Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/06/2011

Mohd. Mustafa - Complainant(s)

Versus

Union Of India - Opp.Party(s)

27 Aug 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/06/2011
 
1. Mohd. Mustafa
R/0 Ginnori Sirsi Tehsil Sambhal & Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Union Of India
Senior Superintendent Of Post Office Jail Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे  पार्सल द्वारा भेजी गई किताबों की कीमत 5,000/-  रूपया तथा पार्सल बुक कराने हेतु दिऐ गऐ 620/- रूपया 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाऐ जाऐं। मानसिक कष्‍ट व आर्थिक हानि की मद में परिवादी ने 10,000/-  रूपया तथा परिवाद व्‍यय अतिरिक्‍त मांगा है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 11/05/2010 को पार्सल के माध्‍यम से 5,000/- रूपये मूल्‍य की धार्मिक किताबें अपने पुत्र को सऊदी अरबिया के मक्‍का नगर भेजी थी। पार्सल के परिवादी ने 620/-  रूपये दिऐ, पार्सल उसके पुत्र के पास नहीं पहुँचा। पार्सल  की जानकारी करने हेतु परिवादी ने विपक्षी सं0-2 को कई पत्र लिखे, सैकड़ो चक्‍कर लगाने के बाद विपक्षीगण द्वारा दिनांक 10/12/2010 को परिवादी को  सूचित किया गया कि उसका पार्सल कहीं खो गया है। परिवादी को ऐसा  जानकर काफी दु:ख हुआ। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष  विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादी ने सूची कागज सं0-3/4 के माध्‍यम से  विपक्षी  सं0-2 को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 28/7/2010, पत्र दिनांकित 08/06/2010, पत्र दिनांकित 28/07/2010 और  पत्र दिनांकित 21/08/2010 की फोटो प्रतियों को  दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/8 हैं।
  4.  विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/4 दाखिल  हुआ। प्रतिवाद पत्र में परिवादी द्वारा पार्सल बुक कराया जाना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। परिवाद में  अग्रेत्‍तर कहा गया कि परिवादी ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की थी कि पार्सल में 5,000/- रूपये मूल्‍य की किताबें हैं, उसने पार्सल का बीमा भी नहीं कराया था। विशेष कथनों में कहा गया है कि पार्सल दिनांक 11/05/2010 को बुक  कराया गया था। अगले दिन उसे  आर0एम0एस0 द्वारा दिल्‍ली भेज दिया गया। दिनांक 09/12/2010 को पार्सल सऊदी अरबिया से दिल्‍ली वापिस आ गया। मुरादाबाद प्राप्‍त होने पर उसे दिनांक 11/12/2010 को सम्‍भल डाकघर परिवादी को वितरित करने के लिए भेजा गया, किन्‍तु परिवादी नहीं मिला। परिवादी को पार्सल प्राप्‍त करने हेतु सूचित भी किया गया। पुन: दिनांक 05/01/2011  को पार्सल परिवादी को पुन: भेजा गया, किन्‍तु परिवादी ने उसे लेने से इन्‍कार कर दिया, अन्‍त में पार्सल को लखनऊ केन्‍द्र भेज दिया गया। विपक्षीगण के अनुसार पार्सल के गुम होने अथवा खो जाने विषयक कोई  सूचना परिवादी को नहीं दी क्‍योंकि ऐसी सूचना देने का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न ही नहीं  हुआ। विपक्षीगण के अनुसार विपक्षीगण ने परिवादी को सेवा देने में किसी प्रकार की कमी अथवा लापरवाही नहीं की। परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ  जाने की प्रार्थना की। 
  5.  परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/3  दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से मुख्‍य डाकघर, मुरादाबाद के सीनियर पोस्‍ट मास्‍टर श्री एस0सी0 सागर का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11/1  लगायत 11/3 दाखिल हुआ। किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं  की।
