Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/825

M/s Sanjay and Co - Complainant(s)

Versus

Umesh Kumar - Opp.Party(s)

M H Khan

13 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/825
( Date of Filing : 04 May 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. M/s Sanjay and Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Umesh Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Mar 2024
Final Order / Judgement

 (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-825/2007

मैसर्स संजय एण्‍ड कंपनी, 20 कांता बटाटा बाजार, पण्डित जवाहर लाला नेहरू मार्केट यार्ड कलमना, नागपुर-8 (महाराष्‍ट्र)

 

बनाम

 

उमेश कुमार त्‍यागी पुत्र श्री निरोत्‍तम त्‍यागी, निवासी ग्राम मिहावा, तहसील खेरागढ़, जिला आगरा

 

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित      : श्री एम.एच. खान।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित        : श्री आर.के. गुप्‍ता।

दिनांक : 13.03.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-638/2002, उमेश कुमार त्‍यागी बनाम मैसर्स संजय एण्‍ड कंपनी में विद्वान जिला आयोग, प्रथम आगरा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20.10.2005 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम.एच. खान तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर.के. गुप्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि प्रश्‍नगत प्रकरण उपभोक्‍ता प्रकरण की श्रेणी में नहीं आता है, क्‍योंकि परिवादी द्वारा अपीलार्थी को आलू विक्रय के लिए देने का कथन किया गया है न कि अपीलार्थी की सेवा लेने के लिए।

 

-2-

3.        परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि विपक्षी ने नागपुर सब्‍जी मण्‍डी में अंकन 300/-रू0 प्रति 40 किलोग्राम की दर से बिक्री का वायदा किया था। परिवादी के निवास पर ही शर्त तय हुई थी और परिवादी ने आलू भेजने की स्‍वीकृति दी थी, परन्‍तु निर्धारित समयावधि के अंतर्गत मूल्‍य प्राप्‍त नहीं हुआ। इस प्रकार यह संव्‍यवहार विशुद्ध रूप से व्‍यापारिक संव्‍यवहार है। पक्षकारों के मध्‍य सेवाप्रदाता एवं सेवाग्राह्यता के संबंध नहीं हैं, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय नहीं है। विद्वान जिला आयोग ने गैर उपभोक्‍ता विवाद पर अपना निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्‍त होने और प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

4.        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20.10.2005 अपास्‍त‍ किया जाता है तथा गैर उपभोक्‍ता विवाद के कारण परिवाद खारिज किया जाता है।

          प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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