राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या :2363/2001
(जिला मंच, झॉसी द्धारा परिवाद सं0-49/2001 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.8.2001 के विरूद्ध)
Kishanchandra Agrawal, S/o Sri Hariram Agrawal, Proprietor Firm Sri Krishna Steels, Aantia Talaab, Jhansi.
........... Appellant/ Complainant
Versus
1 Union of India Through Secretary/Chairman, Railway Board, Rail Bhawan, New Delhi.
2 D.C.O.S. Central Railway, Jhansi, District Jhansi.
……..Respondents/ Opp.Parties.
समक्ष :-
मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य
मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता : श्री वी0पी0 शर्मा
प्रत्यर्थी की ओर से अधिवक्ता : श्री प्रतुल श्रीवास्तव
दिनांक : 18.03.2016
मा0 श्री जे0एन0 सिन्हा, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद सं0 49/2001 किशनचंन्द्र अग्रवाल बनाम भारत संघ जरिये सचिव/चेयरमैन रेलवे बोर्ड व अनय में जिला मंच, झॉसी द्वारा दिनांक 31.8.2001 को निर्णय पारित करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया गया है:-
"परिवादी का परिवाद उपभोक्ता फोरम में चलनसार न होने के आधार पर परिवाद से संबंधित कार्यवाही समाप्त की जाती है। परिवादी के द्वारा उपभोक्ता फोरम के समक्ष स्वच्छ हाथों से न आने के आधार पर और महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर अनर्गल आधार पर दावा प्रस्तुत करने के आधार पर परिवादी पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-26 के अन्तर्गत रू0 1,000.00 (एक हजार रूपये) का हर्जा लगाया जाता है। परिवादी इस हर्जे को विपक्षीगण को एक माह की अवधि के अंदर अदा करें।"
उक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर परिवादी/अपीलार्थी की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।
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अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री वी0पी0 शर्मा तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री प्रतुल श्रीवास्तव उपस्थित आये। यह अपील वर्ष-2001 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है, अत: उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना तथा प्रश्नगत निर्णय व उपलब्ध अभिलेखों का गम्भीरता से परिशीलन किया गया।
परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद इस अभिवचन के साथ प्रस्तुत किया गया है कि वह कृष्णा स्टील के नाम से आंतिया तालाब झॉसी में कृषियंत्र के निर्माण का कारोबार करता है एवं परिवादी ने कंडम लोको नंबर 18066 को दिनांक 28.3.2000 को 3,81,000.00 रूपये "जहॉ है जैसा है" के आधार पर नीलामी में क्रय किया। विपक्षी सं0-2 ने हवील सेट व एक्सल बाक्स की डिलीवरी नहीं दी, इसलिए परिवादी ने हवील सेट व एक्सल बाक्स की डिलीवरी प्रदान कराये जाने हेतु व विकल्प में दो लाख रूपये एवं क्षतिपूर्ति दिलायी जाय। विपक्षीगण द्वारा यह अभिवचित किया गया है कि नीलामी की शर्तोके अनुसार पक्षकारों के मध्य उत्पन्न विवाद पंच निर्णय के द्वारा तय होना चाहिए एवं नीलामी की शर्त के अनुसार कंडम लोको इंजन की नीलामी बिना हवील सेट व एक्सल बाक्स के की गई है एवं परिवादी ने इस तथ्य को छिपाकर हवील सेट व एक्सल बाक्स को दिलाये जाने हेतु परिवाद प्रस्तुत किया है, जो उसने नीलामी के समय नहीं बताई थी एवं पक्षकारों के मध्य कोई आरबीटेशन एग्रीमेंट विद्यमान नहीं है, अत: विवाद को पंच निर्णय को भेजे जाने का कोई प्रश्न पैदा नहीं होता है।
उभय पक्ष के अभिवचन एवं उपलब्ध अभिलेखों पर विचार करते हुए जिला मंच द्वारा उपरोक्त वर्णित आदेश पारित किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील योजित है।
वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि प्रश्नगत नीलामी के लाट में हवील सेट्स व एक्सल बाक्स सम्मिलित नहीं है एवं परिवाद स्वच्छ हाथों से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है एवं परिवादी द्वारा पत्र दिनांक 20.5.2000 के पत्र में हवील सेट्स की बावत कोई दावा पेश न करने का दिया गया और यह आश्वासन प्रस्तुत परिवाद में छिपाया गया था एवं दिनांक 20.5.2000 के पत्र में लिखी वस्तु विषय जिसमें परिवादी ने हवील सेट्स की बावत दावा स्वयं छोडा, को छिपाकर दावा दायर करना जिला मंच की प्रक्रिया का दुरूपयोग है और इस संदर्भ में जिला मंच द्वारा जो निष्कर्ष दिया गया
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है, वह विधि अनुकूल है। जिला मंच द्वारा अपने निर्णय/आदेश में रू0 1,000.00 हर्जाने की बावत जो आदेश पारित किया गया है, पीठ के मत में वह उचित प्रतीत नहीं हाता है और अपास्त किये जाने योग्य है। अत: प्रस्तुत अपील अंशत: स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील अंशत: स्वीकार करते हुए जिला मंच, झॉसी द्वारा परिवाद सं0 49/2001 किशनचंन्द्र अग्रवाल बनाम भारत संघ जरिये सचिव/चेयरमैन रेलवे बोर्ड व अनय में पारित आदेश दिनांक 31.8.2001 में रू0 1,000.00 हर्जाना की बावत पारित आदेश अपास्त किया जाता है, निर्णय/आदेश के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।
(जे0एन0 सिन्हा) (बाल कुमारी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.
कोर्ट सं0-2