुर।

  •                                               

                      बनाम

 

  1. यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया, गुलाब भवन, द्धितीय तल,  6 बहादुर शाह जफर मार्ग न्‍यू दिल्‍ली।
  2. ब्रांच मैनेजर, यूनिट ट्रस्‍ट आफ इण्डिया गुलाब भवन, द्धितीय तल,  6 बहादुर शाह जफर मार्ग न्‍यू दिल्‍ली।
  3. ब्रांच मैनेजर इण्डियन ओरवसीज बैंक, बुलियन बाजार, ब्रांच मदुराई तमिलनाडु।
  4. इण्डिय ओरवसीज बैंक, कस्‍टमर सर्विस सेल, हेड आफिस 763 चेन्‍नई।
  5. पोस्‍ट आफिस जनरल, गोरखपुर रीजन गोरखपुर।

                                                                                      प्रत्‍यर्थीगण

 समक्ष  :-

     माननीय श्री विकास सक्‍सेना सदस्‍य

      माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍या

    

      उपस्थिति :

     अपीलार्थी की ओर से उपस्थित – विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी०पी० शर्मा

     प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित– विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश श्रीवास्‍तव

      

       दिनांक :  03-05-2023

 

  1.  

 

माननीय सदस्‍या श्रीमती सुधा उपाध्‍याय द्वारा उदघोषित

  •  

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी अशोक कुमार सिंह द्वारा विद्वान जिला आयोग, गोरखपुर द्वारा परिवाद संख्‍या- 589/99 अशोक कुमार सिंह बनाम यूनिट ट्रस्‍ट आ‍फ इण्डिया व अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनां‍क- 04-04-2002 के विरूद्ध उपभोक्‍ता संरक्षण 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

वाद के तथ्‍य संक्षप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने 10 वर्षीय युनिट लिंक्‍ड प्रस्‍ताव बीमा योजना के अधीन एक पालिसी लिया था और इसकी परिपक्‍वता तिथि दिनांक 21-11-98 थी। इस योजना के अन्‍तर्गत परिवादी को हर वर्ष 4000/-रू० 10 वर्षों तक जमा करना था। परिवादीप्रत्‍येक वर्ष 4000/-रू० जमा करता रहा। परिवादी के अनुसार उसने अक्‍टूबर 1997 में धनराशि जमा की थी और परिपक्‍वता के उपरान्‍त परिवादी को 86,421/-रू० मिलना था किन्‍तु बार-बार आग्रह करने के उपरान्‍त विपक्षी संख्‍या-1 व 2 ने परिवादी को सूचित किया कि उसकी धनराशि का एक चेक दिनांक 21-11-98 को भेजा गया है और एक चेक दिनांक 14-01-99 को भुगतान करा दिया गया है। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उसे चेक का कोई भुगतान प्राप्‍त नहीं हुआ है। अत: अपनी पालिसी से संबंधित धनराशि रू० 86,421/- का भुगतान प्राप्‍त कराए जाने हेतु परिवाद जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

   

 

  1.  

विपक्षी संख्‍या-1 व 2 की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया गया है कि वादी ने सदस्‍यता आग्रह जमा किया था और 4000/-रू० उसने जमा किया था तथा उक्‍त पालिसी की परिपक्‍वता तिथि

दिनांक 21-11-98 थी। विपक्षी के अनुसार वादी को चेक भेजा गया और वापस नहीं मिला। विपक्षी के अनुसार परिवादी का चेक किसी अन्‍य ने ले लिया और भुगतान करा लिया। उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।

जिला आयोग ने पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों के आधार पर एवं परिवादी की अनुपस्थिति के कारण एवं परिवादी की ओर से कोई तर्क प्रस्‍तुत न किये जाने के कारण परिवाद निरस्‍त कर दिया है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी०पी० शर्मा उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश श्रीवास्‍तव उपस्थित हुए।

पीठ द्वारा उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया तथा जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन किया गया।

विद्वान जिला आयोग ने अपने निष्‍कर्ष में यह अंकित किया है कि जो चेक विपक्षी द्वारा परिवादी को भेजा गया वह कब कहॉं और किसके द्वारा लिया गया और किसके द्वारा भुगतान प्राप्‍त किया गया यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है। जिला आयोग के समक्ष परिवादी अनुपस्थित रहा है। परिवादी को साक्ष्‍य को सुनवाई का अवसर प्राप्‍त नहीं हुआ है। मात्र विपक्षी के कथन के आधार पर ही जिला आयोग ने परिवाद निरस्‍त कर

 

  1.  

दिया है जो उचित नहीं है। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी को उसकी जमा धनराशि प्राप्‍त नहीं हुयी है।

    उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा इस तथ्‍य पर बल देते हुए कि परिवादी जिला आयोग के समक्ष नियत तिथि पर उपस्थित नहीं हो सका था और विद्धान जिला आयोग द्वारा अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति में परिवाद निरस्‍त कर दिया गया जिससे अपीलार्थी/परिवादी जिला आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्‍तुत नहीं कर सका। अत: उसे न्‍यायहित में एक अवसर साक्ष्‍य एवं सुनवाई का प्रदान करने की कृपा की जाए।  

        हमारे द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

      पत्रावली के परिशीलनोपरान्‍त एवं अपीलार्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने के पश्‍चात यह पीठ इस मत की है कि न्‍यायहित में उभय-पक्ष को अपना-अपना पक्ष प्रस्‍तुत करने हेतु एक अवसर प्रदान किया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील स्‍वीकार की जाती है तथा विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाता है एवं पत्रावली जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग परिवाद को अपने मूल नम्‍बर पर प्रतिस्‍थापित करते हुए उभय-पक्ष को साक्ष्‍य और सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर 02 माह की अवधि में करते हुए विधि अनुसार निर्णय/एवं आदेश पारित करें।

   

5

उभय-पक्ष जिला आयोग के सम्‍मुख दिनांक 20-06-2023 को उपस्थित होंवे।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को   आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

                                                     

              (विकास सक्‍सेना)                         (सुधा उपाध्‍याय)

                सदस्‍य                                   सदस्‍य

           

          कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 3

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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