Mumtaj Hussain filed a consumer case on 01 Feb 2016 against UIICO in the Dungarpur Consumer Court. The case no is 66/2015 and the judgment uploaded on 01 Feb 2016.
जिला उपभोक्ता, विवाद प्रतितोश मंच, डूंगरपुर (राज.)
पीठासीन अधिकारी: श्री कन्हैयालाल जोगी ः अध्यक्ष
श्री निखिल चैबीसा ः सदस्य
श्रीमती अनुभा षर्मा ः सदस्य
परिवाद संख्या 65/2015
श्री मुमताज हुसैन पिता रोषन अली सहैद, निवासी, 88 अन्जुमन सोसायटी पोलो ग्राउण्ड, राजस्थान बाल कल्याण समिति, साबरकांठा, हिम्मतनगर (गुजरात) - परिवादी
बनाम्
युनाईटेड इण्डिया इंष्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, षाखा कार्यालय षास्त्री मार्ग, डूंगरपुर - विपक्षी
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
’’’’’
उपस्थित ः अधिवक्ता श्री अमृतलाल पंचाल, परिवादी की ओर से
अधिवक्ता श्री लक्ष्मीलाल जैन, विपक्षी की ओर से
ःः निर्णय:ः दिनांक:- 01.02.2016
परिवादी ने यह परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 12 के अन्तर्गत पेष किया जिसके संक्षिप्त सारांष इस प्रकार है कि
परिवादी वाहन नम्बर ळश्र9.ठ।.480 का पंजिकृत स्वामी है। उक्त वाहन का पुराना नं. ळश्र9ग्.8704 था। परिवादी ने उक्त वाहन की विपक्षी बीमा कंपनी से दिनांक 02.11.2013 को च्तपअंजम ब्ंत च्ंबांहम च्वसपबल संख्या 1416013113 पी 105091205 ली थी । जिसके लिये बीमा प्रिमीयम की कुल राषि 14806/- रूपया विपक्षी को अदा की थी । जिसकी बीमा अवधि दिनांक 02.11.2013 से दिनांक 01.11.2014 तक थी। दिनांक 13.11.2013 को उक्त बीमित वाहन उदयपुर से झाडोल के बीच दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गया। जिसकी सूचना परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी को दे दी। वाहन को वास्ते दुरूस्ती क्लासीक मोटर वर्क षाॅप, उदयपुर में रखवाया गया, जहां पर विपक्षी बीमा कंपनी के सर्वेयर ने वाहन की क्षति का निरीक्षण करने के बाद परिवादी को वाहन दुरस्ती करने की हिदायत दी। परिवादी ने वाहन दुरस्त करवा लिया जिसका बिल रू0 42741/- अक्षरे बंयालिस हजार सात सौ इकतालिस रूपया हुआ, जिसका भुगतान परिवादी ने अपने पास से कर दिया। तत्पश्चात परिवादी ने वाहन दुरस्ती का बिल अदायगी हेतु एक क्लेम प्रार्थनापत्र मय असल दुरस्ती बिल के एवं वांछित दस्तावेज के साथ विपक्षी बीमा कंपनी में जमा कराये गये। छः माह की अवधि गुजरने पर भी जब परिवादी को क्षतिपुर्ति की अदायगी बीमा कंपनी द्वारा नहीं किए जाने पर प्रार्थी ने विपक्षी कंपनी के षाखा प्रबंधक से इसकी जानकारी चाही तो उन्होने कहा कि आपकी फाईल कहीं खो गई है मिल नही रही है, ढूंढवा रहे हैं जैसे मिलेगी सूचित कर क्लेम का भुगतान कर दिया जावेगा । काफी समय बाद भी सूचना नहीं मिली । अंत में परिवादी ने परिवाद प्रस्तुत कर वाहन दुर्धटना में हुई क्षतिपूर्ति राषि 42,741/- रू मय 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से माह दिसम्बर 2013 से भुगतान तक मय ब्याज के तथा मानसिक वेदन के 10,000/- रू. एवं परिवाद व्यय के 5,000/- रू. का अनुतोश चाहा ।
परिवाद पेष होने पर दर्ज रजिस्टर कर विपक्षी को नोटिस जारी किया गया । विपक्षी द्वारा जवाब प्रस्तुत कर निवेदन किया कि परिवादी की कलम संख्या एक में वर्णित तथ्य परिवादी द्वारा प्रस्तुत पंजीकृत प्रमाण पत्र की फोटोकाॅपी एवं इसके वेरीफीकेषन कराने के आधार पर इसमें उल्लेखित होने से, इसके अनुसार सही तथ्य है। परिवाद की काॅलम संख्या दो स्वीकार है। परिवादी ने दिनांक 13.11.2013 को विपक्षी बीमा कम्पनी में क्लेम प्रस्तुत करना स्वीकार है। वाहन की दुरस्ती का क्लासिक आॅटोमोबाईलस प्रा.लि. उदयपुर का बिल रू. 