Uttar Pradesh

StateCommission

C/2010/13

M/s Taj Electronics - Complainant(s)

Versus

Union Bank Of India - Opp.Party(s)

S K Sharma

13 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. C/2010/13
( Date of Filing : 17 Feb 2010 )
 
1. M/s Taj Electronics
a
...........Complainant(s)
Versus
1. Union Bank Of India
a
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Aug 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-13/2010

मैसर्स ताज इलेक्ट्रानिक्‍स, टेढ़ी पुलिया, शुक्‍ला मार्केट, कुर्सी रोड, लखऊ द्वारा प्रोपराइटर अब्‍दुल अलीम खान तथा एक अन्‍य

बनाम

दि न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड तथा एक अन्‍य

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक : 13.08.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद प्रस्‍तुत हुआ। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता की मृत्‍यु पर नवीन अधिवक्‍ता नियुक्‍त करने अथवा स्‍वयं उपस्थित होकर पैरवी करने के लिए कार्यालय द्वारा पंजीकृत सूचना परिवादीगण को प्रेषित की गई थी, जिसकी प्रति पत्रावली पर मौजूद है, परन्‍तु परिवादीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है, जबकि विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री जफर अजीज उपस्थित हैं, उन्‍हें सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

2.        यह परिवाद, परिवादीगण द्वारा यूनियन बैंक आफ इण्डिया के अलावा न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया गया है। यूनियन बैंक आफ इण्डिया से परिवादीगण द्वारा समझौता किया जा चुका है और उन्‍हें पक्षकार से डिलीट किया जा चुका है।

3.        परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादीगण द्वारा वर्ष 1999 में कैश क्रेडिट लिमिट बैंक से अंकन 2.5 लाख रूपये के लिए प्राप्‍त  की गई थी, इसके बाद वर्ष 2008 – 2009 में यह लिमिट अंकन

-2-

12 लाख रूपये तक बढ़ा दी गई थी। वर्ष 2002 तक परिवादीगण बीमा कंपनी से बीमा प्राप्‍त करता रहा। विपक्षी बैंक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया (जिसे परिवादीगण द्वारा डिलीट किया जा चुका है) द्वारा प्रीमियम राशि परिवादीगण के खाते से काटकर बीमा पालिसी करायी जाती थी। कभी भी परिवादीगण को बीमा पालिसी प्राप्‍त नहीं करायी गयी। दिनांक 11/12.01.2009 की रात्रि में अग्निकाण्‍ड के कारण परिवादीगण के सामान को क्षति कारित हुई। विपक्षीगण बीमा कंपनी द्वारा केवल 3,76,186/-रू0 का प्रतिकर अदा करने का प्रस्‍ताव रखा गया। अत्‍यधिक कम होने के कारण इस प्रस्‍ताव को नकार दिया गया। यूनियन बैंक आफ इण्डिया द्वारा मनमाने तरीके से पालिसी प्राप्‍त की गई और जो स्‍टीमेट प्रस्‍तुत किया गया, उस स्‍टीमेट के अनुसार स्‍टॉक के मूल्‍य का विचार नहीं किया गया। परिवाद में इस अनुतोष की मांग की गई कि परिवादीगण को अंकन 22,93,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का भुगतान 12 प्रतिशत ब्‍याज के साथ किया जाए, परन्‍तु चूंकि जिस बैंक को पर्याप्‍त धनराशि की बीमा पालिसी न कराने के लिए उत्‍तरदायी बताया गया, उस बैंक के साथ समझौता कर लिया गया। अत: किसी बढ़ी हुई राशि के लिए बीमा कंपनी को उत्‍तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। यूनियन बैंक आफ इण्डिया से समझौता करने के पश्‍चात उच्‍च दर से बीमा राशि प्राप्‍त करने का अधिकार परिवादी का समाप्‍त हो जाता है। बीमा पालिसी केवल 5,30,257/-रू0 के लिए जारी की गई थी, परन्‍तु चूंकि स्‍टॉक अधिक होने के कारण बीमा कराने के दण्‍ड स्‍वरूप अंकन 3,76,186/-रू0 देय पाया गया, जिसका प्रस्‍ताव परिवादी को दिया गया।

 

-3-

4.        चूंकि स्‍वंय परिवाद में वर्णित तथ्‍यों के अनुसार बैंक के समक्ष परिवादीगण द्वारा स्‍टाक प्रस्‍तुत किया गया, इसके बावजूद बैंक द्वारा कम मूल्‍य की पालिसी प्राप्‍त की गई और उसी बैंक से परिवादीगण द्वारा समझौता कर लिया गया, इसलिए जिस बैंक का मुख्‍य उत्‍तरदायित्‍व था, उससे समझौता किया जा चुका है। बीमा कंपनी केवल अपने उत्‍तरदायित्‍व तक सीमित है, इसलिए बीमा कंपनी के विरूद्ध केवल उसी राशि की अदायगी का आदेश पारित किया जा सकता है, जिसका प्रस्‍ताव बीमा कंपनी द्वारा परिवादीगण को दिया गया था और यह राशि 3,76,186/-रू0 है। तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

5.        प्रस्‍तुत परिवाद इस सीमा तक स्‍वीकार किया जाता है कि बीमा कंपनी केवल 3,76,186/-रू0 तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज देय होगा।

          परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 25,000/-रू0 भी देय होंगे।

          उपरोक्‍त समस्‍त राशि का भुगतान इस निर्णय/आदेश की तिथि से 45 दिवस के अन्‍दर किया जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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