Rajasthan

Churu

130/2012

Geeta Devi - Complainant(s)

Versus

UIICO - Opp.Party(s)

LKG

02 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 130/2012
 
1. Geeta Devi
Taranagar Churu
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Shiv Shankar PRESIDENT
  Subash Chandra MEMBER
  Nasim Bano MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

प्रार्थीया की ओर से श्री ललित कुमार गौतम अधिवक्ता उपस्थित। अप्रार्थीगण की ओर से श्री विजय कस्वां अधिवक्ता उपस्थित। पक्षकारान की बहस सुनी गई। अप्रार्थी अधिवक्ता ने अपनी बहस में मुख्य तर्क यह दिया कि परिवाद में वर्णित प्रश्नगत पोलिसी अप्रार्थी के नई दिल्ली स्थित आॅफिस से जारी हुई थी। अप्रार्थी का रजिस्टर्ड आॅफिस चैन्नई में है व पोलिसी धारक की मृत्यु ओमान में हुई थी। इसलिए प्रार्थीया को इस मंच में परिवाद प्रस्तुत करने का कोई क्षैत्राधिकार प्राप्त नहीं है। अर्थात् प्रार्थीया का परिवाद केवल क्षैत्राधिकार के अभाव में ही खारिज करने का तर्क दिया। प्रार्थीया अधिवक्ता ने उक्त तर्कों का विरोध किया और तर्क दिया कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी की चूरू में भी शाखा स्थित है। इसलिए यह परिवाद इस मंच के क्षैत्राधिकार का है। प्रार्थीया अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया कि यदि मंच इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि परिवाद इस मंच के क्षैत्राधिकार का नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रार्थीया को परिवाद सक्षम मंच में प्रस्तुत किये जाने हेतु लौटाया जावे।

           हमने उभय पक्षों के तर्कों पर मनन किया। पत्रावली का ध्यान पूर्वक अवलोकन किया। मंच का निष्कर्ष निम्न प्रकार है।

           पत्रावली पर उपलब्ध बीमा कवरनोट के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रश्नगत पोलिसी अप्रार्थीगण के नई दिल्ली स्थित कार्यालय से जारी की गयी है व प्रार्थीया के पति की मृत्यु ओमान में होना स्वीकृत तथ्य है। परिवाद में वर्णित पोलिसी अप्रार्थी बीमा कम्पनी के चूरू जिले मंे स्थित कार्यलय से क्रय नही की गई और ना ही प्रार्थीया का चूरू जिले में कोई वादहैतुक प्राप्त हुआ ऐसी स्थिति में यदि प्रार्थीया का परिवाद मैरिट पर निस्तारित किया जाता है तो ऐसा निर्णिय क्षेत्राधिकार से परे ;व्नेज श्रनतपेकपबजपवदद्ध की श्रेणी मंे आयेगा ऐसा ही मत माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने द्वारा निर्णित निर्णय सोनिक सर्जिकल बनाम नैशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड सिविल अपील संख्या 1560/2004 निर्णय दिनांक 20.10.2009 में दिया है इसलिए मंच की राय में प्रार्थीया का परिवाद उक्त न्यायिक दृष्टान्त की रोशनी में इस मंच के क्षेत्राधिकार का नहीं हैं परन्तु केवल क्षेत्राधिकार के अभाव में प्रार्थीया का परिवाद अस्वीकार किया जाना उचित व न्यायोचित प्रतीत नहीं होता इसलिए मंच की राय में प्रार्थीया का परिवाद प्रार्थीया को सक्षम फोरम में प्रस्तुत किये जाने हेतु लौटाया जाना उचित है।

           अतः प्रार्थीया का परिवाद सक्षम फोरम में प्रस्तुत करने हेतु लौटाया जाता है। पक्षकारान प्रकरण व्यय स्वंय अपना-अपना वहन करेंगे। पत्रावली फैसला शुमार होकर दाखिल दफ्तर हो।

 

 
 
[HON'BLE MR. Shiv Shankar]
PRESIDENT
 
[ Subash Chandra]
MEMBER
 
[ Nasim Bano]
MEMBER

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