42471/- रू. होना सही है। परिवाद का काॅलम संख्या 4 अस्वीकार है। परिवादी ने उसके उक्त निजी वाहन का रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र की फोटोकाॅपी विपक्षी के यहां प्रस्तुत करा वेरीफाई करायी । विपक्षी द्वारा परिवादी को उसके चालक के चालक लाईसेन्स की फोटोकाॅपी को वेरीफाई कराने का कई बार कहा गया । परिवादी द्वारा इसकी पालना नही करने पर अंत में दिनांक 22.09.15 को पंजीकृत नोटिस विपक्षी के द्वारा परिवादी को लाइसेन्स वेरीफाई करने हेतु दिया गया इसके बावजुद आज दिन तक परिवादी द्वारा उसके उक्त वाहन के चालक का मूल लाईसेन्स विपक्षी को प्रस्तुत नही किया । इस आधार पर परिवाद प्रथम दृश्टया खारिज किये जाने योग्य है। अंत में विपक्षी ने जवाब प्रस्तुत कर परिवाद सव्यय खारिज करने का निवेदन किया । यदि परिवादी उसके चालक लाईसेन्स विपक्षी के यहां प्रस्तुत कर वेरीफाई करावें ताकि विपक्षी द्वारा क्लेम का निस्तारण षीध्र कर सके ।
परिवादी की ओर परिवाद के समर्थन में साक्ष्य के रूप में स्वयं का षपथ पत्र एवं दस्तावेज साक्ष्य के रूप में आर.सी. वाहन संख्या ळश्र9.ठ।.480ए बीमा पाॅलिसीए टेक्स इनवोइष, लीगल नोटिस की फोटोप्रतियां प्रस्तुत की ।
विपक्षीगण की ओर से जवाब के समर्थन में साक्ष्य के रूप में रतननसिंह रावत, पदेन वरिश्ठ षाखा प्रबंधक, युनाईटेड इण्डिया इंष्यों.कं.लि., डूंगरपुर का षपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप वाहन संख्या ळश्र9.ठ।.480 की बीमा पाॅलिसी, वाहन दुर्धटना दावा प्रपत्र, सर्वेयर की रिपोर्ट प्रतिवेदन, बीमा कम्पनी का रजि. नोटिस एवं पोस्टल रसीद एवं डिस्पेच रसीद दिनांक 22.09.2015 की फोटोप्रतियां पेष की ।
बहस उभयपक्ष सुनी गई । पत्रावली का ध्यानपुर्वक अवलोकन किया ।
उभयपक्षोें के अभिवचनों संे स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी द्वारा वाहन संख्या ळश्र9.ठ।.480 की बीमा च्तपअंजम ब्ंत च्ंबांहम च्वसपबल संख्या 1416013113 पी 105091205 ली थी जिसकी अवधि दिनांक 02.11.2013 से दिनांक 01.11.2014 तक थी। एवं बीमित अवधि में दिनांक 13.11.2013 को वाहन का दुर्धटनाग्रस्त होना एवं दुर्धटना वाहन क्षति क्लेम विपक्षी बीमा कम्पनी में प्रस्तुत किया । जिसका निस्तारण विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा नही किया गया ।
जिसके बाबत् विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा कारण बताया है कि चालक के ड्राईविंग लाईसेन्स का भौतिक सत्यापन के अभाव में निस्तारण नही किया गया है। परिवादी के अधिवक्ता द्वारा दौराने बहस दिनांक 28.01.2016 को चालक के लाईसेन्स की प्रति पेष की । मूल लाईसेन्स विपक्षी बीमा कम्पनी में प्रस्तुत करने को कहा । जिस पर विपक्षी बीमा कम्पनी के अधिवक्ता द्वारा बाद सत्यापन क्लेम निस्तारण करने का कथन किया । विपक्षी बीमा कम्पनी ने अपने जवाब में भी स्वीकारोक्ति की है कि वाहन चालक की अनुज्ञप्ति के सत्यापन होने पर क्लेम का निस्तारण अविलम्ब कर दिया जावेगा ।
उपरोक्त परिप्रेक्ष में परिवादी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
:ः आदेष:ः दिनांक:- 01.02.2016
अत परिवादी का यह परिवाद विरूद्ध विपक्षी बीमा कम्पनी के आंषिक रूप से स्वीकार किया जाता है एवं विपक्षी बीमा कम्पनी को आदेष दिया जाता है कि उनके पत्र क्रमांक 352 दिनांक 22.09.2015 में वांछित कार्यवाही के बाबत् परिवादी 15 दिवस की अवधि में मूल चालक अनुज्ञप्ति पेष कर देता है तो अविलम्ब क्लेम का निस्तारण करें । निर्णय की पालना एक माह की अवधि में सुनिष्चित करें । पक्षकारान खर्चा अपना-अपना वहन करेंगे ।
(श्री निखील चैबीसा) (श्रीमती अनुभा षर्मा) (कन्हैयालाल जोगी)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
उक्त आदेष आज दिनांक 01.02.2016 को हमारे हस्ताक्षर एवं मंच की मुद्रा के बाद सुनाया गया ।
(श्री निखील चैबीसा) (श्रीमती अनुभा षर्मा) (कन्हैयालाल जोगी)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
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