राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या :70/1999
(जिला मंच, अलीगढ़ द्धारा परिवाद सं0-120/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 26.11.1998 के विरूद्ध)
1- श्रीमती कंचन वार्ष्णेय
2- श्री नरेश कुमार वार्ष्णेय 8/111, मित्रनगर, अलीगढ़।
........... अपीलार्थी/परिवादीगण
बनाम
प्रबन्धक यूको बैंक रेलवे रोड़, अलीगढ़।
..........प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष :-
मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य
मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री ओ0पी0 दुवेल
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :01.8.2016
मा0 श्री जे0एन0 सिन्हा, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद सं0-120/1997 श्रीमती कंचन वार्ष्णेय व अन्य बनाम प्रबन्धक, यूको बैंक, अलीगढ़ में पारित आदेश दिनांक 26.11.1998, जिसके माध्यम से जिला मंच, अलीगढ़ द्वारा परिवाद खण्डित कर दिया गया एवं इस आशय का भी आदेश पारित किया गया कि परिवादीगण विपक्षी को रू0 1,000.00 आधारहीन व अविश्वसनीय प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करें, उक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर परिवादीगण/अपीलार्थी पक्ष की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री ओ0पी0 दुवेल उपस्थित आये। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील वर्ष-1999 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय व उपलब्ध अभिलेखों का गम्भीरता से परिशीलन किया गया।
परिवादीगण/अपीलार्थी पक्ष के अनुसार उन्हें एक भूखण्ड खरीदना था, जिसके लिए उन्हें धन की आवश्यकता थी, परन्तु सावधि जमा पत्रों, जो विपक्षी के पास जमा थे, प्राप्त न होने के कारण वह भूखण्ड प्राप्त नहीं हो सका और इकरारनामा भी नहीं किया जा सका एवं परिवादीगण/अपीलार्थी पक्ष द्वारा विक्रेता
-2-
को उक्त भूखण्ड के संबंध में जो 15,000.00 रू0 की धनराशि अग्रिम के रूप में जमा की गई थी, वह भी उसके द्वारा जब्त कर ली गई और इस प्रकार विपक्षी की सेवा में कमी के कारण व उपरोक्त भूखण्ड प्राप्त नहीं कर सकें है।
वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि अपीलार्थी प्रश्नगत भूखण्ड के संदर्भ में कोई अभिलेख/ साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, इसलिए अपीलार्थी/परिवादी अपने अभिवचन को प्रमाणित करने में असफल रहा है और इस संदर्भ में जिला मंच द्वारा दिया गया निष्कर्ष विधि अनुकूल है, परन्तु परिवादीगण/अपीलार्थी पक्ष द्वारा विपक्षी/प्रत्यर्थी को 1000.00 रू0 क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु पारित आदेश का अनुतोष दिया जाना उचित नहीं पाया जाता है और अपास्त करते हुए प्रस्तुत अपील अंशत: स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील अंशत: स्वीकार करते हुए जिला मंच, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-120/1997 श्रीमती कंचन वार्ष्णेय व अन्य बनाम प्रबन्धक, यूको बैंक, अलीगढ़ में पारित आदेश दिनांक 26.11.1998 में रू01000.00 क्षतिपूर्ति के संदर्भ में पारित आदेश अपास्त किया जाता है तथा निर्णय/आदेश के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।
(जे0एन0 सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-2