  6.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली  का अवलोकन किया।
  7.  इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी ने सऊदी अरबिया के मक्‍का शहर निवासी अपने पुत्र मनीर के पते पर डाक द्वारा एक पार्सल दिनांक 11/05/2010 को बुक किया था, इस पार्सल में धार्मिक किताबें थीं। विपक्षीगण को यह स्‍वीकार है कि उक्‍त पार्सल परिवादी के पुत्र को वितरित नहीं हुआ।
  8.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि पार्सल विपक्षी ने खो  दिया है इसके विपरीत विपक्षीगण का केस यह है कि पार्सल सऊदी अरबिया से वापिस आ गया था जिसे वापिस वितरित करने के लिए परिवादी के पास  भेजा गया, किन्‍तु परिवादी ने उसे वापिस लेने से इन्‍कार कर दिया जिस कारण उक्‍त पार्सल लखनऊ प्रेषण केन्‍द्र में विपक्षीगण द्वारा भेज दिया गया।
  9.   प्रकरण में निर्विवादित स्थिति यह है कि परिवादी  के पुत्र को परिवादी द्वारा भेजा गया पार्सल वितरित नहीं हुआ। पार्सल वितरित न हो पाने में  डाक विभाग के किसी विशिष्‍ट कर्मचारी अथवा अधिकारी का परिवादी ने नाम  नहीं लिया है। परिवादी ने ऐसा भी कोई साक्ष्‍य नहीं दिया जिसके आधार पर  यह माना जा सके कि पार्सल विपक्षीगण के किसी अधिकरी अथवा कर्मचारी की धोखाधड़ी की बजह से वितरित नहीं हुआ।
  10.   मा0 राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, लखनऊ द्वारा अपील सं0- 870/1997, Superindent of post v/s Sri pushpendra Kumar के  मामले में यह अवधारित किया गया है कि इस तरह के मामलों में पोस्‍ट  आफिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पोस्‍ट ऑफिस अधिनियम की  धारा-6 का संरक्षण प्राप्‍त है। उन्‍हें ऐसे किसी पोस्‍टल आर्टिकल जिसका बीमा न कराया हो के खो जाने अथवा उसके गलत वितरित हो जाने अथवा उसके वितरण में देरी के लिए उत्‍तरदायी नहीं माना जा सकता है। मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा II (1993) CPJ 141 (NC), The presidency post Master General Post Office, Madras & others v/s Dr. U.Shankar Rao के मामले में इडियन पोस्‍ट ऑफिस एक्‍ट की धारा-6 की व्‍याख्‍या करते हुये यह अवधारित किया है कि ऐसे आर्टिकल  जिनका बीमा न कराया गया हो के खो जाने पर डाक विभाग अथवा उसके  किसी अधिकारी/ कर्मचारी को तब तक उत्‍तरदायी नहीं माना जा सकता है जब तक कि यह सिद्ध न हो जाये कि डाक विभाग के किसी कर्मचारी/ अधिकारी ने जानबूझकर डाक का वितरण न किया हो या वितरण में देरी की  हो।
  11.   वर्तमान मामले में परिवादी का पार्सल खो जाने में पोस्‍टल विभाग के  किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी की जानबूझकर लापरवाही अथवा त्रुटि होना प्रमाणित नहीं हुआ है। ऐसा भी कोई प्रमाण उपलब्‍ध नहीं हुआ है कि  परिवादी का पार्सल खो जाना पोस्‍टल विभाग के किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी की धोखाधड़ी का परिणाम था।
  12.   पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य के तथ्‍यात्‍मक विश्‍लेषण एवं उपरोक्‍त विधि व्‍यवस्‍थाओं के दृष्टिगतहम इस सुविचारित मत के हैं कि परिवादी कोई  अनुतोष पाने का अधिकरी नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

 

परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     27.08.2015           27.08.2015        27.08.2015

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 27.08.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     27.08.2015           27.08.2015        27.08.2015

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.