(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-334/2010
(जिला उपभोक्ता आयोग, बदायूँ द्वारा परिवाद संख्या-274/2003 में पारित निणय/आदेश दिनांक 08.12.2009 के विरूद्ध)
1. दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड, द्वारा मैनेजर, ब्रांच श्याम नगर, बदायूँ।
2. दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड, द्वारा डिविजनल मैनेजर, डिविजनल आफिस 85-ए, सिविल लाइन्स, बरेली।
3. दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड, रजिस्टर्ड आफिस 87, एम.जी. रोड, फोर्ट, मुम्बई 400001.
अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
1. मैसर्स उमेश जनरल स्टोर बड़ा बाजार, बदायूँ द्वारा प्रोपराइटर।
2. उमेश चन्द्र पुत्र स्व0 श्री कृष्ण स्वरूप।
प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री आईपीएस चड्ढा।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 06.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-274/2003, मै0 उमेश जनरल स्टोर बनाम दि न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, बदायूँ द्वारा पारित बहुमत निर्णय/आदेश दिनांक 08.12.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला आयोग ने बहुमत से परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 1,59,335/-रू0 की क्षतिपूर्ति 10 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है, जबकि पीठ के एक सदस्य द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया है कि जिस स्थान पर आग लगी थी, वह स्थान बीमा पालिसी के अंतर्गत कवर नहीं था, इसलिए बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति की राशि अदा करने के लिए उत्तदायी नहीं है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी का व्यवसाय बड़ा बाजार बदायूँ में स्थित है। परिवादी ने अपने उक्त व्यवसाय के स्टोर/गोदाम में रखे हुए जनरल स्टोर के सामान की सुरक्षा के लिए अंकन 2,00,000/-रू0 की अग्नि बीमा पालिसी प्राप्त की थी। बीमित अवधि के दौरान दिनांक 10/11.12.2001 की रात्रि में एक बजे गोदाम में आग लग गई और सभी सामान जलकर राख हो गए। दिनांक 11.12.2001 को लिखित पत्र द्वारा बीमा कंपनी को सूचित किया गया और थाना कोतवाली में लिखित तहरीर दी गई तथा आग नियंत्रित करने लिए दमकल विभाग की गाड़ी बुलानी पड़ी। फायर ब्रिगेड द्वारा अंकन 3250/-रू0 का शुल्क भी लिया गया, परन्तु बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम अदा नहीं किया गया, इसलिए उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया गया।
4. बीमा कंपनी का कथन है कि जिस परिसर में आग लगी है, वह बीमा पालिसी के अंतर्गत कवर नहीं है, इसलिए बीमा क्लेम देय नहीं है।
5. पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा बहुमत द्वारा बीमा क्लेम देय माना गया, जबकि एक सदस्य द्वारा बीमा क्लेम देय नहीं माना गया।
6. बीमा कंपनी द्वारा यह अपील बहुमत निर्णय के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है तथा यह अभिवाक लिया गया है कि जिस गोदाम में आग लगना कहा गया है, वह गोदाम पालिसी के अंतर्गत बीमित नहीं था, इसलिए बीमा क्लेम देय नहीं है। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में कथन किया है कि परिवादी का व्यवसाय बड़ा बाजार स्थित दुकान पर होता है, इस व्यवसाय के स्टोर एवं गोदाम में रखे हुए सामान का बीमा मैसर्स उमेश जनरल स्टोर बड़ा बाजार के नाम से हुआ है। यह गोदाम भी बड़ा बाजार बदायूँ में मौजूद है, इसे कहीं अन्यत्र परिवर्तित नहीं किया गया, जबकि बीमा कंपनी का यह कथन है कि बड़ा बाजार स्थित किसी गोदाम में आग नहीं लगी। सर्वेयर द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया और यह पाया गया कि बीमाधारक को क्षति कारित हुई है और अंकन 1,70,250/-रू0 की क्षतिपूर्ति अदा करने की अनुशंसा की है। सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया कि किसी अन्यत्र जगह पर गोदाम स्थित है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करना उचित प्रतीत नहीं होता है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
7. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2