जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, लखनऊ।
वाद संख्या 257/2014
श्रीमती काथिया जामवाल,
पत्नी श्री रेशम सिंह जामवाल,
निवासिनी- टाइप-2, रूम नं.118,
एस.जी.पी.जी.आई., रायबरेली रोड,
लखनऊ।
......... परिवादिनी
बनाम
1. यूनीसन हाउसिंग कं0 लि0,
कारपोरेट आफिसः सी-5 117/111,
द्वितीय तल, निकट परफेक्ट प्वाइंट,
सर्वोदय नगर, कानपुर।
द्वारा डायरेक्टर।
2. यूनीसन हाउसिंग कं0 लि0,
प्रोजेक्ट आफिसः वास्तु सिटी भवन,
अपोजिट भानवाल स्कूल, बिजनौर कानपुर रोड,
लखनऊ-226002
द्वारा मैनेजर।
3. यूनीसन हाउसिंग कं0 लि0,
कारपोरेट आफिसः महालक्ष्मी भवन,
492, सेक्टर-43, गुड़गांव-122002
द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर।
..........विपक्षीगण
उपस्थितिः-
श्री विजय वर्मा, अध्यक्ष।
श्रीमती अंजु अवस्थी, सदस्या।
श्री राजर्षि शुक्ला, सदस्य।
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निर्णय
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से जमा धनराशि रू.1,53,000.00 मय 18 प्रतिशत ब्याज, क्षतिपूर्ति के रूप में रू.2,00,000.00 तथा वाद व्यय के रूप में रू.15,000.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया गया है।
संक्षेप में परिवादिनी का कथन है कि उसने दिनांक 10.04.2011 को वास्तु सिटी में अंजुमन डीलक्स नामक फ्लैट लेने हेतु पंजीकरण धनराशि रू.61,200.00 विपक्षीगण के यहां जमा किये एवं इसके बाद दिनांक 22.07.2011 को एलाॅटमेंट धनराशि रू.91,800.00 भी विपक्षीगण के यहां जमा कर दिये। परिवादिनी द्वारा आवंटन धनराशि जमा कर देने के बावजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को आवंटन पत्र नहीं दिया गया और न ही फ्लैटों का निर्माण शुरू कराया गया एवं जिस जमीन पर निर्माण होना था वह भी विवादित थी इस कारण परिवादिनी ने एक पत्र दिनांक 11.08.2011 को विपक्षी सं0 2 को प्राप्त कराकर अपने फ्लैट की बुकिंग कैन्सिल करा दी और अपनी जमा धनराशि की वापसी की विपक्षीगण से मांग की, किंतु आज तक विपक्षीगण द्वारा कोई धनराशि वापस नहीं की गयी। परिवादिनी अनेक बार इस संबंध में विपक्षी से फोन द्वारा एवं व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर चुकी है, परंतु आज तक कोई धनराशि वापस नहीं की गयी जो विपक्षीगण की अनुचित व्यापार प्रक्रिया एवं सेवा में कमी का द्योतक है। इस संबंध में परिवादिनी ने एक लीगल नोटिस दिनांक 11.03.2014 को विपक्षीगण को भेजा, परंतु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और न ही नोटिस का कोई जवाब ही दिया गयां अतः परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से जमा धनराशि रू.1,53,000.00 मय 18 प्रतिशत ब्याज, क्षतिपूर्ति के रूप में रू.2,00,000.00 तथा वाद व्यय के रूप में रू.15,000.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया गया है।
विपक्षीगण को रजिस्टर्ड नोटिस भेजी गयी, परंतु कोई उपस्थित नहीं हुआ, अतः उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही आदेश दिनांक 10.11.2014 द्वारा की गयी।
परिवादिनी की ओर से अपना शपथ पत्र तथा 6 संलग्नक अपने परिवाद पत्र के साथ दाखिल किये गये।
परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
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इस प्रकरण में परिवादिनी ने दिनांक 10.04.2011 को वास्तु सिटी में अंजुमन डीलक्स नामक फ्लैट लेने हेतु पंजीकरण धनराशि रू.61,200.00 विपक्षीगण के यहां जमा किये एवं इसके बाद दिनांक 22.07.2011 को एलाॅटमेंट धनराशि रू.91,800.00 भी विपक्षीगण के यहां जमा कर दिये। परिवादिनी द्वारा आवंटन धनराशि जमा कर देने के बावजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को आवंटन पत्र नहीं दिया गया और न ही फ्लैटों का निर्माण शुरू कराया गया एवं जिस जमीन पर निर्माण होना था वह भी विवादित थी इस कारण परिवादिनी ने एक पत्र दिनांक 11.08.2011 को विपक्षी सं0 2 को प्राप्त कराकर अपने फ्लैट की बुकिंग कैन्सिल करा दी