Uttar Pradesh

StateCommission

CC/421/2016

M/S Mama Food Enterprises - Complainant(s)

Versus

Uco Bank - Opp.Party(s)

Ram Kumar Verma

11 May 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/421/2016
 
1. M/S Mama Food Enterprises
Lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. Uco Bank
Lucknow
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 11 May 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

परिवाद संख्‍या-421/2016

 

मै0 मामा फूड इण्‍टरप्राइजेज,प्‍लाट नं0-39, पलिया मसूदपुर, देवा रोड, बाराबंकी द्वारा प्रोपराइटर श्री फूलवासी शर्मा, हाल पता 631/173, शिवपुरी कालोनी,कमता चिनहट, लखनऊ।

                     परिवादी    

बनाम्

यूको बैंक,1/8, विश्‍वास खण्‍ड,गोमती नगर, लखनऊ द्वारा शाखा प्रबन्‍धक।.

                                              विपक्षी

समक्ष :-

1-   मा0  न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान,     अध्‍यक्ष।

2-   मा0 श्रीमती बाल कुमारी,              सदस्‍य।

 

1-  परिवादी की ओर से उपस्थित -       कोई नहीं।

2-  विपक्षी की ओर से उपस्थित   -       कोई नहीं।

 

दिनांक : 18-07-2017

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय :

 

परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। परिवादी की ओर से दिनांक 11-05-2017 को भी कोई उपस्थित नहीं रहा है। उसके पूर्व दिनांक 21-03-2017 को भी परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया है। प‍रिवाद के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि वर्तमान परिवाद परिवादी मै0 मामा फूड इण्‍टरप्राइजेज की ओर से विपक्षी यूको बैंक  के विरूद्ध परिवादी फर्म द्वारा वर्ष 2015 में फैक्‍ट्री संचालन हेतु  विपक्षी बैंक से टर्म लोन खाता संख्‍या-16540610004913 से लिये गये 70,00,000/-रू0 एवं सी0सी0 खाता संख्‍या-16540510000557  से लिये गये 35,00,000/-रू0 के ऋण के संदर्भ में प्रस्‍तुत किया गया है। इस प्रकार स्‍पष्‍ट है  कि प्रश्‍नगत लोन व्‍यावसायिक उद्देश्‍य से लिया गया है। अत: धारा-2(1)(डी) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत परिवाद

 

2

उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं  आता है। परिवादी ने परिवाद पत्र में संशोधन के माध्‍यम से धारा-1-अ इस आशय की जोड़ा  है कि परिवादिनी फर्म की प्रोपराइटर है और अपनी जीविकोपार्जन के लिए स्‍व-रोजगार हेतु परिवादिनी ने फर्म को स्‍थापित करने के लिए ऋण लिया है। परिवादिनी ने परिवाद पत्र के साथ जो लोन एकाउन्‍ट का स्‍टेटमेंट प्रस्‍तुत किया है उसके अनुसार परिवादी फर्म प्रोपराइटर फर्म नहीं है बल्कि साझेदारी फर्म है और इस फर्म में साझेदार Brijesh Kumar, Phulwasi Sharma W/o Rampreet Sharma, Mahesh Prasad Maurya है और यह लोन फर्म मै0 मामा फूड इण्‍टरप्राइजेज के नाम से लिया गया है।  अत: यह स्‍पष्‍ट है कि परिवाद में सही तथ्‍य अभिकथित नहीं किये गये हैं और परिवादी धारा-2(1)(डी) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के स्‍पष्‍टीकरण का लाभ पाने की अधिकारी नहीं है।

उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर स्‍पष्‍ट है कि परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत ग्रहण किये जाने योग्‍य नहीं है अत: परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                            (बाल कुमारी)

           अध्‍यक्ष                                       सदस्‍य

 

कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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