और अपनी जमा धनराशि की वापसी की विपक्षीगण से मांग की, किंतु आज तक विपक्षीगण द्वारा कोई धनराशि वापस नहीं की गयी। परिवादिनी द्वारा संलग्नक सं.1 के रूप में विपक्षीगण द्वारा वास्तुसिटी की योजना के विज्ञापन की फोटोप्रति दाखिल की गयी जिससे स्पष्ट होता है कि विपक्षीगण द्वारा वास्तु सिटी में फ्लैट की बुकिंग हेतु योजना प्रारंभ की गयी थी। परिवादिनी की ओर से संलग्नक सं.2 के रूप में योजना के नियम व शर्तों, धनराशि और धनराशि जमा करने के विवरण की प्रति दाखिल की गयी है। परिवादिनी की ओर से संलग्नक सं.3 के रूप में विपक्षीगण द्वारा जारी की गयी रसीद की प्रति दाखिल की गयी है जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादिनी द्वारा दिनांक 10.04.2011 को रू.61,200.00 विपक्षीगण के यहां चेक के माध्यम से जमा किये गये थे। परिवादिनी की ओर से संलग्नक सं. 4 के रूप में विपक्षीगण द्वारा जारी रसीद की फोटोप्रति दाखिल की है जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादिनी द्वारा दिनांक 22.07.2011 को रू.91,800.00 विपक्षीगण के यहां चेक के माध्यम से जमा किये गये थे। परिवादिनी की ओर से संलग्नक सं.5 के रूप में विपक्षीगण को लिखे गये पत्र की फोटोप्रति दाखिल की गयी है जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादिनी द्वारा दिनांक 11.08.2011 को अपनी धनराशि की वापसी हेतु एवं बुकिंग कैंसिल करने हेतु पत्र लिखा गया था। परिवादिनी की ओर से संलग्नक सं.6 के रूप में लीगल नोटिस की प्रति दाखिल की गयी है जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादिनी द्वारा एक लीगल नोटिस दिनांक 11.03.2014 को विपक्षीगण को भेजा गया था। विपक्षीगण को फोरम के द्वारा रजिस्टर्ड नोटिस भेजी गयी, परंतु
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कोई उपस्थित नहीं हुआ, अतः उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही आदेश दिनांक 10.11.2014 द्वारा की गयी। परिवादिनी की ओर से अपना शपथ पत्र दाखिल करके परिवाद के कथनों का समर्थन किया गया है। विपक्षीगण की ओर से न तो कोई उपस्थित हुआ न लिखित कथन दाखिल किया गया और न ही प्रति शपथ पत्र दाखिल करके परिवादी के कथनों का खंडन किया गया है। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा दाखिल अभिलेखों एवं शपथ पत्र पर कहे गये कथनों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। परिवादिनी द्वारा दाखिल किये गये अभिलेखों से स्पष्ट है कि उसके द्वारा फ्लैट की बुकिंग हेतु कुल रू.1,53,000.00 विपक्षीगण के यहां जमा करने के बावजूद उसे कोई आवंटन पत्र नहीं दिया गया और न ही फ्लैटों के निर्माण का कार्य शुरू किया गया जिस कारण उसने बुकिंग कैंसिल करने हेतु और धनराशि वापसी हेतु पत्र लिखा, परंतु विपक्षीगण द्वारा धनराशि वापस न करके अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी एवं सेवा में कमी की गयी। अतः परिवादिनी अपनी समस्त धनराशि मय ब्याज विपक्षीगण से प्राप्त करने की अधिकारिणी है। साथ ही इस संबंध में उसे जो मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हुआ है उसके लिए वह क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय भी प्राप्त करने की अधिकारिणी है।
आदेश
परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को संयुक्त व पृथक रूप से आदेशित किया जाता है कि वे परिवादिनी को रू.1,53,000.00 (रूपये एक लाख तिरपन हजार मात्र) मय 9 प्रतिशत ब्याज अंतिम जमा तिथि 22.07.2011 से अंतिम भुगतान की तिथि तक अदा करें।
साथ ही विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादिनी को क्षतिपूर्ति के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) तथा वाद व्यय के रूप में रू.2,000.00 (रूपये दो हजार मात्र) भी अदा करें।
विपक्षीगण उपरोक्त आदेश का अनुपालन एक माह में करें।
(राजर्षि शुक्ला) (अंजू अवस्थी) (विजय वर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
दिनांकः दिसम्बर, 7 2015